नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Nov 2022
  • 1 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रदेश के 10 ज़िलों में बनेंगे भव्य, अत्याधुनिक न्यायालय

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 10 ज़िलों में भव्य और अत्याधुनिक सुविधाओं वाले न्यायालय भवनों के निर्माण के लिये अधिकारियों को निर्देश दिया है।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा, औरैया, हापुड़, कौशांबी, महोबा, बहराइच, चंदौली, हाथरस सहित 10 ज़िलों में नए न्यायालय भवनों के निर्माण के लिये लोक निर्माण और नियोजन विभाग के अफसरों को 15 दिन के अंदर डिटेल प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने के लिये कहा है।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि इन भवनों की डिज़ाइन न सिर्फ खूबसूरत हो, बल्कि इन्हें वर्टिकल आकार में बनाया जाए, जिससे भूमि की भी बचत हो। साथ ही, इन्हें आने वाले 25 से 30 साल बाद की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया जाए।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नए न्यायालय भवनों में न्यायाधीशों के लिये सुंदर, स्वच्छ और हवादार कमरों के साथ ही अधिवक्ताओं के लिये अच्छे चैंबर, बड़ी लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्किंग और सेमिनार हॉल भी निर्मित किये जाएँ। निर्मित किये जाने वाले नए न्यायालय भवनों को सर्व सुविधायुक्त बनाकर इन्हें प्रदेश ही नहीं, देश में भी एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाए।
  • मुख्यमंत्री ने 10 ज़िलों में नए बनने वाले न्यायालय भवनों के साथ ही न्यायाधीशों और अन्य न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये आवासीय कॉलोनी के निर्माण के लिये भी अधिकारियों को निर्देशित किया है। सभी न्यायालयों और रजिस्ट्रार दफ्तरों को ई-ऑफिस के रूप में अपग्रेड करने के लिये भी कहा है।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि देश के किसी भी न्यायालय भवन में कोई भी अच्छी व्यवस्था दिखती हो तो उसे भी आर्किटेक्चर में शामिल करें। खासकर के महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश के न्यायालय भवनों को ज़रूर देखें।
  • उन्होंने नए न्यायालय भवनों के लिये तीन कैटेगरी बनाने के लिये कहा है, जिसमें 40-70 लाख की आबादी, 25-40 लाख की आबादी और 25 लाख से कम आबादी वाले ज़िलों के लिये अगले 25 साल की ज़रूरतों के हिसाब से न्यायालय भवनों की रूपरेखा तैयार की जाए।
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने सभी ज़िलों के ज़िलाधिकारी और पुलिस कप्तानों को ज़िला जज के साथ नियमित बैठक करने के भी निर्देश दिये हैं। ये बैठकें ज़िला जज की अध्यक्षता में होंगी और इसमें डीएम और एसपी अथवा एसएसपी का होना अनिवार्य है।  

बिहार Switch to English

बिहार के हर ज़िले में खुलेंगे ‘भूकंप क्लीनिक’

