मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश में मदरसा से संबंधित 4 सेवाएँ लोक सेवा गारंटी में अधिसूचित
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड से संबंधित 4 सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इन सेवाओं में मदरसा पंजीयन एवं मदरसा के लिये बोर्ड से मान्यता, मदरसा मान्यता का नवीनीकरण, मदरसा संचालन समिति का पंजीयन और मदरसा संचालन समिति का नवीनीकरण सेवा शामिल हैं।
- प्रदेश में बोर्ड से मान्यताप्राप्त 1755 मदरसे संचालित हो रहे हैं। इनमें 6 हज़ार 155 शिक्षक कार्यरत् हैं। इन मदरसों में 1 लाख 1 हज़ार 454 बच्चे (52 हज़ार 12 बालक और 49 हज़ार 442 बालिकाएँ) अध्ययनरत् हैं।
- मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें और मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
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आरडीएसएस के तहत देश का पहला ग्रिड लोकार्पित
चर्चा में क्यों?
17 अगस्त, 2023 को रिवेंप्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत देश में सबसे पहले तैयार किये गए इंदौर ज़िले के इमलीखेड़ा में अत्याधुनिक 33/11 केवी के बिजली ग्रिड का लोकार्पण हुआ।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश के जल संसाधन एवं मछुआ कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट और सांसद शंकर लालवानी ने ग्रिड का लोकार्पण किया।
- पाँच एमवीए क्षमता का उक्त ग्रिड तीन करोड़ की लागत का है। इससे आठ हज़ार बिजली उपभोक्ता एवं पाँच गाँवों की पच्चीस हज़ार जनता को उच्च गुणवत्तायुक्त चौबीस घंटे बिजली मिलेगी।
- विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले वर्ष जुलाई में ऊर्जा मंत्रालय के लिये प्रारंभ रिवेम्ंड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत देश का पहला 33/11 केवी का बिजली ग्रिड हाल ही में इंदौर ज़िले के सांवेर तहसील के इमलीखेड़ा में पूर्ण होकर ऊर्जीकृत हुआ है।
- इस ग्रिड के लिये भूमि-पूजन फरवरी 2023 में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने किया था।
- ग्रिड के निर्माण की विद्युत उपकरण सामग्री, पावर ट्रांसफार्मर, वीसीबी, केबल, कंडक्टर आदि राष्ट्रीय स्तर की एनएबीएल में परीक्षण के उपरांत ही उपयोग में लाए गए हैं।
- पहली बार ग्रिड में पैंथर कंडक्टर का उपयोग किया गया है, जो परंपरागत कंडक्टर से करीब दोगुनी क्षमता का है। कंपनी क्षेत्र में इस तरह के 97 ग्रिडों का कार्य विभिन्न चरणों में क्रियाशील है।
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मध्य प्रदेश की 100 साल पुरानी संगीत धरोहर मैहर बैंड होगी पुनरुज्जीवित
चर्चा में क्यों?
17 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्य मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में 100 वर्ष पुरानी संगीत धरोहर मैहर बैंड को पुनरुज्जीवित किया जाएगा। गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित मैहर बैंड को ‘मैहर बैंड गुरुकुल’के रूप में संचालित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- गुरुकुल में बाबा उस्ताद अलाउद्दीन खान की 150 दुर्लभ बंदिशों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मैहर संगीत महाविद्यालय भवन मैहर में ही संचालित गुरुकुल में प्रशिक्षणार्थी मैहर वाद्यवृंद में प्रयुक्त होने वाले सभी वाद्यों का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
- विदित है कि संगीत कला क्षेत्र का अनूठा और अद्वितीय वाद्यवृंद मैहर बैंड संगीत परंपरा का अनुपम उदाहरण है, जिसे पुनरुज्जीवित कर संगीत की प्राचीन परंपरा को सहेजकर आगे बढ़ने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है।
- मंत्री सुश्री ठाकुर ने बताया कि गुरुकुल में प्रशिक्षण का सत्र अधिकतम 2 वर्ष का होगा। प्रशिक्षण अवधि में प्रशिक्षणार्थियों को 10 हज़ार रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। मैहर बैंड के सेवानिवृत्त 5 संगीतकारों को प्रशिक्षण के लिये 37 हज़ार 500 रुपए की सम्मान निधि दी जाएगी। प्रारंभिक सत्र में 20 प्रशिक्षणार्थियों को चयन कर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- मंत्री सुश्री ठाकुर ने बताया कि गुरुकुल के द्वारा न केवल मैहर बैंड को पुनरुज्जीवित किया जाएगा बल्कि मैहर वाद्यवृंद में प्रस्तुत होने वाले वाद्यों का प्रशिक्षण देकर अनेक श्रेणी के मैहर बैंड भी स्थापित किये जा सकेंगे।
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