न्यू ईयर सेल | 50% डिस्काउंट | 28 से 31 दिसंबर तक   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Jun 2022
  • 2 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक भूखंडों के उप-विभाजन से संबंधित नई नीति को स्वीकृति मिली

चर्चा में क्यों? 

17 जून, 2022 को उत्तर प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन नई औद्योगिक इकाइयों के विस्तार के लिये औद्योगिक भूखंडों के उप-विभाजन की बहुप्रतीक्षित नई नीति (संशोधित) को मंज़ूरी दे दी गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) ने अपने बोर्ड की मंज़ूरी के बाद संशोधित नीति को कार्येत्तर अनुमोदन के लिये सरकार को भेज दिया है। साथ ही राज्य कैबिनेट की अनुमति की प्रत्याशा में इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। गाज़ियाबाद में लगभग 200-300 एकड़ अनुपयोगी पड़े बड़े भूखंड पर छोटे भूखंड बन कर दूसरे उद्यमियों को उपलब्ध हो सकेंगे।  
  • प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने ऐसे भूखंडों के उप-विभाजन की अनुमति का फैसला किया है, जिन पर कम-से-कम चार वर्ष से औद्योगिक इकाई संचालित है। कुछ मामले में शर्तों के साथ छूट का भी प्रावधान है।   
  • यदि उप-विभाजित क्षेत्र 25 एकड़ तक है तो इसके लिये गठित समिति की सिफारिश पर प्राधिकरण के सीईओ मंज़ूरी देंगे। यदि उप-विभाजित क्षेत्र 25 एकड़ से अधिक है, तो इसे प्राधिकरण बोर्ड मंज़ूरी देगा।  
  • प्राधिकरण ने नीति में उपखंड के लिये आवेदन की शर्तें, आंतरिक विकास, स्थानांतरण की प्रक्रिया, विभाजित भूखंड बेचने की शर्तें, रखरखाव कार्य, उप-विभाजित भूखंड पर इकाई के संचालन के लिये समय की अनुमति, उप-प्रभार शुल्क, उप-विभाजन शुल्क, उप-विभाजित भूखंडों के कॉन्फिगरेशन सेटबैक संबंधी प्रावधान भी किये हैं।   
  • इस नीति से सक्रिय औद्योगिक इकाईयों के विस्तार, उपलब्ध अतिरिक्त भूखंड के औद्योगिक उपयोग के साथ उद्यमी परिवारों में तेज उद्यम विस्तार की राह खुलने की उम्मीद है।   
  • नीति के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं-   
    • 4,000 वर्ग मीटर के वे भूखंड उप-विभाजित होंगे, जिन पर 4 वर्ष तक इकाई संचालित रही हो। भूखंड 18 मी. रोड पर होने चाहिये।  
    • न्यूनतम 450 वर्ग मीटर के भूखंड सृजित किये जा सकेंगे।  
    • आंतरिक विकास के लिये 18 से 36 महीने का चरणबद्ध समय दिया जाएगा।   
    • आवंटित भूखंड का अधिकतम 75% उप-विभाजित किया जा सकेगा।  
    • भूखंडों की बिक्री को 2 से 3 वर्ष का समय मिलेगा। इसके बाद समय विस्तार की सुविधा मिलेगी।  
    • उप-विभाजन शुल्क प्रचलित दर पर 7.5  से 20% तक होगा। 50% अनुमोदन के समय 50% पूरा करने पर देना होगा।  
    • उप-विभाजित भूखंड पर एनसीआर में हस्तांतरण शुल्क प्रचलित दर का 15% एनसीआर से अलग क्षेत्रों में 10% होगा।  
    • कुछ शर्तों के साथ उप-विभाजित भूखंड के भी उप-विभाजन की सुविधा।  
    • परिवार-साक्षीदार से जुड़े भूखंड के विभाजन में उप-विभाजन की अर्हता में छूट, कॉमन एरिया सरेंडर किया जाए, तब तक रखरखाव।  
  • प्रदेश सरकार की विभिन्न नीतियों के तहत परिभाषितमेगा या अधिक निवेशके तहत आने वाली परियोजनाओं के लिये भूखंड के उप-खंड के मामले में भी छूट दी जाएगी। 

बिहार Switch to English

बिहार बालू खनन नीति, 2019 में संशोधन

चर्चा में क्यों? 

