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स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Sep 2023
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन की मासिक टॉप और बॉटम 10 ज़िलों की रैंकिंग जारी

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को जनसुनवाई समाधान प्रणाली, आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन की अगस्त माह की टॉप और बॉटम 10 ज़िलों की रैंकिंग मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली के पैमाने पर जनसुनवाई में प्रदेश में अमेठी व कन्नौज सबसे बेहतर रहे हैं जबकि बागपत व गोरखपुर के ज़िलाधिकारियों की कार्यशैली सबसे खराब पाई गई है।
    • टॉप और बॉटम 10 ज़िलाधिकारी : आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के कार्यों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप 10 ज़िलाधिकारियों में क्रमश: अमेठी, कन्नौज, श्रावस्ती, शाहजहाँपुर, सोनभद्र, गाजियाबाद, महोबा, मिर्जापुर, हापुड़ और भदोही हैं। वहीं लिस्ट में बॉटम 10 में बागपत, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर, रामपुर और मुरादाबाद के ज़िलाधिकारी हैं।
  • इसी तरह अलीगढ़ व श्रावस्ती सबसे अच्छे पुलिस अधीक्षकों वाले ज़िले पाए गए हैं, जबकि बरेली एसएसपी और लखनऊ पुलिस आयुक्त की कार्यशैली सबसे खराब पाई गई है।
    • टॉप और बॉटम 10 पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी : जारी लिस्ट में प्रदेश में सबसे अच्छा कार्य करने वाले पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी में क्रमश: अलीगढ़, श्रावस्ती, सोनभद्र, हमीरपुर, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, कासगंज, चित्रकूट, भदोही और हाथरस हैं। इसी प्रकार बॉटम 10 में क्रमश: बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, फतेहपुर, झाँसी, अयोध्या, एटा, हापुड़, आजमगढ़ और संत कबीर नगर के पुलिस अधिकारी हैं।
  • इसके अलावा लिस्ट में सबसे अच्छा और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली प्रदेश की तहसीलों को भी शामिल किया गया है। तहसीलों के कार्यों के विस्तृत मूल्यांकन के आधार पर ये लिस्ट तैयार हुई है।
    • टॉप और बॉटम 10 तहसीलें : टॉप 10 तहसीलों में अलीगढ़ की कोल, जौनपुर की केराकत और बदलापुर, श्रावस्ती की इकौना, प्रयागराज की सदर, बागपत की बड़ौत, अलीगढ़ की अतरौली, बुलंदशहर की स्याना, जालौन की उरई और अमरोहा की हसनपुर तहसील शामिल हैं। इसी प्रकार खराब प्रदर्शन वाली बॉटम 10 में क्रमश: रामपुर की बिलासपुर, कन्नौज की तिर्वा और छिबरामऊ, रामपुर की मिलक, हापुड़ की धौलाना, हाथरस की हाथरस, संत कबीरनगर की खलीलाबाद, खीरी की धौरहरा, कन्नौज की कन्नौज और रायबरेली की ऊँचाहार तहसील शामिल हैं।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश ने जूनियर राष्ट्रीय फुटबाल चैंपियनशिप जीती

चर्चा में क्यों?

  • 16 सितंबर, 2023 को उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित डॉ. बी सी राय ट्रॉफी जूनियर राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप का खिताब उत्तर प्रदेश ने जीता।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तर प्रदेश ने फाइनल में पश्चिम बंगाल को 2-1 गोल से हराया।
  • उत्तर प्रदेश के लिये लखनऊ के निरंजन जंगशाही ने 31वें और कुलदीप सिंह ने 80वें मिनट में गोल दागे। पश्चिम बंगाल की ओर से एकमात्र गोल तनवीर डे ने 70वें मिनट में किया।
  • इस टूर्नामेंट में लखनऊ मंडल की ओर से निरंजन जंगशाही ने सबसे ज्यादा आठ गोल किये। वह लखनऊ के सहारा क्लब के लिये खेलते हैं।


बिहार Switch to English

बिहार के 4 शीर्ष कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड

चर्चा में क्यों?

