राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को वापस लेगी सरकार | उत्तराखंड | 18 May 2023
चर्चा में क्यों?
16 मई, 2023 को उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य के पहले राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को 30 साल के लिये लीज पर देने के बाद सरकार अब इसे वापस लेगी। विभाग को इसके लिये सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिल गई है।
प्रमुख बिंदु
- विभाग के अधिकारियों के अनुसार कंपनी ने तय सेवा शर्तों को पूरा नहीं किया। यही वजह है कि स्टेडियम को वापस लिया जा रहा है।
- खेल विभाग के निदेशक जितेंद्र सोनकर के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में करीब 253 करोड़ रुपए की लागत से इस स्टेडियम का निर्माण किया गया था। यह राज्य का पहला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम है, जिसे कुछ शर्तों के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी को लीज पर दिया गया था।
- विदित है कि यह कंपनी देश की प्रमुख अवसंरचना विकास और वित्त कंपनी है। सरकारी क्षेत्र की इस कंपनी की 40 सहायक कंपनियाँ हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम को लीज पर लेने के बाद कंपनी का दिवालिया निकल गया और उसने सेवा शर्तों को पूरा नहीं किया।
- कंपनी की ओर से एक ऐसा खाता खोला जाना था, जिसमें जमा धनराशि को बिना सहमति के निकाला नहीं जा सकता था, लेकिन खाता नहीं खोला गया। कंपनी को स्टेडियम परिसर में 2.8 एकड़ भूमि पर खेल अवस्थापनाओं के विकास के लिये दी गई थी, इसे भी पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में आइस स्केटिंग रिंक को संचालित किया जाना था, इसे भी शुरू नहीं किया गया।
- साढ़े सात प्रतिशत ग्रॉस राजस्व पर दिये इस स्टेडियम को लेकर जो सेवा शर्तें थीं उसे पूरा न किये जाने से करोड़ों की लागत से बने इस स्टेडियम का ठीक से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। यही वजह है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्टेडियम को वापस लेने और इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाने की मंजूरी मिली है।
- गौरतलब है कि अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने देहरादून स्थित राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को वर्ष 2018 में होमग्राउंड के तौर पर अपनाया था। उस दौरान यहाँ कई टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच हुए। इसके अलावा क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने भी स्टेडियम को होमग्राउंड के रूप में चुना था।
- राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को वापस लेने के बाद इसे पीपीपी मोड में दिया जाएगा। संबंधित कंपनी से जो लेनदेन है उसे कैबिनेट में लाया जाएगा।