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार राज्य सरकार ने भूकंप से बचाव के क्रम में राज्य के हर ज़िले में ‘भूकंप क्लीनिक’ खोलने का फैसला किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार इस पहल के तहत राज्य की राजधानी पटना, मुज़फ्फरपुर और भागलपुर में ये क्लीनिक खुल चुके हैं।
  • गौरतलब है कि इन दिनों एक के बाद एक भूकंप के झटके आ रहे हैं। कई बार भूकंप के कारण जान-माल का काफी नुकसान भी होता है। भूकंप से होने वाले नुकसान से बचने के लिये कई तरह की पहल राज्य सरकारें करती हैं, जैसे- लोगों में सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूकता फैलाना आदि। इसी क्रम में बिहार सरकार ने यह पहल शुरू करते हुए प्रदेश के हर ज़िले में भूकंप क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया है।
  • इन क्लीनिक में लोगों को ऐसे इलाकों में बनने वाले ईंट और सीमेंट से बने मकान के बारे में बताया जाएगा। यहाँ इंजीनियर बताएंगे कि मकान की नींव किस तरह से तैयार की जाए, साथ ही पिलर की गहराई, सरिया का साइज और इस्तेमाल किस तरह से किया जाए। इसके साथ ही मकान में वेंटिलेशन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसी तरह बांस और घास-फूस से बनने वाले मकानों को सुरक्षित रखने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।  
  • कई बार ऐसा भी होता है कि भूकंप का डर दिखा कर बिल्डर लोगों को गुमराह करते हैं और अपनी मार्केटिंग भी करते हैं। ऐसे में भूकंप क्लीनिक लोगों में जागरूकता भी फैलाएगी।  
  • भूकंप क्लीनिक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल की टीमें लोगों को इसके खतरे से आगाह करती हैं। वे इसके लिये मॉक ड्रिल आदि करती हैं। भूकंप आने के समय कैसे अपना बचाव करें, इसकी ट्रेनिंग भी भूकंप क्लीनिक में दी जाती है। इसके अलावा भूकंप बाहुल्य इलाकों में किस तरह से घरों का निर्माण किया जाए, आपदा प्रभावित मकानों को दोबारा कैसे बनाएँ आदि के बारे में भी इन भूकंप क्लीनिक में बताया जाता है।
  • भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जो कहीं भी, कभी भी आ सकती है। भूकंप की संभावना को देखते हुए क्षेत्रों को सिसमिक ज़ोन के आधार पर बाँटा जाता है। बिहार को सिसमिक ज़ोन-4 के अंतर्गत रखा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार सिसमिक ज़ोन 4 को देखते हुए अगर बिहार में .5 की तीव्रता का भूकंप आए तो इससे बड़े पैमाने पर नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।   

राजस्थान Switch to English

अष्टम् राष्ट्रीय कोसीडीसी अवार्ड्स-2022

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने जोधपुर ज़िले के शिकारगढ़ में राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (रीको) के तत्वावधान में काउन्सिल ऑफ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कोसीडीसी) की ओर से अष्टम् राष्ट्रीय कोसीडीसी अवार्ड्स-2022 समारोह का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्री शकुंतला रावत ने कोसीडीसी की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों की कंपनियों, संस्थानों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों के पदाधिकारियों एवं उद्यमियों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों एवं उल्लेखनीय योगदान के लिये नेशनल अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया। आउटस्टैंडिंग एसआईडीसी अवार्ड ईडीसी लिमिटेड, गोवा को प्रदान किया गया।
  • समारोह में आंध्र प्रदेश, गोवा, केरल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु एवं राजस्थान के 50 उद्यमियों को उनके श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये सम्मानित किया गया। इनमें सर्वाधिक 21 उद्यमी राजस्थान के हैं।
  • राजस्थान में प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित उद्योगों के विकास एवं विस्तार के साथ ही इनमें उत्तरोत्तर निवेश की अपार संभावनाएँ हैं और ऑन शॉप डीलिंग में क्रूड ऑयल उत्पादन करने के मामले में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है।
  • प्रदेश के बाड़मेर ज़िले के पचपदरा में स्थापित हो रहे पैट्रोलियम रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के उत्पादों पर आधारित डाउनस्ट्रीम उद्योगों की स्थापना के लिये पचपदरा में ही रीको द्वारा राजस्थान पेट्रो जोन के रूप में एक पेट्रोलियम केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन की स्थापना की जा रही है।
  • उद्योग मंत्री ने बताया कि हाल ही में प्रदेश में नई राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2022 लागू की गई है और यह विभिन्न राज्यों में प्रचलित स्कीम्स में सबसे बेहतरीन है, जिसमें नवाचारों और अधिकतम व्यावहारिकता के साथ उद्यमों के लिये विभिन्न सहूलियतों एवं रियायतों का समावेश किया गया है। इसमें सेक्टर स्पेसिफिक पॉलिसीज, जैसे कि सोलर एनर्जी पॉलिसी, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी आदि भी लागू की गई हैं।
  • प्रदेश में 10 करोड़ से ज़्यादा के निवेश वाले उद्यमों के लिये वन स्टॉप शॉप प्रणाली लागू की गई है। इसके अंतर्गत 14 विभागों के अधिकारी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन में एक ही छत के नीचे ऐसे उद्यमों को तीव्र गति से स्वीकृतियाँ प्रदान कर रहे हैं।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में पारदर्शी एवं बेहतरीन पॉलिसी फ्रेमवर्क, सुविधाजनक एवं निवेश वातावरण के अलावा उद्योगों के लिये इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर का तीव्र गति से विकास किया गया है तथा राज्य के प्रत्येक उपखंड में रीको का कम-से-कम एक औद्योगिक क्षेत्र होगा। पिछले माह रीको ने ऐसे 25 औद्योगिक क्षेत्र लान्च किये हैं। वर्तमान में राज्य में रीको के 400 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं।
  • उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत राज्य में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा इन्वेस्टमेंट रीजन तथा जोधपुर-पाली-मारवाड़ इंडस्ट्रियल एरिया इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने के लिये नई कंपनी राजस्थान इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन कर दिया गया है।
  • भारतीय एवं विदेशी कंपनियों से निवेश पाने के मामले में राजस्थान देश भर में दूसरे स्थान पर है। राजस्थान को मिलने वाला नया निवेश वर्ष 2020-21 में 37 हज़ार करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 535 प्रतिशत बढ़कर 2 लाख 37 हज़ार करोड़ रुपए पहुँच गया। इस दृष्टि से राजस्थान औद्योगिक विकास, निवेश आदि सभी क्षेत्रों में अनुकूलतम राज्य की पहचान कायम कर रहा है।    