  • 16 सितंबर, 2023 को दिल्ली के विज्ञान भवन में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के शीर्ष वरिष्ठतम (75 साल से अधिक के) कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड के अमृत अवार्ड से सम्मानित किया, जिसमें बिहार के 4 शीर्ष कलाकार भी शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इनमें बिहार के वरिष्ठ कलाकार सुमन कुमार, गणेश प्रसाद, रघुवीर मलिक तथा लोकप्रिय लोकगायक भरत सिंह भारती शामिल हैं।
  • बिहार के लोक गायक, संगीतकार, गीतकार और संगीत गुरु भरत सिंह भारती को लोक गायन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये यह सम्मान दिया गया।
  • भरत सिंह भारती ने 1000 से अधिक गीत गाए और लिखे हैं। उन्होंने सैकड़ों भोजपुरी गीतों को संगीतबद्ध भी किया है। उनके गीतों के दो संग्रह ‘नयका बिहान’ और ‘सप्त सरोवर’ आ चुके हैं।


बिहार Switch to English

एनएमसीएच में देश की सबसे बड़ी लॉन्ड्री का सीएम ने किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

  • 15 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एनएमसीएच) में देश के सबसे बड़े एकीकृत लॉन्ड्री सुविधा का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • यह इकाई देश के साथ-साथ बिहार की भी सबसे बड़ी व पहली यूनिट है। इसकी क्षमता प्रतिदिन 12-14 टन की है।
  • यहाँ पीएमसी एचएनएमसीएच इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान जैसे स्वास्थ्य संस्थानों के चादर, तौलिये व अन्य कपड़ों की एक साथ धुलाई होगी। यह अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है।
  • यहाँ गुणवत्तापूर्ण सफाई के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्विक क्लीन एजेंसी को संचालन की जिम्मेवारी सौंपी गई है।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एनएमसीएच परिसर में प्री फैब तकनीक से निर्मित 100 बेड के फील्ड अस्पताल भवन का उद्घाटन भी किया।


बिहार Switch to English

बिहार म्यूजियम में ‘सूर्यकाल’ और ‘इन अनदर ग्रीन’ की प्रदर्शनी

चर्चा में क्यों?

  • 15 सितंबर, 2023 को बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने बिहार म्यूजियम बिनाले के तहत इजरायली कलाकारों की प्रदर्शनी ‘इन अनदर ग्रीन’और ‘मेंटर आर्ट’मुंबई के सौजन्य से सूर्य पर केंद्रित एक कला प्रदर्शनी- ‘सूर्यकाल’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • ‘इन अनदर ग्रीन’प्रदर्शनी बाल दीर्घा के अध्ययन केंद्र में लगाई गई है। प्रदर्शनी में दो कलाकार लियोर ग्रेडी और योसेफ जोसफ यातोव दाडोने की पेंटिंग्स शामिल हैं।
  • बिहार म्यूजियम के मल्टीपर्पस हॉल में ‘सूर्यकाल’ प्रदर्शनी लगायी जा रही है, जो नवंबर तक प्रदर्शित की जाएगी।
  • यह प्रदर्शनी उदयराज गडनीस की सूर्य श्रृंखला के विलक्षण चित्रों के साथ पटना के रहने वाले वरिष्ठ छायाकार शैलेंद्र कुमार के छठ पर्व के छायाचित्रों को प्रस्तुत करेगी।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2023 के प्रारूप का अनुमोदन

चर्चा में क्यों?

