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राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) (संशोधन) विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित
चर्चा में क्यों?
17 जुलाई, 2023 को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) (संशोधन) विधेयक-2023 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के माध्यम से स्क्रीनिंग कर पात्र अस्थायी अध्यापकों को नियमित किया जा सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि इससे पूर्व वर्ष 2008 में राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) अध्यादेश लाया गया था। बाद में इस अध्यादेश का प्रतिस्थापक विधेयक विधानसभा में पारित कराया गया।
- इस अध्यादेश एवं अधिनियम के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में अस्थायी रूप से कार्यरत 300 से अधिक शिक्षकों को स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से पात्र पाए जाने पर संबंधित विश्वविद्यालयों की सेवा में स्थायी किया गया था।
- ज्ञातव्य है कि वर्ष 2008 से पूर्व विश्वविद्यालय में कार्यरत कुछ अस्थायी शिक्षक/योग प्रशिक्षक 2008 के अध्यादेश में कवर होने से रह गए। अत: राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों एवं योग प्रशिक्षकों को स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से पात्र पाए जाने पर स्थायी किये जाने का निर्णय लिया है।
- इसके लिये 2008 के आमेलन अधिनियम में अस्थायी शिक्षक की परिभाषा को संशोधित करने व मूल अधिनियम के द्वारा आमेलन हेतु निर्धारित 180 दिवस की अवधि में छूट देते हुए राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) (संशोधन) विधेयक-2023 लाया गया है।
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राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित
चर्चा में क्यों?
17 जुलाई, 2023 को राजस्थान विधानसभा में राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान विधेयक-2023 पर चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने विधानसभा में कहा कि जोधपुर में स्थापित किया जा रहा राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वस्तरीय मानक स्थापित करेगा। राज्य के युवाओं को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिये इस संस्थान की स्थापना की जा रही है।
- यह विश्वस्तरीय संस्थान डिजिटल वर्ल्ड में एक नई क्रांति साबित होगा। इससे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञ तैयार होंगे, जिन्हें दुनिया भर में रोज़गार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
- संस्थान आईटी क्रांति के सूत्रधार भारत रत्न स्व. राजीव गांधी के नाम से स्थापित किया जा रहा है।
- वर्तमान दौर में जहाँ साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और निवेश व बीमा जैसे कार्यों के लिये लोगों को विशेषज्ञ सलाह की आवश्यकता बढ़ रही है, इस संस्थान से डिजिटल ज्ञानयुक्त वित्तीय प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ तैयार होंगे।
- राज्य सरकार ने अपने वित्तीय संसाधनों से संस्थान के लिये 672.45 करोड़ की राशि का प्रावधान किया है, जिसमें से 130 करोड़ की राशि व्यय भी की जा चुकी है। इसके लिये 97 बीघा भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिस पर निर्माण कार्य जारी है।
- संस्थान में यूजीसी और एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा, डिग्री कोर्सेज उपलब्ध हो सकेंगे। यह संस्थान डिजिटल स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित होगा, जहाँ सायबर एक्सपर्ट और डिजिटल एक्सपर्ट तैयार किये जाएंगे।
- साथ ही, संस्थान आईआईटी, एम्स के मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। यहाँ का प्रबंधन पूर्ण रूप से स्वायत्तशासी होगा।
- विदित है कि इससे पूर्व सदन ने विधेयक पर जनमत जानने के लिये परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया।
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प्रदेश में 11 मिलेट्स एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये 3 करोड़ 37 लाख रुपए का अनुदान
चर्चा में क्यों?
17 जुलाई, 2023 को राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में 11 मिलेट्स एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये 3 करोड़ 37 लाख रुपयों की अनुदान सहायता दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- कृषि मंत्री ने बताया कि राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत मिलेट्स प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये किसी भी ज़िले से किसानों द्वारा आवेदन नहीं किया गया है। मिलेट्स एवं अन्य खाद्य सामग्री की प्रसंस्करण इकाइयों के लिये निजी कंपनियों के 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 11 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये 3 करोड़ 37 लाख रुपयों की अनुदान सहायता दी गई है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन की घोषणा की गई है।
- मिशन के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसानों को उन्नत किस्मों के नि:शुल्क बीज, सुक्ष्म पोषक तत्त्व एवं जैव कीटनाशी किट का अनुदानित दर पर वितरण, मिलेट्स की प्रथम 100 प्रसंस्करण ईकाइयों की स्थापना पर अनुदान, बाजरा व अन्य मिलेट्स के संवर्धन, प्रोत्साहन व नवीनतम तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने की दृष्टि से जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत मिलेट्स उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना आदि प्रावधान किये गए हैं।
- ज्ञातव्य है कि रागी, कंगनी, सावां, चीना, कोदो, कुटकी फसलें मिलेट्स के अंतर्गत शामिल हैं। इनकी पोषण गुणवत्ता के बारे में जन-जागरूकता कार्यक्रम प्रस्तावित किये गए हैं।
- राज्य की बीज उत्पादक संस्थाओं, राजस्थान राज्य बीज निगम लिमिटेड एवं राजस्थान राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के पास छोटे अनाजों जैसे रागी, कंगनी, सावां, चीना, कोदो, कुटकी के उन्नत बीज उपलब्ध नहीं है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ही इन बीजों को विकसित करने के लिये इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद से बीज मंगाए गए हैं।
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