ऑल इंडिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस का वर्चुअल माध्यम से आयोजन | उत्तर प्रदेश | 18 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
17 दिसंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के जनपद वाराणसी में ऑल इंडिया मेयर्स कॉन्प्रेंस का वर्चुअल माध्यम से आयोजन किय गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया। यह ऑल इंडिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस की पहली बैठक थी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑल इंडिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस नगरीय क्षेत्रों के विकास को आगे बढ़ाने की एक सुनिश्चित योजना का हिस्सा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग 120 महापौर व्यवस्थित विकास के इस मॉडल को समझकर और अपने अनुभवों को इस कॉन्फ्रेंस में साझा करते हुए विकास के सस्टेनेबल मॉडल को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर अर्थव्यवस्था की प्रेरक शक्ति हैं। शहरों को वाइब्रेंट इकोनॉमी का हब बनाना चाहिये। एक समग्र प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जहाँ एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिये सभी सुविधाएँ एक साथ विकसित हों तथा जो आर्थिक गतिविधियों को आमंत्रित करने के साथ ही उन्हें बढ़ावा भी दें।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ स्वरोज़गार को विकसित करने की एक महत्त्वपूर्ण योजना है। इस योजना द्वारा ज़िले की परंपरागत कला, हस्तशिल्प, उद्यम कला को विशिष्ट पहचान और उसे उद्यम गतिविधियों से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
- उन्होंने महापौरों से कहा कि वे अपने शहर के किसी विशिष्ट उत्पाद अथवा स्थान की विशिष्ट पहचान को विकसित करें। उन्होंने महापौरों से अपने शहर में रेहड़ी-पटरी दुकानदारों की एक सूची बनाने और उनको योजनाओं से जोड़ने तथा डिजिटल लेन-देन एवं वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के निर्देश दिये।
- प्रधानमंत्री ने महापौरों से कहा कि ‘सुगम्य भारत अभियान-सुलभ भारत अभियान’के तहत शहरों में दिव्यांगों के अनुकूल सुविधाओं को विकसित किया जाए।
28 अनाज गोदामों, साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर एवं इंटरनेट बैंकिंग तथा कोऑपरेटिव बैंक की 13 नई शाखाओं का लोकार्पण | उत्तर प्रदेश | 18 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
17 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा निर्मित 28 अनाज गोदामों, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक मुख्यालय पर साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर एवं इंटरनेट बैंकिंग, कोऑपरेटिव बैंक की 13 नई शाखाओं का लोकार्पण तथा नाबार्ड से वित्त पोषित 294 पैक्स में कम्प्यूटराइज़ेशन कार्य का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय भवन तथा ए.सी.एस.टी.आई. के मीटिंग हॉल एवं 32 कक्षों के हॉस्टल के जीर्णोद्धार कार्यों का भी उद्घाटन किया।
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा 28 नए गोदाम बनाए हैं। यहाँ लगभग डेढ़ लाख मीट्रिक टन अनाज की वैज्ञानिक तरीके से भंडारण की व्यवस्था होगी। इसके तहत पीलीभीत, मिर्ज़ापुर, बस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, अमरोहा, बिज़नौर, रामपुर, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झाँसी, बदायूँ, बरेली, महराजगंज, भदोही, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कौशांबी और फतेहपुर में भंडार गृह बनाए गए हैं।
- उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की 13 नई शाखाओं- फतेहपुर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अमरोहा, संभल, अमेठी, अंबेडकरनगर, गोरखपुर तथा महराजगंज का उद्घाटन किया गया है। साथ ही मुख्यालय का लोकार्पण भी किया गया है।
- कृषि प्रशिक्षण संस्थान हब तथा नाबार्ड के वित्तपोषण से प्रदेश के लगभग 300 पैक्स में कंप्यूटराइज़ेशन का कार्य हुआ है। पैक्स में कम्प्यूटराइज़ेशन से भ्रष्टाचार की संभावनाएँ समाप्त हो जाएंगी। पैक्स को ज़िला कोऑपरेटिव बैंक से, ज़िला कोऑपरेटिव बैंक को स्टेट कोऑपरेटिव बैंक से और स्टेट कोऑपरेटिव बैंक को नाबार्ड से जोड़ा जाएगा।
- उत्तर प्रदेश सहकारिता विभाग ने लगभग 46,000 से अधिक कोऑपरेटिव्स- गन्ना, मत्स्य, रेशम, खादी ग्रामोद्योग, हैण्डलूम, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, हाउसिंग या पैक्स सभी में पारदर्शिता लाने के लिये बहुत बड़ा अभियान संचालित किया है। इससे आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश को बहुत बड़ा फायदा मिलेगा।
- ज्ञातव्य है कि 19 प्रतिशत एग्रीकल्चर फाइनेंस, उर्वरक वितरण लगभग 35 प्रतिशत सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाता है। 25 प्रतिशत खाद का उत्पादन सहकारिता समितियों द्वारा किया जाता है। लगभग 22 प्रतिशत दूध की खरीद एवं उत्पादन सहकारिता के माध्यम से होता है। गेहूँ की 22 प्रतिशत खरीद, 20 प्रतिशत धान की खरीद तथा 21 प्रतिशत मत्स्य संबंधी कार्य सहकारिता के माध्यम से किये जाते हैं।
- लगभग 8 लाख 55 हज़ार सहकारी समितियाँ देश भर में अनेक क्षेत्रों में फैली हैं। यह समितियाँ छोटे-छोटे लोगों को जोड़कर बहुत बड़ा कार्य कर रही हैं। लिज्जत पापड़, अमूल दूध, इफ्को व कृभको खाद एक कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाती हैं।