  • 16 सितंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, भविष्य की ज़रूरतों और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ ऊर्जा स्रोत की तलाश और निवेशकों के प्रोत्साहन के लिये ‘राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023’ के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है। ऊर्जा विभाग द्वारा शीघ्र ही अधिसूचना जारी की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य में ग्रीन एनर्जी उत्पादन करने वाली कंपनियों को विभिन्न प्रकार की सब्सिडी मिलेगी। प्रदेश में रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे।
  • विदित है कि राजस्थान में अक्षय ऊर्जा के सर्वाधिक स्रोत उपलब्ध हैं। राज्य ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिये अत्यंत अनुकूल है।
  • राज्य सरकार नीति के तहत निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिये विभिन्न सुविधाएँ देगी। इनमें राज्य के प्रसारण तंत्र पर स्थापित होने वाले 500 केटीपीए अक्षय ऊर्जा प्लांट को 10 वर्षों तक प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 50 प्रतिशत छूट, थर्ड पार्टी से अक्षय ऊर्जा खरीदने पर अतिरिक्त एवं क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज में 10 वर्ष तक पूर्ण छूट दी जाएगी।
  • परिशोधित या खारे जल से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिये भूमि आवंटन में प्राथमिकता एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिये 30 प्रतिशत (अधिकतम 5 करोड़ रुपए) अनुदान मिलेगा।
  • इसके अतिरिक्त रिप्स-2022 के तहत विभिन्न छूट, जल की उपलब्धता एवं बैंकिंग सुविधाएँ भी दी जाएंगी। कैप्टिव पावर प्लांट की क्षमता एवं उत्पादित बिजली की बैंकिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। साथ ही, पीक आवर्स के दौरान बिजली निकासी पर लगी रोक भी नवीन नीति में हटा दी गई है।
  • ‘राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023’ के तहत नई नीति में विद्युत संयंत्रों के लिये व्हीलिंग एवं ट्रांसमिशन शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति/छूट होगी। इसके साथ ही बिजली संयंत्रों के लिये बैंकिंग शुल्क भी सात से दस वर्षों तक प्रतिपूर्ति/माफ किया जाएगा।
  • ‘राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023’ के तहत ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2022 के तहत थ्रस्ट सेक्टर में शामिल किया जाएगा। साथ ही, इसे सनराइज सेक्टर में शामिल कर मैन्युफैक्चरिंग स्टैंडर्ड पैकेज के परिलाभ दिये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि ऊर्जा विभाग द्वारा नीति के प्रारूप को पब्लिक डोमेन में जारी कर हितधारकों से सुझाव लिये गए थे। महत्त्वपूर्ण सुझावों को शामिल किया गया है।
  • राज्य सरकार ने नीति में वर्ष 2030 तक 2000 केटीपीए ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसमें 4 श्रेणियों में परियोजनाएँ स्थापित होंगी।
  • इनमें अक्षय ऊर्जा का निकास पावर ग्रिड के नेटवर्क के द्वारा, एक ही स्थान पर अक्षय ऊर्जा एवं हाइड्रोजन का उत्पादन (700 केटीपीए), अक्षय ऊर्जा का 24 घंटे उत्पादन आरटीसी पावर (800 केटीपीए) और अक्षय ऊर्जा का निवास आरवीपीएन के नेटवर्क के द्वारा (500 केटीपीए) शामिल हैं।
  • क्या है ग्रीन हाइड्रोजन :
    • ग्रीन हाइड्रोजन पुनर्नवीनीकरण/अक्षय ऊर्जा का नवीन एवं उदीयमान क्षेत्र है। इसमें अक्षय ऊर्जा के उपयोग से जल को इलेक्ट्रोलिसिस कर हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है। इसलिये इसे ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ कहा जाता है।
    • हाइड्रोजन का मुख्य उपयोग रिफाइनरी, स्टील प्लांट तथा अमोनिया बनाने में होता है। देश में कुल हाइड्रोजन की मांग 60 लाख टन है, जबकि राजस्थान में 2.5 लाख टन है। इसका निर्माण प्रदूषण मुक्त होता है।
    • ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2022 और मिशन जारी किया जा चुका है। इसमें वर्ष 2030 तक 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।


मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना’का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना’का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने योजना का शुभारंभ कर भोपाल की ममता चौहान और दीपक बंसल के आवेदनों का पोर्टल पर पंजीयन कराकर योजना की पंजीयन प्रक्रिया का भी शुभारंभ किया।
  • मुख्यमंत्री ने 15 सितंबर को आरंभ की गई गैस सिलेंडर रिफिलिंग योजना में शर्मिला बाई और संगीता सोलंकी का पंजीयन भी कराया।
  • विभिन्न आवास योजनाओं में आवास सुविधा का लाभ मिलने से छूटे परिवारों को ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना’में आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना’बहनों के सुख और सम्मान के लिये उठाया गया बड़ा कदम है। योजना में प्रधानमंत्री आवास, आवास प्लस में शामिल नहीं हुए परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
  • इस नयी आवास योजना का लाभ 4 लाख 75 हज़ार से अधिक हितग्राहियों को मिलेगा। विभिन्न आवास योजना के लाभ से वंचित परिवारों के लिये बनायी गई इस योजना का लाभ सभी वर्गों के आवासहीन पात्र परिवारों को मिलेगा।
  • योजना की पात्रता:
    • ऐसे परिवार, जिनके आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत आवास प्लस एप पोर्टल पर स्वत: रिजेक्ट हो चुके हैं।
    • ऐसे परिवार, जो भारत सरकार के एमआईएस पोर्टल पर दर्ज होने से छूट गए हैं।
    • ऐसे परिवार जो सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 एवं आवास प्लस की सूची में शामिल नहीं हैं तथा उन्हें किसी भी सरकारी योजना में आवास नहीं मिला है।
    • योजना में ऐसे परिवार भी शामिल होंगे जिनके पास पक्की छत वाले मकान नहीं है अथवा जो दो कमरों तक के कच्चे मकानों में निवासरत हैं।
    • ऐसे परिवार जिनकी मासिक आय 12 हज़ार रुपए से कम है तथा परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता नहीं है।
    • 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित और 5 एकड़ से अधिक और असिंचित कृषि भूमि होने पर इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे।
    • जिन परिवारों के पास मोटर युक्त चौपहिया वाहन हैं, वे इस योजना के लिये पात्र नहीं होंगे।
    • परिवार का कोई सदस्य शासकीय सेवा में हो, तो भी इस योजना की पात्रता नहीं होगी।
  • आवश्यक दस्तावेज़ में समग्र आईडी, आधार नंबर, बैंक खाता, मनरेगा जॉब कार्ड (यदि उपलब्ध हो), लाड़ली बहना योजना का पंजीयन क्रमांक (केवल लाड़ली बहनों के लिये) शामिल हैं। इन सभी दस्तावेज़ों को आवेदक को स्वयं सत्यापित करना होगा, किसी अन्य से सत्यापित कराने की आवश्यकता नहीं है।
  • प्राप्त आवेदनों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। ज़िला पंचायत अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद राज्य सरकार द्वारा पात्र परिवारों को आवास आवंटन की कार्यवाही की जाएगी।


मध्य प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के शुभारंभ अवसर पर मध्य प्रदेश की कुम्हार अनीता प्रजापति का सम्मान किया। प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर यशोभूमि का लोकार्पण भी किया।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना की टैग लाइन, प्रतीक-चिन्ह और पोर्टल को लांच किया तथा कारीगरी की 18 विधाओं पर केंद्रित 18 डाक टिकटों और टूल-किट बुकलेट का विमोचन किया। प्रधानमंत्री ने 18 विधाओं से जुड़े कारीगरों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया।
  • प्रधानमंत्री के जन्म-दिवस पर हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए। भोपाल में रविंद्र भवन में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अखिल भारतीय दस्तकारी परीक्षा में प्रदेश की आईटीआई के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। प्रथम स्थान वाली दो छात्राओं बैतूल की अंकिता, ग्वालियर की सपना कुशवाहा तथा दो छात्रों भोपाल के विवेक साहू और ग्वालियर के हेमंत राठौर सहित कुल 20 प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया।
  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
    • इस योजना से देश के कौशल-तंत्र को राष्ट्र के कारीगरों की ज़रूरतों के अनुरूप ढाला जा रहा है। योजना का लाभ उठाकर परंपरागत कारीगर अपनी स्किल को स्केल दे पाएंगे।
    • योजना से हर ज़िले के कुशल कारीगरों और कामगारों को प्रशिक्षण एवं आर्थिक सहायता देकर, उनके हुनर, कला और प्रतिभा को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाएगा।
    • योजना में ज़िला स्तर पर बढ़ई, लोहार, सुनार जैसे शिल्पकारों और कारीगरों का कौशल सत्यापन किया जाएगा। आवश्यकतानुरूप इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण में हर दिन 500 रुपए का स्टाइपेंड मिलेगा।
    • प्रशिक्षण एवं कौशल सत्यापन के बाद इन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। हर लाभार्थी को 15 हज़ार रुपए टूल-किट के लिये दिये जाएंगे। अपना व्यवसाय प्रारंभ करने या बढ़ाने के लिये आसान ऋण सुविधा दी जाएगी।
    • पहले चरण में 5% की दर से एक लाख रुपए का कोलेटरल-फ्री ऋण, दूसरे चरण में तीन लाख रुपए का ऋण प्रावधान है।
    • कारीगर की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिये। योजना का लाभ प्रत्येक परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। सरकारी सेवा में कार्यरत कोई भी व्यक्ति या उसके रिश्तेदार पात्र नहीं होंगे।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा के 10-15 ज़िलों में शुरू होगी ‘पीएम ई-बस सेवा’

