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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Dec 2023
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हरियाणा को ऊर्जा दक्षता सूचकांक में देशभर में मिला दूसरा पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

14 दिसंबर 2023 को हरियाणा के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग को ऊर्जा दक्षता सूचकांक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली राज्य नामित एजेंसी श्रेणी (समूह-1) में दूसरा पुरस्कार मिला है।

प्रमुख बिंदु

  • नई दिल्ली में आयोजित 33वें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023 समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा हरियाणा के ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2021-22 के मध्य राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एस.ई.ई.आई.) में हरियाणा का स्कोर 55 था जबकि डीएनआरई/हरेडा एवं हरियाणा के अन्य हितधारक विभागों के सहयोगात्मक प्रयासों से एसईईआई 2023 में 72 अंक प्राप्त किया है।
  • प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 1534 मेगावाट है तथा कुल मिलाकर 24 प्रतिशत से अधिक बिजली का उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा से किया जा रहा है।
  • विदित हो कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा ऊर्जा की खपत को कम करने के विशेष प्रयासों के लिए उद्योगों और प्रतिष्ठानों को सम्मान देने हेतु वर्ष 1991 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों की योजना शुरू किया गया था।
  • इस पुरस्कार के अंतर्गत उद्योगों, परिवहन, भवन, संस्थान और उपकरण जैसी विशिष्ट क्षेत्र/श्रेणियों के तहत ये पुरस्कार जारी किए जाते हैं। इन क्षेत्रों से लगभग 65 संकेतक हैं जो 100 अंक के पैमाने पर राज्य के प्रदर्शन का आकलन करते है।
  • इस पुरस्कार के संस्थान श्रेणी के तहत पुरस्कार देश की राज्य नामित एजेंसी (एस.डी.ए.) को नीति, क्रियान्वयन और हितधारकों के साथ समन्वय में उनके सक्रिय सहयोग के लिए दिया जाता है।
  • एस.डी.ए. श्रेणी के अंतर्गत 4 समूह हैं- समूह-1 में 15 मिलियन टन तेल समतुल्य (एम.टी.ओ.ई.) से अधिक खपत वाले राज्य है, समूत-2 में 5-15 एम.टी.ओ.ई. के राज्य, समूह-3 में 1-5 एम.टी.ओ.ई. के राज्य और समूह-4 में 1 एम.टी.ओ.ई. से कम खपत वाले राज्य हैं।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरों (बीईई), ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के कियान्वयन के लिए केन्द्रीय नोडल एजेंसी है। जबकि नवीन नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हरियाणा राज्य नामित एजेंसी (एसडीए) है।

 


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हरियाणा ग्रुप-डी कर्मचारियों के लिए संशोधित स्थानांतरण नीति घोषित

चर्चा में क्यों?

14 दिसंबर 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा ग्रुप-डी कर्मचारी अधिनियम, 2018 (कॉमन कैडर) के अंतर्गत आने वाले ग्रुप-डी कर्मचारियों के लिए अपनी स्थानांतरण नीति में संशोधन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस संशोधित नीति का उद्देश्य ग्रुप-डी कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करना एवं कॉमन काडर के भीतर अधिक पारदर्शी और कुशल स्थानांतरण प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
  • इस संशोधित नीति के अंतर्गत प्रत्येक कर्मचारी को अवांछित पदों की पहचान करनी होगी (उनके संभावित आवंटन से बाहर करने के लिए) और निर्दिष्ट पोर्टल के माध्यम से स्थानांतरण के लिए पसंदीदा जिलों को प्राथमिकता देनी होगी।
  • इस संशोधित नीति के अंतर्गत केवल प्रथम अनुसूची के क्रमांक-1 में सूचीबद्ध पदों (हरियाणा सरकार के विभागों में सफाई कर्मचारी, चौकीदार और सफाई कर्मचारी-सह-चौकीदार पदों को छोड़कर), पर नियमित आधार पर नियुक्त ग्रुप-डी कर्मचारी ही पात्र हैं।
  • इस संशोधित नीति के तहत स्थानांतरण अभियान में भागीदारी के लिए आधार अथवा पीपीपी को एचआरएमएस से जोड़ना अनिवार्य है।
  • इस संशोधित नीति के तहत एचआरएमएस में कुल रिक्त पदों में से केवल 80 प्रतिशत पदों पर ही विचार किया जाएगा। शेष 20 प्रतिशत अनुपलब्ध होगा साथ ही विभाग-वार और पद-वार गणना की जाएगी।

 


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नई शिक्षा नीति-2020 को 2025 तक पूरे प्रदेश में लागू करने का लक्ष्य

चर्चा में क्यों?

14 दिसम्बर 2023 को हरियाणा के उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति-2020 को वर्ष 2025 तक लागू करने का लक्ष्य है।

प्रमुख बिंदु

  • उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति-2020 को 30 अगस्त,2021 से लागू करने की शुरुआत की गई थी।
  • उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि वर्ष 2030 तक उच्चतर शिक्षा में लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत से अधिक करना है।
  • वर्तमान में हरियाणा में लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 32 प्रतिशत है।
  • उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि स्नातक शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, थ्री-डी मशीन, डेटा-विश्लेषण, जैवप्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के समावेशन से अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी कुशल पेशेवर तैयार होंगे और युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी।
  • विदित हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक समावेशी और प्रेरक नीति है, जिसका उद्देश्य भारत में शिक्षा प्रणाली का सुधार और परिवर्तन करना है।

 


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