मध्य प्रदेश Switch to English

पीएम स्व-निधि योजना के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में अव्वल

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि ‘पीएम स्वनिधि योजना’के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में अव्वल है। योजना में अभी तक मध्य प्रदेश में 6 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर को ऋण वितरित किया जा चुका है।

प्रमुख बिंदु 

  • नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण में 5 लाख शहरी पथ विक्रेताओं को 498 करोड़ 77 लाख रुपए का ऋण वितरित कर मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
  • पीएम स्वनिधि योजना के द्वितीय चरण में (20 हज़ार रुपए ऋण राशि) 97 हज़ार 508 शहरी पथ विक्रताओं को 194 करोड़ 74 लाख रुपए का ऋण वितरित कर देश में द्वितीय स्थान पर है।
  • पीएम स्वनिधि योजना के तृतीय चरण में 1,726 शहरी पथ विक्रेताओं को 8 करोड़ 59 लाख रुपए का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया है। साथ ही 2 लाख 26 हज़ार स्ट्रीट बेंडर्स ने डिजिटली लेन-देन कर 3 करोड़ 15 लाख रुपए का कैशबैक प्राप्त किया है।
  • यह योजना 24 मार्च, 2020 को एवं इससे पूर्व शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग कर रहे ऐसे सभी पथ विक्रेताओं के लिये लागू है, जिनके पास शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग/पहचान-पत्र है।
  • गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के दौरान नगरीय क्षेत्र में सबसे ज़्यादा प्रभावित वर्ग स्ट्रीट वेंडर्स को 10, 20 एवं 50 हज़ार रुपए की कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान किये जाने के लिये केंद्र सरकार द्वारा ‘पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्म-निर्भर निधि योजना’(पीएम स्वनिधि) जुलाई 2020 से प्रारंभ की गई है।
  • योजना के प्रथम चरण में 10 हज़ार रुपए का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाता है। इसे समय पर चुका देने पर 20 हज़ार और फिर 50 हज़ार रुपए का ऋण दिया जाता है।