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार का प्रधानमंत्री ई-बस सेवा प्रोजेक्ट हरियाणा के 10 से 15 ज़िलों में लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है, जिसके तहत शहर के नगर निगम एरिया में इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी।

प्रमुख बिंदु

  • ये इलेक्ट्रिक बसें शहर में ऑटो की तरह चलाई जाएंगी, जो चौक टू चौक होते हुए स्टॉपेज पर ठहरेंगी। इससे यात्रियों को शहर में नजदीकी गंतव्य तक पहुँचने में आसानी होगी। यात्रियों में कम किराए में सुगम सफर करने का मौका मिलेगा।
  • ये इलेक्ट्रिक बसें अत्याधुनिक होंगी। रोडवेज बसों की तरह 12 मीटर लंबी होगी और एसी की सुविधा होगी। एक बस की कीमत करीब दो करोड़ रुपए है। एक बार चार्जिंग में ये बसें 200 किलोमीटर दूरी तय करेंगी। इन बसों का रखरखाव भी कंपनी करेगी। बसों पर चालक भी कंपनी का होगा।
  • वर्कशाप में कंपनी के कारीगर होंगे। इन बसों को रोडवेज प्रशासन करीब 62 रुपए प्रति किलोमीटर कंपनी को चार्ज अदा करेगा। परिचालक रोडवेज का होगा।
  • शुरूआत में हिसार ज़िले के डिपो को 50 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। शहर में ये बसें सुबह 6 से 9 बजे तक चलेंगी। रूटों पर हर 15 मिनट में बसों की सर्विस रहेगी।
  • विदित है कि इससे पहले शहर में सिटी बसें चलती थीं, जो अब परमिट न मिलने व अन्य कारणों के कारण बंद पड़ी हैं। इन सिटी बसों में यात्रियों को 10 रुपए देने पड़ते थे। अब यात्रियों को ऑटो में जाना पड़ता है और ऑटो में 20 रुपए किराया लगता है। सिटी बसों के मुकाबले ऑटो का सफर महँगा है। यही वजह है कि अब इनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी।
  • डिपो वर्कशाप में तीन एकड़ ज़मीन चिह्नित की गई थी। इस जगह पर इलेक्ट्रिक बसों के लिये चार्जिंग स्टेशन बनेगा। सभी बसों के अलग-अलग चार्जिंग प्वाइंट बनेंगे। बसों के ठीक करने की सुविधा के लिये अलग से वर्कशॉप बनेगा।
  • गौरतलब है कि ‘प्रधानमंत्री ई-बस सेवा’ देश के कई राज्यों में लागू है। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कामयाब भी है। यात्रियों को इलेक्ट्रिक बसों से काफी सहूलियत मिली है। यह बसें करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक में चलेंगी।


हरियाणा Switch to English

महिला सर्जन मेजर पायल छाबड़ा बनीं देश की पहली पैरा कमांडो

चर्चा में क्यों?

