मध्य प्रदेश Switch to English
डीएस ग्रुप ने मध्य प्रदेश में जल आर्थिक क्षेत्र का शुभारंभ किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में डीएस (धर्मपाल सत्यपाल) समूह ने मध्य प्रदेश के खंडवा और बैतूल ज़िलों में दूसरा ‘जल आर्थिक क्षेत्र’ (एक एकीकृत वाटरशेड विकास परियोजना) लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- डीएस समूह ने उदयपुर में अलसीगढ़ और कुराबाद वाटरशेड क्षेत्रों में पहला कार्यक्रम (जल आर्थिक क्षेत्र) सफलतापूर्वक लागू करने के बाद मध्य प्रदेश में यह विकास परियोजना लॉन्च की है।
- प्रस्तावित हस्तक्षेप खंडवा ज़िले के छैगाँव माखन ब्लॉक में बरुद ग्राम पंचायत के 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में और बैतूल ज़िले के एथनेर ब्लॉक में दाभोना ग्राम पंचायत के 2400 हेक्टेयर क्षेत्र में लागू किया जाएगा।
- कंपनी ने इन दो ज़िलों में परियोजना के कार्यान्वयन के लिये ज़मीनी स्तर के संगठनों- अर्पण सेवा संस्थान और हरितिका के साथ भागीदारी की है।
- एकीकृत वाटरशेड विकास परियोजनाओं के माध्यम से ‘जल आर्थिक क्षेत्र का निर्माण’, अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिये प्राकृतिक संसाधनों, विशेष रूप से पानी और मिट्टी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इन परियोजनाओं में रिचार्ज़िग और भंडारण संरचनाओं का निर्माण, मौज़ूदा निष्क्रिय या कम उपयोग किये गए जल निकायों का नवीनीकरण, मृदा संरक्षण उपाय, कुशल सिंचाई प्रथाओं की शुरुआत और दीर्घकालिक स्थिरता के लिये संस्थानों का निर्माण शामिल है।
- वाटरशेड संरचनाओं के कारण सतह और उप-सतह स्तर पर पानी की उपलब्धता कई गुना बढ़ जाती है, जिससे सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होती है और फसल उत्पादकता में सुधार होता है, जिसके परिणामस्वरूप हस्तक्षेप क्षेत्रों में समुदायों की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
- यह परियोजना जलवायु के अनुकूल फसलों की कटाई के साथ-साथ ड्रिप सिंचाई और रेन गन जैसी बेहतर सिंचाई पद्धतियों के माध्यम से पानी के कुशल उपयोग को बढ़ावा देती है।
- दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये, कंपनी स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाती है और जल उपयोगकर्त्ता समूहों, किसानों के समूह या किसी अन्य उपयुक्त सामुदायिक संस्थानों जैसे संस्थानों का निर्माण करती है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 1929 में स्थापित डीएस समूह एक बहु-व्यवसाय निगम है और मज़बूत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ अग्रणी एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) समूहों में से एक है।
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