हरियाणा Switch to English

प्रदेश भर में स्थापित होंगे इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को चंडीगढ़ में आईसीसीसी परियोजना के तहत गठित समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार हर ज़िले में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) स्थापित किये जाएंगे।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य के मुख्य सचिव ने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) सुरक्षा और निगरानी, यातायात प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और ई-गवर्नेंस एप्लीकेशन के प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के साथ-साथ रियल टाइम जानकारी प्राप्त करने में सहयोगी साबित होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार पहले से ही तीन ज़िलों गुरुग्राम, फरीदाबाद और करनाल में आईसीसीसी के पायलट प्रोजेक्ट चला रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।
  • उन्होंने बताया कि आईसीसीसी परियोजना पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए राज्य में अपराध पर अंकुश लगाने में मील का पत्थर साबित होगी। राज्य सरकार इस योजना को लागू करने के लिये अपना मॉडल तैयार करेगी, जो थर्ड पार्टी की निर्भरता को खत्म कर देगा। स्मार्ट सिस्टम को अपडेट करने के लिये परियोजना की हर 5 साल में समीक्षा की जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि इस परियोजना घटकों में सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सॉल्यूशन, सेंसर/कैमरा, डिवाइस और आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। अगले सप्ताह तक इस प्रोजेक्ट के प्रस्तावित प्रारूप को विस्तृत जानकारी के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में बनेगा पहला इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में प्रशासनिक सचिवों की समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि हरियाणा में पहला इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अन्य स्थानों पर बने इस प्रकार के इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (आईसीसी) का भी बारीकी से अध्ययन किया जाए और उनकी व्यवहार्यता का भी मूल्यांकन किया जाए।
  • उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर फरीदाबाद के सेक्टर-78 में बनाया जाना है, इसके निर्माण में तेज़ी लाने के लिये अगले 15 दिनों में हितधारकों के साथ बैठक का आयोजन किया जाएगा।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा पुलिस के 4 अधिकारी ‘केंद्रीय गृह मंत्री पदक’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को हरियाणा पुलिस विभाग के प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हरियाणा के चार पुलिस अधिकारियों को वर्ष-2022 के लिये अन्वेषण में उत्कृष्टता हेतु ‘केंद्रीय गृह मंत्री पदक’से अलंकृत किया गया है। अलंकृत होने वालों में एक महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इंस्पेक्टर बसंत कुमार, सब इंस्पेक्टर योगेश कुमार, महिला सब इंस्पेक्टर सुमन देवी और हेड कॉन्स्टेबल गोपाल चंद को इस प्रतिष्ठित मेडल से सम्मानित किया गया।
  • इस प्रतिष्ठित पदक से अलंकृत पुलिस अधिकारियों द्वारा अन्वेषण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देते हुए साइंटिफिक इन्वेस्टीगेशन के माध्यम से मामलों को सुलझाया गया।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में इस मेडल की स्थापना अपराध की जाँच के उच्च पेशेवर मानकों को बढ़ावा देने और जाँच अधिकारियों द्वारा इस तरह की ‘जाँच में उत्कृष्टता’को मान्यता देने के उद्देश्य से की गई थी।

हरियाणा Switch to English

इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 हुई अधिसूचित

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को हरियाणा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने बताया कि राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 को अधिसूचित कर दिया है, जिसके तहत 12 योजनाओं को लाइव किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • आनंद मोहन शरण ने बताया कि इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके घटकों के निर्माण को बढ़ावा देना है। इस पॉलिसी के बनने से  इलेक्ट्रिक-व्हीकल के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • इसमें आधारभूत संरचना को मज़बूत करने के अलावा इलेक्ट्रिक-वाहनों की अग्रिम लागत को कम करने के लिये प्रावधान भी किये गए हैं, जिससे हाइब्रिड ईवी के खरीदारों को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
  • इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिये जिन 12 योजनाओं को लाइव किया गया है, उनमें खरीदारों के लिये खरीद प्रोत्साहन, चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन योजना, शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति योजना, पूंजीगत सब्सिडी योजना, रोज़गार सृजन अनुदान योजना, विद्युत शुल्क छूट योजना, स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति योजना, पेटेंट शुल्क प्रतिपूर्ति योजना, आर एंड डी प्रोत्साहन, मानव क्षमता निर्माण उत्कृष्टता केंद्र योजना, बीज एवं परिवर्तन निधि योजना, जल उपचार प्रोत्साहन योजना शामिल हैं।