17 जून, 2022 को बिहार राज्य ने खान एवं भूतत्त्व विभाग के तहत बिहार बालू खनन नीति, 2019 में महत्त्वपूर्ण संशोधन किया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • डीएम -निलामी-सह निविदा के माध्यम से राज्य के सभी ज़िले चिह्नित बालूघाटों की अगले 5 वर्ष के लिये बंदोबस्ती कराएंगे। बालू घाटों की बंदोबस्ती शुल्क में पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।  
  • बालू घाटों की बंदोबस्ती में सुरक्षित जमा राशि और प्रतिभूति राशि को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।   
  • विदित है कि सुरक्षित जमा राशि पहले भी 25 फीसदी ही थी, जिसे पिछले दिनों 10 फीसदी कर दिया गया था। अब इसे फिर से 25 फीसदी किया गया है।  
  • यह राशि देने के बाद ही बंदोबस्तधारियों की निविदा मान्य होगी।   
  • इससे अवैध खनन पर अंकुश एवं निर्माण कार्यों को सुगमता से बालू उपलब्धता के साथ सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी। 
  • पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सभी ज़िलों का खनिज सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था और रिपोर्ट के आधार पर ज़िलों में बालूघाटों की बंदोबस्ती करने को कहा था। उसके बाद विभाग ने सभी ज़िलों की रिपोर्ट तैयार की, जिसमें बालू की उपलब्धता से लेकर अन्य मामलों का पूरा ब्लूप्रिंट है।  
  • संशोधन के तहत पर्यावरणीय स्वीकृति एवं अन्य वैधानिक अनापत्ति बालू खनन करने वालों को ही लेनी होगी। माइनिंग प्लान भी उन्हें खुद ही बनवाना होगा। पहले ये काम सरकार के स्तर से होता था। 

बिहार Switch to English

बिहार में 534 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय होंगे प्लस-टू में अपग्रेड

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में केंद्र सरकार से सहमति मिलने के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने 534 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को प्लस-टू में अपग्रेड करने की कार्ययोजना बनाई है। 

प्रमुख बिंदु 

  • बिहार राज्य में वंचित समूहों की लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये अब तक कुल 634 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 534 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें लड़कियों के लिये कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। कक्षा 6 से 8 तक संचालित इन सभी विद्यालयों को प्लस-टू में अपग्रेड किया जाएगा। 
  • इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, गरीबी रेखा वाले वंचित समूहों और अल्पसंख्यक वर्गों से संबंधित बालिकाओं को सिर्फ कक्षा 6 से 12वीं तक की शिक्षा मिलेगी, बल्कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे। 
  • उल्लेखनीय है कि वर्तमान में देश भर में 5,726 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हैं। 
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकित कुल 50,963 वंचित समूहों की लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये उन्हें छात्रावास में रखकर पढ़ाई कराई जाती है। 
  • शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, आईसीटी लैब और वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। 
  • शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों पर एक रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपी है, ताकि इन्हें जल्द-से-जल्द चालू करने के लिये स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तत्काल कदम उठाए। 
  • विदित है कि केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिये कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना की शुरुआत वर्ष 2006-07 में की थी। इन विद्यालयों में 75% सीटें अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्गों की बालिकाओं के लिये आरक्षित होंगी, बाकी 25% सीटें गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बालिकाओं के लिये आरक्षित हैं। 

राजस्थान Switch to English

जयपुर में ‘आईस्टार्ट राजस्थान’ के तहत हुआ ‘ड्रोन एक्सपो-2022’

चर्चा में क्यों? 