  • 15 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के कैथल ज़िले के कलायत नगर की पायल छाबड़ा ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में डॉक्टर रहते हुए प्रशिक्षित पैरा परीक्षा पास कर कमांडो बनने का गौरव हासिल किया है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि पूर्व में कोई भी महिला सर्जन यह उपलब्धि हासिल नहीं कर सकी है।
  • वर्तमान में मेजर पायल छाबड़ा देश के दुर्गम इलाके केंद्र शासित प्रदेश लेह लद्दाख के आर्मी अस्पताल में विशेषज्ञ सर्जन के तौर पर सेवाएँ दे रही हैं।
  • उल्लेखनीय है कि पैरा कमांडो के लिये बेहद कठिन और जटिल प्रशिक्षण से गुज़रना पड़ता है। आगरा के एयरफोर्स ट्रेनिंग स्कूल में पैरा कमांडो का प्रशिक्षण होता है। इसके लिये उत्तम स्तर की शारीरिक और मानसिक फिटनेस का होना ज़रूरी है।
  • ज्ञातव्य है कि मेजर पायल शल्य चिकित्सक के तौर पर विश्व में दूसरे सबसे ऊँचे खरदूंगला मोटर बाईपास पर स्थित सेना अस्पताल में भी अपनी सेवाएँ दे चुकी हैं। आर्मी अस्पताल अंबाला कैंट में 13 जनवरी, 2021 को कैप्टन के तौर पर उन्हें पहली नियुक्ति मिली थी।
  • एमबीबीएस, एमएस की डिग्री हासिल करने के उपरांत करनाल स्थित राजकीय कल्पना चावला मेडिकल कालेज सर्जरी विभाग में वे सीनियर रेजिडेंट भी रहीं।


झारखंड Switch to English

झारखंड में मेडिको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, टूरिस्ट स्पॉट्स पर खुलेंगे योगायुष केंद्र

चर्चा में क्यों?

  • 16 सितंबर, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट्स पर मेडिको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये योगायुष केंद्र खोलने की योजना है। यहाँ पर्यटकों को एक छत के नीचे योग-आयुर्वेद और पंचकर्म का अनुभव मिलेगा।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार इसके लिये तीन प्रमुख पर्यटन स्थलों का चयन किया गया है, जहाँ बाहरी और स्थानीय पर्यटक सबसे ज्यादा पहुँचते हैं। इनमें नेतरहाट, पतरातू और मैक्लुस्कीगंज शामिल हैं।
  • राज्य सरकार द्वारा इन्हें योगायुष केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। सेंटर को श्रेष्ठ प्रामाणिक आयुर्वेदिक क्लिनिक, पंचकर्म केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। यहाँ पर्यटन के साथ ही तनाव मुक्ति जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
  • योगायुष केंद्र पर पर्यटकों को पंचकर्म सिद्धांतों पर आधारित पूरा पैकेज मिलेगा। आयुष के डॉक्टर पर्यटकों को बेहतर अनुभव देने के साथ ही विभिन्न विधाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराएंगे।
  • आयुर्वेदिक और नेचुरोपैथी दोनों विचारधाराएँ साथ काम करेंगी। इसमें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान से भी मदद ली जा सकती है।
  • योगायुष केंद्र, चिकित्सा का भविष्य में एकीकरण करने पर ज़ोर देगा। सरकार ने ध्यान, योग और सभी पहलुओं व गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले केंद्र के तौर पर इसे स्थापित करने का निर्णय लिया है। केंद्र में पंचकर्म, योग, जीवनशैली और संबंधित बुनियादी ढाँचे जैसे कई उपचार उपलब्ध होंगे। यहाँ एकीकृत चिकित्सा के लिये अलग खंड स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।


झारखंड Switch to English

झारखंड के पहले सोलर प्लांट का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

