उत्तर प्रदेश Switch to English
‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व-झाँसी जलसा’
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2021 को राज्य सरकार एवं केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में जनपद झाँसी में तीनदिवसीय ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व-झाँसी जलसा’कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झाँसी की रानी के 193वें जन्मदिन को आज़ादी के अमृत महोत्सव से जोड़कर यह कार्यक्रम मनाया जा रहा है।
- इस कार्यक्रम में सैन्य सुदृढ़ीकरण के कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, रंगकर्मियों द्वारा जन-सहभागिता को विकसित करने वाले विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे। बुंदेलखंडवासियों के लिये यह अभिनव कार्यक्रम होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनदिवसीय यह कार्यक्रम राष्ट्र रक्षा के प्रति समर्पण के भाव को आह्लादित कर रहा है। लोक कथाओं व काव्यों में झाँसी के ओज और तेज को वीर रस के साथ प्रस्तुत किया गया है।
- इस अवसर पर लोक कलाकारों ने राई नृत्य की सुंदर प्रस्तुति से लोगों को अभिभूत किया। इससे पूर्व लक्ष्मी व्यायाम मंदिर प्रांगण में सेना के जवानों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तथा कार्यक्रम के उपरांत रक्षा मंत्री ने हाथी ग्राउंड पर स्थित रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
- झांसी जलसा कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के झाँसी नोड के पहले प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे।
बिहार Switch to English
असर (ASER) रिपोर्ट
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2021 को 16वीं ऐन्यूअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ग्रामीण) 2021 जारी की गई। इसके अनुसार बिहार के सरकारी विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि हुई है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 6-14 वर्ष आयु समूह के बच्चों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 3.6% की वद्धि हुई है।
- 2020 में बिहार के सरकारी विद्यालयों में नामित बच्चों (6-14 वर्ष) की संख्या 76.9 प्रतिशत थी।
- बिहार के सरकारी विद्यालय में 78.2 प्रतिशत लड़के (6-14 वर्ष आयु समूह) एवं 82.9 प्रतिशत लड़कियाँ (6-14 वर्ष आयु समूह) नामांकित हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 67.9 प्रतिशत लड़के एवं 73 प्रतिशत लड़कियाँ ही सरकारी विद्यालयों में नामांकित हैं, शेष का निजी विद्यालयों में नामांकन है।
- रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के 73.5 प्रतिशत नामांकित विद्यार्थी ट्यूशन लेते हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 39.2 प्रतिशत है।
- वर्ष 2021 में बिहार के वैसे नामांकित विद्यार्थी, जिनके घरों में स्मार्टफोन है, की संख्या 54.5 प्रतिशत हो गई है, जो वर्ष 2018 में मात्र 27.2 प्रतिशत थी। यह कोविड दौर में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिलने के कारण संभव हुआ है।
- स्मार्टफोन की उपलब्धता के मामले में यद्यपि बिहार अभी भी सबसे निचले पायदान पर है। 97.5 प्रतिशत स्मार्टफोन उपलब्धता के साथ केरल जहाँ प्रथम स्थान पर है, वहीं राष्ट्रीय औसत भी 67.6 प्रतिशत है, जो बिहार की अपेक्षा काफी अधिक है।
- घरों पर स्मार्टफोन उपलब्ध होने के बावजूद भी बिहार के 53.8 प्रतिशत नामांकित विद्यार्थियों को पढ़ाई करने के लिये स्मार्टफोन नहीं मिल पा रहा है जो देश में सर्वाधिक है तथा यह एक बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है।
- बिहार के 89.4 प्रतिशत नामांकित बच्चों के पास उनके ग्रेड की पुस्तकें उपलब्ध हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 91.9 प्रतिशत है।