झारखंड Switch to English

राँची में ‘खेलो इंडिया वूमेन वुशु लीग’ का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को झारखंड की खेल निदेशक सरोजनी लकड़ा ने राज्य के राँची के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव इंडोर स्टेडियम में ‘खेलो इंडिया वूमेन वुशु लीग’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर सरोजनी लकड़ा ने बताया कि झारखंड सरकार खिलाड़ियों को हरसंभव सहयोग कर रही है। उन्होंने महिलाओं को अपनी शक्ति पहचानने की भी प्रेरणा दी।
  • इस प्रतियोगिता में राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और मेज़बान झारखंड के 700 खिलाड़ी और अधिकारी भाग ले रहे हैं।
  • गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वालों को कुल 45 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

सुघ्घर पढ़वईया योजना

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों में उनकी प्रतिभा के अनुरूप कौशल विकसित करने के लिये ‘सुघ्घर पढ़वईया योजना’शुरू की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाल दिवस के अवसर पर इस योजना की घोषणा की थी।
  • इस योजना के तहत बच्चों में उत्कृष्ट अकादमिक कौशल विकसित करने के लिये स्कूलों को पुरस्कार भी मिलेगा। प्लेटिनम पाने वाले स्कूलों को एक लाख रुपए, गोल्ड पाने वाले स्कूलों को 50 हज़ार रुपए और सिल्वर पाने वाले स्कूलों को 25 हज़ार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
  • इस योजना का उद्देश्य स्वप्रेरणा से अच्छे कार्य एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है। उन्हें देखकर और भी शिक्षक अच्छे से कार्य करने के लिये प्रेरित हो सकेंगे। अधिक-से-अधिक शिक्षक सकारात्मक कार्य करने के लिये टीम बनाकर बेहतर माहौल बनाने में सफल होंगे।
  • विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अधिक-से-अधिक स्कूलों को बेहतर स्कूलों के रूप में विकसित करने की जवाबदेही लेने से सरकारी स्कूलों की छवि में अप्रत्याशित सुधार दिखाई देगा और प्रदेश के सरकारी स्कूल असरकारी प्रभाव दिखाने में सफल हो सकेंगे।
  • यह योजना राज्य के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों के लिये है। स्कूल के शिक्षक आपस में राय करके कभी भी योजना में शामिल हो सकते हैं। योजना में शामिल होने के लिये स्कूल को वेब-पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
  • स्कूलों के सभी शिक्षकों को साथ मिलकर स्कूल के सभी विद्यार्थियों में अकादमिक कौशल विकसित करना है। प्रमाण-पत्र के लिये पात्रता तभी होगी, जब पूरा स्कूल प्रमाण-पत्र का पात्र होगा। किसी एक शिक्षक, एक विद्यार्थी या एक कक्षा के लिये प्रमाण-पत्र नहीं होगा।
  • जो स्कूल योजना में शामिल होंगे, उन्हें लक्ष्य प्राप्ति के लिये अनुरोध करने पर ऑन डिमांड प्रशिक्षण तथा अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन स्कूलों को प्रमाण-पत्र मिलेगा, उन स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को भी प्रमाण-पत्र मिलेगा। प्रमाणीकरण की घोषणा थर्ड-पार्टी आकलन के तत्काल बाद वेब-पोर्टल पर की जाएगी। प्रमाण-पत्र स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोहपूर्वक प्रदान किया जाएगा।
  • स्कूल के सभी विद्यार्थियों का आकलन योजना के लिये स्वीकार किये गए समस्त अकादमिक कौशलों हेतु किया जाएगा और कम-से-कम 95 प्रतिशत विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप अकादमिक कौशल होने पर ही उस कक्षा और उस अकादमिक कौशल के लिये स्कूल को 1 अंक मिलेगा।
  • 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप न्यूनतम अकादमिक कौशल मिलने पर उस कक्षा और अकादमिक कौशल के लिये शून्य अंक दिया जाएगा।
  • जिन संकुलों के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल ‘सुघ्घर पढ़वईया’प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर, किसी भी स्तर का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेंगे, उन्हें सुघ्घर पढ़वईया संकुल का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
  • इसी प्रकार जिस विकासखंड के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर, किसी भी स्तर का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे, उन्हें सुघ्घर पढ़वईया विकासखंड का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पर प्लेटिनम, 85 प्रतिशत या उससे अधिक, परंतु 90 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर गोल्ड और 80 प्रतिशत या उससे अधिक, परंतु 85 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर सिल्वर प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
  • यदि कोई स्कूल इस योजना में सिल्वर या गोल्ड प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेता है तो वह स्कूल आगे और प्रयास करके सुघ्घर पढ़वईया गोल्ड या सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम प्रमाण-पत्र भी प्राप्त कर सकता है। इस योजना में निरंतर प्रगति का प्रयास किया जा सकता है। योजना में सभी स्कूल प्रयास करके सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

