चौथे ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार’ में जल संसाधनों के प्रबंधन, संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों में मध्य प्रदेश को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ का पुरस्कार | मध्य प्रदेश | 18 May 2023
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश को जल-संसाधन के बेहतर उपयोग, जल-संरचनाओं के संरक्षण एवं संवर्धन में उत्कृष्ट कार्य के लिये राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2022 की ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ श्रेणी में प्रथम स्थान के लिये चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार के अंतर्गत राज्यों, संगठनों, व्यक्तियों आदि को 11 अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
- इन श्रेणियों में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’, ‘सर्वश्रेष्ठ ज़िला’, ‘सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत’, ‘सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय’, ‘सर्वश्रेष्ठ मीडिया (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक)’, ‘सर्वश्रेष्ठ स्कूल’, ‘कैंपस उपयोग के लिये सर्वश्रेष्ठ संस्थान (संस्थान/आरडब्ल्यूए/धार्मिक/उच्च शिक्षा संगठन)’, ‘सर्वश्रेष्ठ उद्योग’, ‘सर्वश्रेष्ठ एनजीओ’, ‘सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्त्ता संघ’ और ‘सीएसआर गतिविधियों के लिये सर्वश्रेष्ठ उद्योग’ शामिल हैं।
- विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार विजेताओं को प्रशस्ति-पत्र, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वाले विजेताओं के लिये नकद पुरस्कार क्रमश: 2 लाख रुपए, 1.5 लाख रुपए और 1 लाख रुपए है।
- सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में विभिन्न घटकों-जल जीवन मिशन एवं जल शक्ति अभियान की उपलब्धियों, जल-संसाधन के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रयास, वाटर पॉलिसी, सिंचाई के परंपरागत तरीकों के स्थान पर माइक्रो इरीगेशन तकनीकी का प्रयोग, नवीन माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट्स का क्रियान्वयन, जल उपयोग की दक्षता (एफीशिएंसी), जल-संरचनाओं का पुनरुद्धार, सीवेज एवं औद्योगिक अपशिष्ट पानी को उपचारित कर पुन: उपयोग आदि क्षेत्रों में प्रयासों एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाता है।
- राष्ट्रीय जल पुरस्कार (एनडब्ल्यूए), सरकार की ‘जल समृद्ध भारत’ की परिकल्पना को पूरा करने के काम में देश भर में राज्यों, ज़िलों, व्यक्तियों, संगठनों आदि द्वारा किये गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिये दिये जाते हैं।
- इसका उद्देश्य जनता को पानी के महत्त्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाओं को अपनाने के लिये प्रेरित करना है।
- राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य हितधारकों को देश में जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना है, क्योंकि सतही जल और भूजल जल चक्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिये विभाग ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का पहला संस्करण पेश किया। पुरस्कार वितरण समारोह 25 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया और 14 श्रेणियों के तहत 82 विजेताओं को सम्मानित किया गया।
- दूसरा राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2019 में आयोजित किया गया, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति ने 16 श्रेणियों में 98 विजेताओं को 11-12 नवंबर, 2020 को सम्मानित किया।
- तीसरा राष्ट्रीय जल पुरस्कार 29 मार्च, 2022 को आयोजित किया गया, जिसमें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 11 श्रेणियों में 57 विजेताओं को सम्मानित किया। तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार में जल संरक्षण की दिशा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ श्रेणी में उत्तर प्रदेश को पहला पुरस्कार मिला था।