उत्तर प्रदेश में स्थापित होगा ‘फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट’ | उत्तर प्रदेश | 18 May 2023
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में फार्मास्युटिकल सेक्टर के विकास की संभावनाओं पर चर्चा के दौरान फार्मा सेक्टर में शोध-अनुसंधान को एवं मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में एक नवीन संस्थान ‘फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट’ की स्थापना के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फार्मा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की संख्या में उत्तर प्रदेश देश का छठा सबसे बड़ा राज्य है, अब लक्ष्य देश में अग्रणी राज्य बनने का है। इसी प्रकार देश में फार्मा मैन्युफैक्चरिंग में अभी राज्य का योगदान 2 प्रतिशत का है, जिसे 10-12 प्रतिशत तक पहुँचाने की आवश्यकता है।
- उन्होंने कहा कि प्रदेश में आईआईटीआर, सीडीआरआई, सीमैप और एनबीआरआई जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थान क्रियाशील हैं, जबकि एसजीपीजीआई, केजीएमयू जैसे अकादमिक संस्थान भी हैं। नियोजित प्रयासों से बीते कुछ वर्षों में लखनऊ बायोफार्मा हब के रूप में उभरकर आया है।
- फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिये एकेटीयू व अन्य प्राविधिक शिक्षण संस्थान मानव संसाधन उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। प्रदेश में फार्मा पार्क निर्माण की कार्यवाही चल रही है तथा मेडिकल डिवाइस पार्क का भी निर्माण किया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि दवा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों, रिसर्च लैब और इंडस्ट्री, तीनों क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की जानी चाहिये। यह संस्थान मूलत: शोध और नवाचार पर केंद्रित होगा, साथ ही सेक्टर से संबंधित अन्य संस्थानों व इंडस्ट्री के बीच सेतु का काम करेगा।
- उन्होंने अधिकारियों को फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट के स्वरूप के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने और राजधानी लखनऊ में इसके लिये उपयुक्त भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिये।
लखनऊ में बनेगी देश की पहली नाइट सफारी | उत्तर प्रदेश | 18 May 2023
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कुकरैल के जंगलों में सिंगापुर की तर्ज़ पर देश की पहली नाइट सफारी और नए चिड़ियाघर की स्थापना के लिये केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने अनुमति-पत्र जारी कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि कैबिनेट ने पिछले साल अगस्त में कुकरैल में नाइट सफारी बनाने और राजधानी के चिड़ियाघर को भी वहीं स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। तभी से वन विभाग इनकी स्थापना के लिये सभी तरह की एनओसी हासिल करने व औपचारिकताएँ पूरी करने में लगा हुआ था।
- उल्लेखनीय है कि कुकरैल के जंगल 2027.46 हेक्टेयर में फैले हुए हैं। यहाँ 350 एकड़ में देश की पहली नाइट सफारी तैयार होगी। 150 एकड़ में प्राणि उद्यान बनेगा। इसके लिये 1000 एकड़ ज़मीन ऐसी चिह्नित की गई है, जिससे वनक्षेत्र के मूल स्वरूप को कोई नुकसान नहीं होगा।
- दोनों परियोजनाओं पर करीब 1500 करोड़ रुपए की लागत आएगी। सीजेडए का अनुमति-पत्र मिलने के बाद अब वन विभाग परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिये किसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सलाहकार की सेवाएँ लेगा।
- सलाहकार नियुक्त करने के लिये भी खुली निविदा से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। ये कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड में किये जाएंगे। यानी, जो फर्म नाइट सफारी व चिड़ियाघर की स्थापना का ठेका लेगी, उसे तय मानकों पर सभी काम खुद करना होगा। इसके लिये ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किये जाएंगे, क्योंकि कोई विशेषज्ञ एजेंसी अभी देश में इस काम के लिये मौज़ूद नहीं है।