  • 15 सितंबर, 2023 को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने डीवीसी द्वारा संचालित केटीपीएस एरिया वन में स्थापित सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन प्लांट (सोलर प्लांट) का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि एरिया वन में झारखंड के पहले दस मेगावाट के सोलर प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें आज के टेस्टिंग चार्ज उद्घाटन के बाद दो मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू हो गया। करीब 70 करोड़ की लागत से 50 एकड़ में इसकी स्थापना की जा रही है।
  • केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन होने पर कोयले के प्रति निर्भरता कम होगी व प्रदूषण पर नियंत्रण होगा। दिन में सूर्य की किरणों से विद्युत उत्पादन होगा, तो प्लांट में कोयला की खपत कम होगी।
  • उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी प्लांट सोलर सिस्टम से चलेंगे और भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन होगा।


छत्तीसगढ़ Switch to English

संभाग स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक: बालोद बना ओवरऑल चैंपियन

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार संभाग स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बालोद ज़िला ओवरऑल चैंपियन बना है।

प्रमुख बिंदु

  • दुर्ग संभाग के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरई में आयोजित संभाग स्तरीय ओलंपिक के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं में बालोद ज़िले के खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट खेल के प्रदर्शन से ओवर आल चैंपियन का खिताब अर्जित किया।
  • बालोद के अलग-अलग आयु वर्ग के खिलाड़ियों ने अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में सर्वाधिक 38 गोल्ड मैडल प्राप्त किये।
  • प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग के अंतर्गत 0-18 वर्ष तक के आयु वर्ग के विभिन्न खेलों में पिठ्ठूल, संखली, गेडी दौड़, 100 मीटर दौड़, लंबी कूद तथा कुश्ती 50 किग्रा. वर्ग के अंतर्गत खेले गए मैच में बालोद को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
  • इसी तरह खो-खो और रस्साकशी में द्वितीय स्थान तथा गिल्ली डंडा के अलावा कुश्ती प्रतियोगिता के अंतर्गत 51-60 किग्रा. वर्ग, 61-70 किग्रा. वर्ग, 71-80 किग्रा. वर्ग एवं 80 किग्रा. वर्ग के मैच में बालोद ज़िले को तृतीय स्थान मिला है।
  • महिला वर्ग के अंतर्गत 0- से 18 वर्ष के आयु वर्ग के पिठ्ठूल, फुगड़ी, लंबी कूद, रस्सी कूद तथा कुश्ती प्रतियोगिता के अंतर्गत 40-50 किग्रा., 61-70 किग्रा. तथा 40 किग्रा. वर्ग में बालोद को प्रथम स्थान तथा 51-60 किग्रा. एवं 70 किग्रा. वर्ग में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा खो-खो और 100 मीटर दौड़ में बालोद को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।


छत्तीसगढ़ Switch to English

शालेय राज्य स्तरीय ताईक्वांडो में जशपुर को 2 स्वर्ण, 2 रजत और 5 काँस्य पदक मिले

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कोरबा में 10 से 14 सितंबर तक आयोजित 23 वीं शालेय राज्य स्तरीय ताईक्वांडो प्रतियोगिता में जशपुर ज़िले को 2 स्वर्ण, 2 रजत और 5 काँस्य पदक प्राप्त हुए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने बताया कि ज़िले के आयुष यादव पिता अखिलेश यादव, प्रतीक बड़ा पिता निर्मल बड़ा का चयन राष्ट्रीय स्तर में ताईक्वांडो प्रतियोगिता के लिये हुआ है।
  • वहीं ज़िले के युवराज कुमार, बिनेशन लकड़ा को रजत पदक मिला है। इसी प्रकार करण राम, मनीष भगत, रुद्र प्रताप सिंह, ईशप्रिया लकड़ा, नेहा नागवंशी ने काँस्य पदक प्राप्त किया।    
  • ताईक्वांडो कोच ने बताया कि नेशनल के लिये चयनित खिलाड़ी दिसंबर में मध्य प्रदेश के बैतुल में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे, जिसके लिये बच्चों को खेल में पारंगत किया जा रहा है।


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8वाँ दून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल

चर्चा में क्यों?

