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‘प्रीतम भरतवाण जागर, ढोल सागर इंटरनेशनल अकादमी’
चर्चा में क्यों?
17 अक्तूबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक संस्कृति, जागर, ढोल सागर जैसी विधाओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से देहरादून नालापानी चौक में ‘प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल अकादमी’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस अकादमी को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
- इस अकादमी में लोक संगीत, पारंपरिक ढोल दमाऊ, हुड़का डोर आदि में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे इन्हें उत्तराखंडी लोक संस्कृति को समझने एवं जानने का अवसर प्राप्त होगा और उत्तराखंड की संस्कृति को संरक्षित किया जा सकेगा।
- इस अवसर पर ढोल कला विरासत को सँजोने वाले 107 वर्षीय ढोल सागर ज्ञाता शेरदास व 81 वर्षीय कलम दास सहित अन्य कलावंतों को सम्मानित किया गया।
- गौरतलब है कि इस अकादमी के संचालक पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण हैं। प्रीतम भरतवाण का जन्म देहरादून ज़िले के सिला गाँव में हुआ था। वे उत्तराखंड के एक लोक गायक कलाकार हैं। जागर, लोकगीत, पवांडा और घुयांल गाने के साथ ही ढोल, दमाऊ, हुड़का और डौर उत्तराखंडी वाद्य यंत्र थकुली बजाने में भी महारत हासिल कर चुके हैं।
- इन्हें भारत सरकार ने जागर गायन के लिये वर्ष 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
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सैलून अकादमी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विधायक विनोद चमोली और एफ सैलून अकादमी की सीईओ प्राची कौशिक ने देहरादून में संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय फैशन और जीवन शैली प्रसारण टेलीविज़न चैनल फैशन टीवी (FTV) की एफ सैलून अकादमी का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- FTV सैलून अकादमी, देहरादून के मालिक, तुषार प्रताप सिंह ने कहा कि इसका उद्देश्य एफ सैलून अकादमी के माध्यम से फैशन उद्योग को अपने सबसे असाधारण गुणवत्ता वाले पेशेवरों के साथ प्रस्तुत करने के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
- FTV सैलून अकादमी द्वारा दिया जाने वाला प्रशिक्षण अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है तथा इन मानकों के अनुरूप ही उत्तराखंड के युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- FTV सैलून अकादमी के सीईओ प्राची कौशिक ने कहा कि पूरे भारत में अकादमी की 500+ फ्रेंचाइजी स्थापित किया जाएगा, जिसमें छात्र 100 से अधिक ब्यूटी कोर्स कर सकते हैं।
- यह अकादमी न केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पेशेवरों के उत्पादन तक सीमित है, बल्कि प्रति वर्ष 14 मिलियन नौकरियों का सृजन करके भारतीय बाज़ार में क्रांति लाएगी।
- उन्होंने कहा कि हम छात्रवृत्ति प्रदान करके समाज के कमज़ोर वर्ग, दिव्यांगों, गृहिणियों आदि के उत्थान के लिये विभिन्न सरकारी संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ जुड़ने की भी योजना बना रहे हैं।
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