मुख्यमंत्री ने डीसीआरयूएसटी में 46 लाख की लागत से स्थापित 135 फीट ऊँचे तिरंगे का किया आरोहण | हरियाणा | 18 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
16 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करीब 46 लाख रुपए की लागत से राज्य के सोनीपत ज़िले के मुरथल में स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) में स्थापित 135 फीट ऊँचे तिरंगे का आरोहण किया।
प्रमुख बिंदु
- साथ ही, मुख्यमंत्री ने 35 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित अटल अकादमी एवं आईडिया लैब का भी लोकार्पण किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि डीसीआरयूएसटी में सबसे ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किया गया है, जो एक गौरव एवं प्रेरणादायी परियोजना है। यहाँ से गुज़रते वक्त हाईवे से भी यह ध्वज राष्ट्रीयता के संदेश को प्रसारित करता हुआ दिखाई देगा। इस पर लाईट की विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे यह दिन-रात 24 घंटे चमकता रहेगा। नये नियम के तहत इसे रात्रि के समय उतारने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अन्य परियोजनाओं की चर्चा करते हुए बताया कि विज्ञान एवं वास्तुकला को समर्पित अटल अकादमी एवं आईडिया लैब से शोध को बढ़ावा मिलेगा। डीसीआरयूएसटी के नाम में ही विज्ञान शामिल है, जो विशेष रूप से विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।
- इस परियोजना में एआईसीटीई का विशेष रूप से सहयोग मिला है। आईडिया लैब की स्थापना से नए-नए विचारों को विकसित कर विज्ञान के माध्यम से जीवनशैली में उपयोगी बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने खरखोदा में किया दादा कुशाल सिंह और ब्रिगेडियर होशियार सिंह की प्रतिमा का अनावरण | हरियाणा | 18 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
16 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के सोनीपत ज़िले के खरखोदा उपमंडल में दादा कुशाल सिंह और ब्रिगेडियर होशियार सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दोनों इस इलाके की महान शख्सियत हैं और दोनों की विशेषता इनका देश के प्रति और धर्म के प्रति निष्ठावान रहना है। इनकी गुरु भक्ति और बलिदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
- विदित है कि वर्ष 1675 में जब श्री गुरु तेग बहादुर जी ने औरंगजेब के खिलाफ बिगुल फूँका तो दादा कुशाल सिंह ने धर्म निभाकर अपने शीश का बलिदान दिया था।
- इसी तरह, ब्रिगेडियर होशियार सिंह, जिन्हें सेना के सर्वोच्च सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से नवाज़ा गया है, उन्होंने वर्ष 1965 और 1971 की लड़ाइयों में भाग लिया और अपनी वीरता का परिचय दिया।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि ब्रिगेडियर होशियार सिंह ने युद्ध विराम होते हुए भी पीछे हटने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि आज देश की सेना में हर दसवाँ व्यक्ति हरियाणा से है जो कि प्रदेश के युवाओं की देशभक्ति के प्रति लगन का ही परिणाम है। प्रदेश में 17 लाख ऐसे परिवार हैं जो पूर्व सैनिकों से संबंध रखते हैं।
- पूर्व सैनिकों के प्रति सच्ची निष्ठा रखते हुए प्रदेश सरकार ने 1971 की लड़ाई के बाद जितनी भी लड़ाइयाँ लड़ी गईं उन सभी में हुए शहीदों के परिवारों में से पिछले 8 सालों में 367 लोगों को नौकरियाँ प्रदान की गई है।
- शहीदों के परिवार को अनुग्रह राशि के तौर पर 50 लाख, आईईडी ब्लास्ट में शहीद होने पर उनके परिवार को 50 लाख, किसी भी युद्ध में घायल, शहीद के दिव्यांग के अलग-अलग पैमाने पर 15 लाख, 25 लाख और 35 लाख रुपए की सहायता राशि मुहैया कराई जाती है।
- इनके अलावा, द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए परिवारों को 10,000 रुपए मासिक पेंशन भी उपलब्ध कराई जा रही है।