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झारखंड में मेडिको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, टूरिस्ट स्पॉट्स पर खुलेंगे योगायुष केंद्र
चर्चा में क्यों?
- 16 सितंबर, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट्स पर मेडिको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये योगायुष केंद्र खोलने की योजना है। यहाँ पर्यटकों को एक छत के नीचे योग-आयुर्वेद और पंचकर्म का अनुभव मिलेगा।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार इसके लिये तीन प्रमुख पर्यटन स्थलों का चयन किया गया है, जहाँ बाहरी और स्थानीय पर्यटक सबसे ज्यादा पहुँचते हैं। इनमें नेतरहाट, पतरातू और मैक्लुस्कीगंज शामिल हैं।
- राज्य सरकार द्वारा इन्हें योगायुष केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। सेंटर को श्रेष्ठ प्रामाणिक आयुर्वेदिक क्लिनिक, पंचकर्म केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। यहाँ पर्यटन के साथ ही तनाव मुक्ति जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
- योगायुष केंद्र पर पर्यटकों को पंचकर्म सिद्धांतों पर आधारित पूरा पैकेज मिलेगा। आयुष के डॉक्टर पर्यटकों को बेहतर अनुभव देने के साथ ही विभिन्न विधाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराएंगे।
- आयुर्वेदिक और नेचुरोपैथी दोनों विचारधाराएँ साथ काम करेंगी। इसमें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान से भी मदद ली जा सकती है।
- योगायुष केंद्र, चिकित्सा का भविष्य में एकीकरण करने पर ज़ोर देगा। सरकार ने ध्यान, योग और सभी पहलुओं व गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले केंद्र के तौर पर इसे स्थापित करने का निर्णय लिया है। केंद्र में पंचकर्म, योग, जीवनशैली और संबंधित बुनियादी ढाँचे जैसे कई उपचार उपलब्ध होंगे। यहाँ एकीकृत चिकित्सा के लिये अलग खंड स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
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झारखंड के पहले सोलर प्लांट का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
- 15 सितंबर, 2023 को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने डीवीसी द्वारा संचालित केटीपीएस एरिया वन में स्थापित सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन प्लांट (सोलर प्लांट) का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि एरिया वन में झारखंड के पहले दस मेगावाट के सोलर प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें आज के टेस्टिंग चार्ज उद्घाटन के बाद दो मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू हो गया। करीब 70 करोड़ की लागत से 50 एकड़ में इसकी स्थापना की जा रही है।
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन होने पर कोयले के प्रति निर्भरता कम होगी व प्रदूषण पर नियंत्रण होगा। दिन में सूर्य की किरणों से विद्युत उत्पादन होगा, तो प्लांट में कोयला की खपत कम होगी।
- उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी प्लांट सोलर सिस्टम से चलेंगे और भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन होगा।
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