राजस्थान आवासन मंडल द्वारा विकसित जयपुर में सिटी पार्क का लोकार्पण | राजस्थान | 18 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
17 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के आवासन मंडल आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि राजस्थान आवासन मंडल द्वारा जयपुर के मानसरोवर में विकसित सिटी पार्क का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 21 अक्टूबर को लोकार्पण किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- आवासन आयुक्त ने बताया कि इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रथम चरण में मध्यम मार्ग पर निर्मित भव्य एंट्री प्लाजा का गुंबदनुमा स्टील स्ट्रक्चर, आकर्षक फाउंटेन तथा राजस्थान का सबसे ऊँचा (213 फीट) राष्ट्रीय ध्वज एवं इसके निकट करीब 2 हज़ार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में मनोरम लोअर लेक इस पार्क की प्रमुख विशेषता हैं।
- पार्क में 20 फीट चौड़ा एवं 3.5 कि.मी. लंबा जॉगिंग ट्रैक बनाया गया है, जिस पर भ्रमण करते हुए लोग आकर्षक लाइटिंग एवं म्यूजिक का आनंद ले सकेंगे।
- प्रथम चरण के कार्यों के लिये 61.31 करोड़ रुपए के कुल 34 कार्यादेश जारी किये गए, जिनके विरुद्ध 54.99 करोड़ रुपए की राशि से इन सभी कार्यों को पूरा कर लिया गया है।
- आवासन आयुक्त ने बताया कि दूसरे चरण में फाउंटेन स्क्वायर, वी.टी. रोड, अरावली मार्ग एवं न्यू सांगानेर रोड पर एंट्री प्लाजा, बॉटेनिकल गार्डन, एक्सपोजिशन ग्राउंड, जयपुर चौपाटी की तर्ज़ पर फूड कोर्ट का निर्माण तथा 2500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अपर लेक के कार्य निर्माणाधीन हैं, जिनकी पूर्णता पर 58.54 करोड़ रुपए की राशि व्यय होना संभावित है।
- उन्होंने बताया कि करीब 52 एकड़ भूमि पर विकसित इस पार्क के बनने से मानसरोवर एवं इसके आस-पास की कॉलोनियों में बसे लाखों लोगों को स्वच्छ आबोहवा मिलेगी। यहाँ 32 विभिन्न प्रजातियों के 25 हज़ार फूलदार एवं फलदार पौधे तथा लगभग 40 हज़ार फुलवारी लगाए गए हैं। इस पार्क में जापानी मियावाकी पद्धति से पौधारोपण किया गया है।
- आवासन आयुक्त ने बताया कि सिटीपार्क के लोकार्पण के अलावा मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य के 11 विभिन्न शहरों की 15 आवासीय योजनाओं में निर्मित 2967 आवासों का लोकार्पण भी करेंगे। मंडल द्वारा आवंटियों को इन आवासों का कब्ज़ापत्र दिया जाएगा।
- ये आवास वाटिका एवं महला आवासीय योजना (जयपुर) तथा महात्मा गांधी संबल आवासीय योजना फेज प्रथम एवं द्वितीय बड़ली (जोधपुर) के साथ ही नसीराबाद, किशनगढ़, निवाई, आबू रोड, उदयपुर, भीलवाड़ा, शाहपुरा, भिंडर तथा बांसवाड़ा जैसे छोटे शहरों की योजनाओं में बनाए गए हैं।
- इनमें ज्यादातर मकान ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी श्रेणी के हैं। इससे ज़रूरतमंद वर्ग का लोगों के घर का सपना साकार हो सकेगा।
ऊर्जा मंत्री ने सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल का शुभारंभ किया | राजस्थान | 18 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
17 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी ने विद्युत भवन में ‘सौर कृषि आजीविका योजना’ के पोर्टल का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- यह पोर्टल किसानों एवं विकासकर्त्ताओं को किसानों की बंजर/अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में मदद करेगा।
- भँवर सिंह भाटी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यरूप से कृषि भार वाले लोड सेंटर पर पीएम-कुसुम कम्पोनंट-सी (फीडर लेवल सोलराईजेशन) के तहत विकसित किये जा रहे विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा देने के उद्देश्य के लिये राज्य सरकार ने सौर कृषि आजीविका योजना तैयार की है।
- उन्होंने बताया कि इस योजना के पोर्टल को लाँच करने का उद्देश्य यह है कि किसानों को सोलर के माध्यम से अपने नज़दीक के 33/11 जीएसएस से दिन में बिजली प्राप्त हो सके। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से किसानों व भूमि मालिकों को सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिये पूर्व निर्धारित राशि के आधार पर अपनी बंजर/अनुपयोगी भूमि को लीज़ पर देने का अवसर देकर राज्य के प्रचुर भूमि संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।
- भाटी ने बताया कि इस ऑनलाईन पोर्टल पर किसी भी गाँव में 33/11 केवी जीएसएस के आसपास के किसान सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये अपनी ज़मीन को लीज़ पर देने हेतु पंजीकृत कर सकते हैं और सौर ऊर्जा संयंत्र के विकासकर्त्ता भी पंजीकृत किसानों/भूमि मालिकों तक पहुँचने के लिये पोर्टल पर पंजीकृत कर सकते है।
- उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट की स्थापना के बाद 33/11 केवी जीएसएस के आसपास के जितने भी कृषि उपभोक्ता हैं, उन सभी को सोलर के माध्यम से दिन के समय अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिलेगी और उनकी बिजली की समस्या का समाधान होगा।
- उन्होंने बताया कि भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कुसुम कंपोनेंट सी (फीडर लेवल सोलराईजेशन) के तहत् इस योजना में केंद्रीय वित्तीय सहायता का भी प्रावधान है।
- प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स भास्कर ए.सावंत ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूटेड मैनर में ये प्लांट लगेंगे। इस योजना में छोटे प्लांट लगेंगे, जिससे उत्पादित बिजली का लाभ प्लांट के आसपास के क्षेत्र के किसानों को ही मिलेगा।
- इस योजना के तहत् जिन क्षेत्रों में कृषि बिजली का भार अधिक है, उन जीएसएस को चिह्नित करके पीएम-कुसुम योजना-सी में फीडर लेवल सोलराईजेशन के तहत् संयंत्र स्थापित किये जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि अभी 781 जीएसएस चिह्नित किये हैं जहाँ कृषि लोड ज़्यादा है, जिन पर 971 प्रोजेक्ट लग सकते हैं और इनसे 3079 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे 2 लाख 71 हज़ार पंप सोलराइज हो जाएंगे।
- विदित है कि अभी एमएनआरई ने एक लाख पंप की स्वीकृति दी है, जिसे धीरी-धीरे 2 लाख पंप सोलराइजेशन तक ले जाया जाएगा।
- इस पोर्टल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पोर्टल पर किसान द्वारा अपनी भूमि का पंजीकरण करने के पश्चात् विकासकर्त्ता देख पाएगा कि कितनी भूमि सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिये कास्तकार ने पोर्टल पर पंजीकृत की है। सभी सूचनाएँ पोर्टल पर मिलने से सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा।
- उन्होंने बताया कि किसानों को समय पर पूरी लीज राशि मिलने की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कर दी गई है। इसके तहत डिस्कॉम को दी जाने वाली बिजली का भुगतान विकासकर्त्ता को किये जाने वाले भुगतान में से डिस्कॉम द्वारा लीज़ राशि काट कर सीधे कास्तकार को भुगतान किया जाएगा व शेष राशि का भुगतान विकासकर्त्ता को किया जाएगा।