16 जून, 2022 को सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग केआईस्टार्ट राजस्थानके तहत झालाना सांस्थानिक क्षेत्र स्थित टेक्नो हब मेंड्रोन एक्सपो-2022’ का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से अधिक ड्रोन निर्माताओं ने अपने ड्रोन की क्षमताओं का प्रदर्शन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • ड्रोन निर्माताओं में से किसी ने बाढ़ या समुद्र के भीतर आपातकालीन परिस्थितियों में ड्रोन के जीवनरक्षक बनने का प्रदर्शन किया, तो किसी ने आसमान में एरोबेटिक्स दिखाकर सिंचाई और खेती में ड्रोन के मददगार बनने की क्षमताओें को दिखाया।  
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार राज्य सरकार इस वर्ष विभिन्न विभागों के लिये एक हज़ार ड्रोन खरीदने की योजना बना रही है।  
  • सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने ड्रोन प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विभागीय अधिकारियों को ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।   
  • आयुक्त संदेश नायक ने किसानों के लिये ड्रोन तकनीक के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ड्रोन केवल सिंचाई और कीटनाशक छिड़काव में काश्तकारों की मदद कर सकते हैं, बल्कि प्रतिकूल मौसम और परिस्थितियों के कारण होने वाले नुकसान हानि का सर्वेक्षण करने में भी कृषि विभाग के लिये मददगार बनेंगे।   
  • उन्होंने कहा कि ड्रोन निगरानी और सुरक्षा में पुलिस विभाग, जल संसाधन विभाग, वन्यजीव अन्य विभागों की मदद कर सकते हैं।   
  • उल्लेखनीय है किआईस्टार्ट राजस्थानप्रदेश में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के तहत राज्य सरकार की प्रमुख योजना है, जहाँ वर्तमान में 1700 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं और 200 स्टार्टअप इनक्यूबेट हैं। राज्य सरकार की ओर से 300 से अधिक स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है।  
  • विभाग ने राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम का विस्तार करने के लिये नीति आयोग, एचडीएफसी बैंक, पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और फिक्की एफएलओ, आईसीआईसीआई बैंक, अमेजॉन (एडब्ल्यूएस) के साथ भागीदारी की है। 

हरियाणा Switch to English

हरियाणा पुलिस वेब पोर्टल पर ‘ई-श्रद्धांजलि’ प्लेटफॉर्म का शुभारंभ

चर्चा में क्यों? 

17 जून, 2022 को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अग्रवाल ने हरियाणा पुलिस वेब पोर्टल पर-श्रद्धांजलिप्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • हरियाणा पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर शुरू की गई इस सुविधा में भारत के वीर (पुलिस शहीदों की सूची), यूजर्स मैसेज, जो पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाना है, आदि जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। 
  • इस प्लेटफॉर्म का शुभारंभ करते हुए डीजीपी ने कहा कि-श्रद्धांजलिसुविधा सभी को आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने में बहादुर जांबाज शहीद पुलिस जवानों के योगदान को याद करने के लिये एक ऑनलाइन मंच प्रदान करेगी।  
  • अब सभी अधिकारी जवानों सहित अन्य नागरिकों को 1 नवंबर, 1966 से हरियाणा राज्य के अस्तित्व में आने के बाद कर्त्तव्य परायणता के पथ पर आगे बढ़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले हरियाणा के तमाम वीर जांबाज पुलिस शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिये यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध होगी।  
  • नागरिक हरियाणा पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट www.haryanapolice.gov.in पर जाकर होमपेज पर प्रदर्शित-श्रद्धांजलिविकल्प का चयन कर पुलिस के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिये इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। उपयोगकर्त्ता शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिये संदेश भी लिख सकते हैं, जिसे आगे वेबपेज पर प्रदर्शित किया जाएगा।  

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने नरवा विकास योजना में 300 करोड़ रुपए के कार्यों का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों? 