  • 17 सितंबर, 2023 को देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आयोजक राजेश शर्मा ने बताया कि 8वाँ देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 22 सितंबर से 24 सितंबर तक सिल्वर सिटी राजपुर रोड एवं तुलास इंस्टीट्यूट में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • फिल्म फेस्टिवल के साथ-साथ उत्तराखंड टैलेंट हंट एवं आंगन बाज़ार एग्जिबिशन का आयोजन भी किया जाएगा।
  • देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आयोजक ने बताया कि इसमें दो ग्रुप रखे गए हैं। ग्रुप में आठ से 15 साल और 16 साल से ऊपर जिसमें प्रतिभागी अपनी कला जैसे कि डांस, एक्टिंग, पोएट्री, मिमिक्री और सिंगिंग आदि का प्रदर्शन करेंगे।
  • जीतने वाले प्रतिभागियों को अवॉर्ड और सर्टिफिकेट दिये जाने के साथ वोकल म्यूजिक और देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आने वाले प्रोजेक्ट में भी मौका मिलेगा।
  • विदित है कि पिछले आठ वर्षों से देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होता आ रहा है। जिसमें अनेक नए-नए डायरेक्टर एवं प्रोड्यूसर को एक प्लेटफार्म देने की कोशिश की गई है।
  • उत्तराखंड से भी कई ऐसे डायरेक्टर और प्रोड्यूसर निकलकर आए हैं जो आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। उत्तराखंड टैलेंट हंट के माध्यम से युवाओं को अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देने का एक प्रयास और किया जा रहा है।


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उत्तराखंड के चार कलाकारों को मिला संगीत नाट्य अकादमी अवार्ड

चर्चा में क्यों?

  • 16 सितंबर, 2023 को देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 75 वर्ष से अधिक उम्र के 84 उत्कृष्ट कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अमृत अवार्ड से सम्मानित किया, जिसमें उत्तराखंड के चार वयोवृद्ध कलाकार भी शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि ये वे कलाकार हैं, जिन्हें पहली बार किसी राष्ट्रीय सम्मान से नवाज़ा गया है।
  • सम्मान पाने वाले उत्तराखंड के चार वयोवृद्ध कलाकारों में भैरव दत्त तिवारी (79) और जगदीश ढौंडियाल (78) को लोक संगीत व नृत्य में अमृत अवार्ड दिया गया। जबकि नारायण सिंह बिष्ट (75) को लोक संगीत और जुगल किशेार पेटशाली (76) को उत्तराखंड की प्रदर्शन कला में समग्र योगदान के लिये अमृत अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • अवार्ड के रूप में कलाकारों को ताम्रपत्र, अंगवस्त्रम के अलावा एक लाख रुपए की नकद राशि दी गई।
  • इस अवसर पर उप राष्ट्रपति ने बताया कि इन कलाकारों ने अपनी संगीत विरासत की रक्षा कर युवा पीढ़ी को यही संदेश दिया है कि देश और भारतीयता से ऊपर कुछ भी नहीं। कुछ देशों की संस्कृति 500 से 600 सालों की है। लेकिन, गर्व की बात है कि भारत की संस्कृति 7000 वर्ष से भी अधिक पुरानी है।
  • जुगल किशोर पेटशाली: ये अल्मोड़ा ज़िले के निवासी हैं। इन्होनें राजुला-मालुसाही, मध्य हिमालय की अमर प्रेम गाथा और जय बाला मोरिया आदि पुस्तकें लिखीं।
  • नारायण सिंह बिष्ट:  ये चमोली ज़िले के निवासी हैं। इन्होनें उत्तराखंड की जागर परंपरा को आगे बढ़ाया।
  • जगदीश ढ़ौंढियाल: ये पौड़ी गढ़वाल ज़िले के निवासी हैं। इन्होनें नृत्य नाटिका कामायनी की लगभग 2500 अधिक प्रस्तुतियाँ दीं हैं।
  • भैरव दत्त तिवारी: ये अल्मोड़ा निवासी हैं तथा इन्होनें कुमाऊँनी लोक परंपरा में योगदान दिया है। इन्होंनें दूरदर्शन के लिये रसिक रमोला और हारु हीत नाटकों की प्रस्तुति तैयार कीं।


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