न्यू ईयर सेल | 50% डिस्काउंट | 28 से 31 दिसंबर तक   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 May 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
झारखंड Switch to English

‘मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना’

चर्चा में क्यों?

16 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में दूर-दराज के दुर्गम ग्रामीण इलाकों में लोगों को सुलभ परिवहन मुहैया कराने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना’की शुरुआत होने जा रही है।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस योजना के तहत वैसे इलाकों में सरकार वाहन चलाएगी जहाँ लोगों को प्रखंड या ज़िला मुख्यालय जाना हो तो गाड़ी पकड़ने के लिये कम से कम 25 किमी. की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है।  
  • विदित है कि प्रदेश में दूर-दराज के इलाकों से ग्रामीण प्रखंड या ज़िला मुख्यालय पहुँचने के लिये अपने घर से तड़के ही निकल पड़ते हैं। 20-25 किमी. का सफर पैदल तय करने के बाद मुख्य सड़क तक पहुँचते हैं और तब उन्हें वाहन मिलता है।  
  • प्रखंड या ज़िला मुख्यालय में काम निपटाकर घर वापस लौटने में अक्सर देर रात हो जाती है। ऐसे में उनका समय और खर्च बचाने के लिये राज्य सरकार ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना’शुरू करने पर विचार कर रही है। इसके लिये सभी ज़िलों में वाहन मालिकों से बातचीत जारी है। 
  • सभी ज़िला परिवहन पदाधिकारियों ने वाहन मालिकों के साथ पहले दौर की बैठक कर ली है। वाहन मालिकों को ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना’से अवगत कराया है। वहीं, वाहन मालिकों ने भी विभाग को अपनी चिंता और समस्याओं से अवगत कराया है।  
  • विभाग ने आश्वासन दिया है कि जिन रूट्स पर वाहन चलाना है उसका विशेष परमिट दिया जाएगा और वाहन मालिकों का हित भी देखा जाएगा।  
  • गौरतलब है कि पिछले दिनों कैबिनेट की मीटिंग में राज्य सरकार ने राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में वाहन चलाने का प्रस्ताव पास किया था। परिवहन मंत्रालय ने ज़िला डीटीओ के साथ मिलकर उन इलाकों की पहचान भी कर ली है जहाँ वाहन चलाया जाना है।  
  • ज्ञातव्य है कि झारखंड में अधिकांश इलाका वनक्षेत्र है। सुदूर पहाड़ी गाँव हैं। वहाँ तक पहुँचना काफी दुर्गम है। लोगों को वाहन पकड़ने के लिये कई किमी. चलना पड़ता है। खासतौर पर महिलाओं के लिये यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी काफी खतरनाक है।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2