17 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में वन विभाग द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रमनरवा विकासके तहत वर्ष 2022-23 में प्रदेश के 40 वन मंडलों में कैंपा मद से 300 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत कार्यों का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • उन्होंने प्रदेश में वर्ष 2020 में हुए तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के लिये 432 समितियों के 4 लाख 72 हज़ार संग्राहकों को 34 करोड़ 41 लाख रुपए की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित भी की।   
  • इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वन वृत्त स्तर पर रायपुर, बिलासपुर, कांकेर, जगदलपुर और सरगुजा में वनोपजों और उत्पादों की गुणवत्ता के परीक्षण के लिये स्थापित प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने महासमुंद वन मंडल में 5 करोड़ रुपए की लागत से ईको-टूरिज़्म विकास के कार्यों का भी शुभारंभ किया।   
  • मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वनांचल में हरियाली लाने तथा लोगों की आय में वृद्धि के लिये नरवा विकास योजना महत्त्वपूर्ण है। इसकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए नरवा विकास कार्यक्रम को एक अभियान का रूप दिया जाएगा।   
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान जानकारी मिली की वन क्षेत्रों में इन कार्यों से जल स्तरों में लगभग 30 सेंटीमीटर, जबकि मैदानी क्षेत्रों में जलस्तर में लगभग 7 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। 
  • उन्होंने कहा कि नरवा विकास के कार्य से वन क्षेत्रों में वन्यजीवों और पशु-पक्षियों के लिये सिर्फ जल की उपलब्धता होगी, बल्कि खेती करने वाले भी दो फसलें ले सकेंगे, इससे बायो डायवर्सिटी को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। 
  • मुख्यमंत्री ने कुछ ज़िलों में नेट से महुआ कलेक्शन के प्रारंभ हुए कार्य का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे महुआ संग्राहकों को अच्छा फायदा हो रहा है, इसी तर्ज़ पर नेट के माध्यम से चार-चिरौंजी का भी संग्रहण किया जाएगा। 
  • वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि भू-जल के संरक्षण और संवर्धन सहित नालों को पुनर्जीवित करने में नरवा विकास एक बहुउपयोगी योजना है। इसके लिये नरवा विकास कार्यों से जल स्तर में वृद्धि तथा सिंचाई के रकबे में वृद्धि के आकलन की भी तैयारी की जा रही है।   
  • वन मंत्री ने बताया कि राज्य में वनवासियों के हित में लघु वनोपजों के संग्रहण से लेकर प्रसंस्करण आदि व्यवस्था के ज़रिये उन्हें अधिक-से-अधिक लाभ दिलाने के लिये सतत् प्रयास हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण के मामले में देश में अव्वल है। वर्तमान में देश के लगभग तीन-चौथाई लघु वनोपजों का संग्रहण छत्तीसगढ़ में होता है। 

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘नभ नेत्र’ का उद्घाटन

चर्चा में क्यों? 

17 जून, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशननभ नेत्रका उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है तथा किसी भी आपदा की स्थिति में ड्रोन तकनीक पर आधारित यह मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन आपदा संबंधी डाटा जुटाने में कारगर साबित होगा।  
  • आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आने या आपात् स्थिति बनने के समय डाटा जुटाने, प्रोसेस करने और स्थिति पर निगरानी रखने जैसी चुनौतियाँ रहती हैं। अब इन तमाम मोर्चों के लिये ड्रोन तकनीक की मदद बड़े पैमाने पर ली जा सकेगी। इसके लिये ड्रोन एप्लिकेशन रिसर्च सेंटर ने मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन विकसित किया है, जिसका उपयोग आपदा या आपातकालीन स्थिति के दौरान ड्रोन का उपयोग करने एवं ड्रोन के माध्यम से डाटा एकत्रित करने में किया जाएगा। 
  • इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से आपदा पूर्व एवं आपदा पश्चात् मानचित्र तैयार किया जाएगा।  
  • यह स्टेशन पूरी तरह एक वाहन पर स्थापित किया गया है। इस ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन को डाटा प्रोसेसिंग के लिये हाई स्पीड वर्कस्टेशन, बैंडविड्थ एग्रीगेशन और बिना नेटवर्क ज़ोन वाले क्षेत्रों के लिये वीसैट से युक्त किया गया है।  
  • इस वाहन का उपयोग उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन और सभी संवेदनशील आपदा संभावित क्षेत्रों की 3डी मैपिंग के लिये किया जाएगा। 

उत्तराखंड Switch to English

देश भर की 75 हेरिटेज साइटों में हर की पौड़ी भी चयनित

चर्चा में क्यों? 

17 जून, 2022 को हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि 75वें स्वतंत्रता वर्ष के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत् अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देश भर में चयनित 75 हेरिटेज साइटों में उत्तराखंड राज्य के हर की पौड़ी का भी चयन किया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • इसके तहत राज्य के हर की पौड़ी के मालवीय घाट पर योग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 
  • आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम हरिद्वार के पाँच स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। 
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा ममता आनंद, आचार्य बिपिन जोशी, सीमा जौहर, संजीव चांदना, स्वरूपसिंह भंडारी, शशिकांत दूबे, मनोज जायसवाल, त्रिलोक सैनी समेत 17 योग शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया 

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2