जल जीवन मिशन: राज्य में 16.42 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के ग्रामीण अंचलों में जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। अब तक राज्य में 16 लाख 42 हज़ार 479 घरेलू नल कनेक्शन लगाए जा चुके हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि जल जीवन मिशन संचालक टोपेश्वर वर्मा द्वारा समय-समय पर नल-जल योजनांतर्गत सोलर आधारित, रेट्रोफिटिंग, मल्टी विलेज और सिंगल विलेज योजनाओं के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जा रही है।
  • उन्होंने स्कूल, उप स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में रनिंग वाटर की व्यवस्था, आईएसए ट्रेनिंग, जल जीवन मिशन के कार्यों का प्रचार-प्रसार हेतु दीवार लेखन, चित्रकारी इत्यादि कार्य समयबद्ध रूप से कराए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। इसके साथ-ही-साथ सभी प्रगतिरत कार्य की अद्यतन जानकारी आईएमआईएस पोर्टल में इन्द्राज करना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में जल जीवन मिशन में एक हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 23 लाख 57 हज़ार 744 ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदाय किये जाने का लक्ष्य है। अब तक इस वित्तीय वर्ष में 6 लाख 18 हज़ार 491 ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदाय किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर के मान से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। अब तक राज्य के 43 हज़ार 844 स्कूलों में, 41 हज़ार 661 आंगनबाड़ी केंद्रों तथा 17 हज़ार 278 ग्राम पंचायतों और सामुदायिक उप-स्वास्थ्य केंद्रों में टैब नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्यस्तरीय व्यक्तित्व विकास प्रतियोगिता 2022-23