- रिपोर्ट के अनुसार, 6-14 वर्ष की आयु समूह में बिहार के 6.7 प्रतिशत बच्चे अभी भी अनामांकित हैं, जिनमें 7.1 प्रतिशत लड़के एवं 4.7 प्रतिशत लड़कियाँ शामिल हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर 4.6 प्रतिशत बच्चे अनामांकित हैं।
- रिपोर्ट से स्पष्ट है कि बिहार के मात्र 10 प्रतिशत नामांकित विद्यार्थी ही घरों से ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं, जबकि केरल में यह 91 प्रतिशत है, वहीं राष्ट्रीय औसत भी बिहार से काफी अधिक 24.2 प्रतिशत है।
- विदित हो कि शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (ASER) एन.जी.ओ ‘प्रथम’ द्वारा जारी की जाती है, जो ग्रामीण भारत के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति एवं बुनियादी पढ़ने और गणित की क्षमता पर आँकड़े प्रस्तुत करती है।
- कोविड-19 महामारी के कारण असर (ASER) 2021 एक फोन आधारित सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है।
राजस्थान Switch to English
महाराणा अवार्ड सम्मान समारोह
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2021 को दुबई के इंडिया क्लब में राजस्थान फाउंडेशन और मारवाड़ी युवा मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित महाराणा अवार्ड सम्मान समारोह में 49 राजस्थानी प्रतिभाओं को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये ‘महाराणा अवार्ड’से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा से राजस्थान को गौरवान्वित करने वाली प्रतिभाओं को कुल चार श्रेणियों में ‘महाराणा अवार्ड’दिये गए। इनमें 20 प्रतिभाओं को महाराणा आईकॉन अवार्ड, 15 प्रतिभाओं को महाराणा उद्यमी अवार्ड, एक प्रतिभा को महाराणा न्यूज़ अवार्ड और 13 प्रतिभाओं को महाराणा अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- फेडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्ट के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मान समारोह में प्रवासी राजस्थानियों को मिलने वाला यह सम्मान एक-दूसरे से जोड़ने में मददगार साबित होगा।
- डोरी (डॉक्टर्स ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल) फाउंडेशन के डॉक्टर रोहित पुरोहित ने बताया कि महाराणा अवार्ड विशेष रूप से उन प्रतिभाओं को दिया गया है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करके राजस्थान की खुशबू को पूरी दुनिया में फैलाया है।
- राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि दुबई एक्सपो के दौरान राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने निवेशकों के साथ कई दौर की वार्ताएँ आयोजित कीं। निवेशकों ने राजस्थान के सभी क्षेत्रों में निवेश करने पर खूब ज़ोर दिया और करीब 38000 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
मध्य प्रदेश Switch to English
राष्ट्रीय तुलसी एवं देवी अहिल्या सम्मान घोषित
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग ने वर्ष 2017 से 2020 तक के राष्ट्रीय तुलसी सम्मान और 2019 एवं 2020 के राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान घोषित कर दिये हैं। सम्मानित होने वाले कलाकारों का अलंकरण महेश्वर में 19 नवंबर से आरंभ होने वाले निमाड़ उत्सव के शुभारंभ अवसर पर पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर द्वारा किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय तुलसी सम्मान से सम्मानित होने वाले कलाकारों में वर्ष 2017 का सम्मान जयपुर के सुप्रतिष्ठित चित्रकार कैलाश चंद शर्मा को, वर्ष 2018 का सम्मान छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव ज़िले के सुप्रतिष्ठित बाँसुरी वादक विक्रम यादव को, वर्ष 2019 का सम्मान छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के ख्यात कबीर गायक डॉ. भारती बंधु को तथा वर्ष 2020 का सम्मान प्रतिष्ठित जनजातीय कलाकार तिलकराम पेंद्राम को प्रदान किया जाएगा।
- राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान से सम्मानित होने वाले कलाकारों में वर्ष 2019 का यह प्रतिष्ठित सम्मान मंडला की जनजातीय कलाकार शांति बाई मरावी को तथा वर्ष 2020 का सम्मान लखनऊ की अवधी, भोजपुरी एवं बंदेलखंडी शैली की सुविख्यात लोक गायिका मालिनी अवस्थी को प्रदान किया जाएगा।
- राष्ट्रीय तुलसी एवं देवी अहिल्या सम्मान से सम्मानित होने वाले कलाकारों को सम्मान स्वरूप 2 लाख की सम्मान राशि, सम्मान पट्टिका एवं शॉल-श्रीफल प्रदान किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिवर्ष जनजातीय, लोक एवं पारंपरिक कलाओं में उत्कृष्टता और श्रेष्ठ उपलब्धि को सम्मानित करने के लिये वार्षिक राष्ट्रीय तुलसी सम्मान की स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी जो केवल पुरुष कलाकार को प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय तुलसी सम्मान तीन वर्ष में दो बार प्रदर्शनकारी कलाओं और एक बार रूपंकर कलाओं के लिये दिया जाता है।
- इसी प्रकार जनजातीय, लोक एवं पारंपरिक कलाओं के क्षेत्र में महिला कलाकार को सम्मानित करने के लिये राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान की स्थापना विभाग द्वारा वर्ष 1996 में की गई थी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में 699 नए मोबाइल टावर को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ज़िलों के अछूते गाँवों में मोबाइल सेवाओं के लिये कुल 699 टावर लगाए जाने को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के साथ ही आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के आकांक्षी ज़िलों में भी मोबाइल सेवाओं के लिये मंज़ूरी दी है।
- छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ज़िलों में 4G आधारित मोबाइल सेवाओं के लिये कुल 699 टावर लगाए जाएंगे, जो यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) द्वारा वित्तपोषित हैं।
- परियोजना के तहत बस्तर ज़िले में 71, बीजापुर ज़िले में 176, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा ज़िले में 85, कोरबा ज़िले में 20, महासमुंद ज़िले में 7, नारायणपुर ज़िले में 171, राजनांदगाँव ज़िले में 57 और उत्तर बस्तर कांकेर ज़िले में 112 टावर लगाए जाएंगे।
- इस परियोजना में आत्मनिर्भरता के लिये उपयोगी डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने, सीखने की सुविधा, सूचना और ज्ञान का प्रसार, कौशल उन्नयन एवं विकास, आपदा प्रबंधन, ई-गवर्नेंस पहल, उद्यमों और ई-कॉमर्स सुविधाओं की स्थापना, ज्ञान साझा करने और उपलब्धता के लिये शैक्षिक संस्थानों को पर्याप्त समर्थन का प्रावधान करने तथा नौकरी के अवसर और डिजिटल इंडिया के विज़न को पूरा करने की परिकल्पना की गई है।
उत्तराखंड Switch to English
‘अपनी सरकार’ और ‘उन्नति पोर्टल’ का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम में ‘अपनी सरकार’ और ‘उन्नति पोर्टल’का शुभारंभ करते हुए ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में नौ विभागों की 75 सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन सेवाओं के शुरू होने से समय और धन की बचत होगी तथा इन सभी सर्टिफिकेट कैब को डिजी लॉकर में रखा जाएगा। अब घर-बैठे आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र और अधिवास प्रमाण-पत्र सहित 75 सेवाएँ प्राप्त की जा सकती हैं।
- सूचना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव आर. के. सुधांशु ने बताया कि पोर्टल कैशलेस, पेपरलेस और फेसलेस सिस्टम बनाने में मदद करेंगे तथा विभागवार, अधिकारीवार और ज़िलेवार प्रदर्शन की समीक्षा करने में सहायक होंगे।
- नए लॉन्च किये गए पोर्टल आम जनता के लिये बहुत फायदेमंद होंगे तथा विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने में भी मदद करेंगे।
- प्रत्येक नागरिक पोर्टल पर अपना डैशबोर्ड बना सकता है, जिसके द्वारा कोई भी अपनी फाइल की प्रगति देख सकेगा।
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