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ‘पढ़ाई तुंहर दुआर 0’ के अंतर्गत बच्चों के व्यक्तित्व विकास की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन राजधानी के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में किया गया। प्रतियोगिता में शामिल पाँच संभागों के विजेताओं को पुरस्कार दिया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • व्यक्तित्व विकास की इस प्रतियोगिता में निबंध, तात्कालिक भाषण, चित्रकला, विज्ञान प्रोजेक्ट मॉडल, भाषा एवं गणित या स्पीड गणित, स्पीड रीडिंग एवं सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
  • इसके पूर्व यह प्रतियोगिता स्कूल से संभाग स्तर तक 5 चरणों में आयोजित की गई। प्रतियोगिता प्राथमिक, मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के स्तर पर आयोजित की गई। राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में लगभग 200 विद्यार्थियों ने प्रतिनिधित्व किया।
  • समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेंद्र कुमार दुग्गा ने राज्यस्तरीय व्यक्तित्व विकास प्रतियोगिता के समापन अवसर पर कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियाँ बढ़ी हैं, इन चुनौतियों को अवसर मानते हुए बालक, पालक और शिक्षक मिलकर सतत् शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में 47 हज़ार से अधिक शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत् 43 लाख बच्चों में से चयनित होकर प्रतियोगिता में शामिल हुए हैं।
  • विज्ञान प्रोजेक्ट मॉडल प्रतियोगिता में पूर्व माध्यमिक स्तर पर प्रथम बिलासपुर ज़िले के प्रथमा केवट, द्वितीय जगदलपुर ज़िले के मयंक बालसहरिया, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले के अक्षत वैष्णव और द्वितीय स्थान पर दुर्ग ज़िले के ही नेमीचंद को पुरस्कृत किया गया।
  • निबंध प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम बिलासपुर ज़िले की यामिनी पांडेय, द्वितीय धमतरी ज़िले की भाविका सोनकर, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले की प्रिया लारेन्द्र, द्वितीय जगदलपुर ज़िले के राकेश मरकाम, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम जगदलपुर ज़िले की दीक्षा मांझी, द्वितीय दुर्ग ज़िले की शिवानी चौबे को पुरस्कृत किया गया।
  • तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में पूर्व माध्यमिक स्तर पर प्रथम बेमेतरा ज़िले की ज्योति साहू, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम जगदलपुर ज़िले की आकांक्षा और द्वितीय स्थान दुर्ग ज़िले की रागिनी सपहा ने प्राप्त किया।
  • चित्रकला प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम जगदलपुर ज़िले के अनन्य, द्वितीय बिलासपुर ज़िले की कंचन विश्वकर्मा, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले की अंकिता ओझा, द्वितीय बिलासपुर ज़िले की नुपुर माली, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम कांकेर ज़िले की पूजा जैन और द्वितीय रायपुर ज़िले के कमलेश्वर साहू को पुरस्कृत किया गया।
  • इसी प्रकार स्पीड रीडिंग प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम रायपुर ज़िले के मोहम्मद नुमान, द्वितीय दुर्ग ज़िले की प्रिया साहू, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम बलरामपुर ज़िले की माधुरी पटेल और द्वितीय बिलासपुर ज़िले की सुष्मिता गोंड को पुरस्कृत किया गया।
  • मौखिक गणित, स्पीड गणित प्रतियोगता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम सूरजपुर ज़िले के गौतम यादव, द्वितीय दुर्ग ज़िले के सत्यम साहू, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम अंबिकापुर ज़िले की माही गुप्ता और द्वितीय स्थान बिलासपुर ज़िले के मुल्कराज साहू ने प्राप्त किया।
  • सामान्य ज्ञान क्विज प्रतियोगिता में हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले के पवन कुमार और द्वितीय बिलासपुर ज़िले के देवेंद्र कुमार को पुरस्कार प्रदान किया गया। 

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड के ऐसे गाँव, जो भारत के प्रथम गाँव हैं, उनके सुनियोजित विकास के लिये ‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’शुरू की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सीमाओं पर स्थित गाँवों को अंतिम गाँव की बजाय प्रथम गाँव कहा था। ये गाँव देश के प्रथम गाँव के साथ प्रहरी भी हैं।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य की पहली प्राथमिकता है कि देश के इन प्रथम गाँवों का सुनियोजित विकास होना चाहिये। गाँवों में स्वच्छता के लिये ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’योजना भी शुरू की जाएगी, जिसमें प्रत्येक गाँव में एक पर्यावरण मित्र (स्वच्छक) की तैनाती की जाएगी तथा ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास के लिये ‘मुख्यमंत्री चौपाल’शुरू की जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि इन गाँवों में धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस वहाँ के लिये विशेष महत्त्व के होते हैं तथा गाँवों में इन विशेष दिवसों को चिह्नित कर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जाएँ। ग्राम सभा का स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इनमें उन गाँवों के बाहर रहने वाले प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिये विशेष रूप से प्रेरित किया जाए।
  • उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो, इसके लिये चौपाल लगाई जाए। इसके लिये ग्राम सभावार रोस्टर भी बनाया जाए। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इन चौपालों में दिये जाने वाले सुझावों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए गाँवों के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए।
  • उन्होंने बताया कि असली भारत गाँवों में बसता है। राज्य के समग्र विकास के लिये गाँवों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये तथा गाँवों के विकास के लिये किसी गाँव में एक कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जाए, जिसमें गाँवों के विकास से संबंधित प्रस्ताव हों। 

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow