उत्तर प्रदेश Switch to English
फूड फॉरेस्ट प्रोजेक्ट
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि हरियाली बढ़ाकर पर्यावरण संरक्षण हेतु शुरू की गई एक अभिनव पहल ‘फूड फॉरेस्ट’के अंतर्गत विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों के पंद्रह ज़िलों की पहचान की गई है, जहाँ खाद्य वन विकसित किये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- इस परियोजना के लिये जिन ज़िलों की पहचान की गई है, उनमें आम की पटेी के बिजनौर, अमरोहा और सहारनपुर तथा अमरूद के संभल, रामपुर और बदायूँ आदि शामिल हैं। इसी प्रकार अन्य ज़िलों बुलंदशहर, मेरठ, गाज़ियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहाँपुर, पीलीभीत, गोरखपुर और गौतमबुद्ध नगर में भी फल पौधे रोपे जाएंगे।
- खाद्य वन में पौधों का चयन कृषि-जलवायु क्षेत्र के अनुसार किया जाएगा। प्राकृतिक तरीके से नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिये दलहनी फसलों को भी लगाया जाएगा।
- पूड कोर्ट के माध्यम से सरकार का प्राथमिक उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है। यह धान-गेहूँ की पारंपरिक खेती की बजाय कृषि विविधीकरण से ही संभव है।
- उदाहरण के लिये गोरखपुर में विकसित होने वाले खाद्य वन के प्रथम चरण में आम, अमरूद, अनार और पपीते के पौधे रोपे जाएंगे। दूसरे चक्र में जामुन, बेर के पौधे रोपे जाएंगे। तीसरे चक्र में अरहर, मूंग, उड़द, मटर और चना बोया जाएगा।
बिहार Switch to English
बिहार की सभी ग्राम पंचायतों की होगी अपनी वेबसाइट
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य पंचायती राज विभाग ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिये व्यापक वेबसाइट विकसित करने हेतु बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बेल्ट्रॉन), राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और केंद्र सरकार के अन्य संस्थान से संपर्क किया है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि विभाग को विभिन्न सरकारी एजेंसियों से कोटेशन मिलने के बाद सभी 8387 ग्राम पंचायतों की वेबसाइट विकसित करने की परियोजना शुरू हो जाएगी।
- वेबसाइटों में क्षेत्र के निर्वाचित प्रतिनिधियों के विवरण के अलावा सभी जनसांख्यिकीय विवरण, ऐतिहासिक महत्त्व के स्थान, महत्त्वपूर्ण संस्थान शामिल हैं।
- वेबसाइटों को प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) और व्यापक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) से लैस किया जाएगा, ताकि ग्राम पंचायतों में विकास और अन्य गतिविधियों पर खर्च किये गए फंड के लिये अधिक जवाबदेही लाई जा सके।
- ग्राम पंचायतों के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों और अन्य पदाधिकारियों को वेबसाइटों को संभालने के लिये प्रशिक्षित किया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान के प्रत्येक ज़िले में विकसित किये जाएंगे डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2022 को राजस्थान की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राजस्थान के प्रत्येक ज़िले को निर्यात संवर्धन में आत्मनिर्भर बनाने के लिये ‘डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब’ विकसित किये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का उद्देश्य ज़िला स्तर के उद्योगों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है, ताकि छोटे उद्योगों को मदद मिल सके और वे स्थानीय लोगों को रोज़गार के मौके उपलब्ध करवा सकें।
- इसके प्रथम चरण में जयपुर और जोधपुर ज़िलों को चुना गया है। बाद में चरणबद्ध तरीके से इसमें सभी ज़िलों को शामिल किया जाएगा।
- इसी संदर्भ में ज़िला उद्योग केंद्र, जयपुर (शहर) में बैठक आयोजित की गई और शहर के लिये जेम्स एंड ज्वैलरी तथा जयपुर ग्रामीण के लिये ब्लू पॉटरी के विकास पर चर्चा की गई।
मध्य प्रदेश Switch to English
ओडिशा ने जीती राष्ट्रीय सीनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2022 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर खेले गए 12वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में हॉकी एसोसिएशन ओडिशा ने कर्नाटक को 2-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 12वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन 6 से 17 मई, 2022 तक भोपाल के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर किया गया, जिसमें लगभग 27 राज्यों के खिलाड़ियों ने भाग लिया।
- टूर्नामेंट में खेले गए फाइनल मुकाबले में ओडिशा के लिये पूनम बारला ने 34वें और अशीम कंचन बारला ने 59वें मिनट में गोल दागे।
- वहीं तीसरे स्थान के मुकाबले में झारखंड ने हरियाणा को 3-2 से हराया। दीप्ति टोप्पो, अलबेला रानी टोप्पो और बेटन डुंगडुंग ने झारखंड के लिये गोल किया। हरियाणा के लिये अमनदीप कौर और भारती सरोहा ने गोल दागे।
उत्तराखंड Switch to English
हिमालयन बर्ड सर्वे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी की गई बर्ड काउंट इंडिया की पहली हिमालयन बर्ड सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट में उत्तराखंड में हिमालयी पक्षियों की सर्वाधिक प्रजातियाँ पाई गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में हिमालयी पक्षियों की 171 प्रजातियाँ देखी गई हैं।
- हिमालयी पक्षियों की यह गणना बर्ड काउंट इंडिया द्वारा विभिन्न हिमालयी राज्यों में ई-बर्ड वैश्विक पटल के तहत की गई है।
- गणना के दौरान उत्तराखंड में दुर्लभ रेडक्रॉस बिल के साथ ही मोनाल, द वाल क्रीपर, स्पाटेड नटक्रेकर और स्ट्रीक ब्रेस्टेड शिमिटर बैबलर समेत कई अन्य पक्षी देखे गए हैं।
- रिपोर्ट में विभिन्न हिमालयी राज्य/कें.शा.प्र./ज़िले एवं उनमें पक्षियों की प्रजातियों की संख्या निम्नलिखित है-
स्थान |
पक्षी प्रजाति |
उत्तराखंड |
171 |
लद्दाख |
148 |
हिमाचल प्रदेश |
125 |
जम्मू और कश्मीर |
122 |
दार्जिलिंग |
49 |
अरुणाचल प्रदेश |
47 |
सिक्किम |
36 |
कलिपोंग (पं. बंगाल) |
08 |
मध्य प्रदेश Switch to English
इंटरनेशनल टोमैटो कॉन्क्लेव-2022
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने होटल आमेर ग्रीन्स में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा नीदरलैंड ऐंबेसी के सहयोग से हुए इंटरनेशनल टोमैटो कॉन्क्लेव-2022 को वर्चुअली संबोधित किया।
प्रमुख बिंदु
- कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी फसलों के विस्तार के लिये केंद्र शासन द्वारा संचालित योजनाओं के साथ फल, पौधरोपण, व्यावसायिक उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती को प्रोत्साहन, उद्यानिकी के विकास के लिये यंत्रीकरण को प्रोत्साहन, मसाला क्षेत्र विस्तार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास, बागवानी तथा खाद्य प्रसंस्करण और उद्यानिकी फसलों के लिये कोल्ड स्टोरेज अधोसंरचना विकास हेतु योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 11 विविध कृषि जलवायु क्षेत्र हैं। राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न फसलों के उत्पादन में मध्य प्रदेश अग्रणी स्थान पर है। संतरा और धनिया बीज उत्पादन में प्रदेश, देश में प्रथम है। साथ ही अमरूद, टमाटर, प्याज, फूलगोभी, हरी मिर्च, मटर, लहसुन, नींबू आदि के उत्पादन में मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
- उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल टोमैटो कॉन्क्लेव-2022 प्रदेश में टमाटर फसल और उसके निर्यात, भंडारण, प्रसंस्करण को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगा। राज्य सरकार विशेषज्ञों द्वारा विकसित रणनीति का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।
- गौरतलब है कि प्रदेश की ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’योजना में 11 ज़िलों को विशेषरूप से टमाटर उत्पादन के लिये चुना गया है। टमाटर के साथ फल-फूल, सब्जी, मसाला, औषधीय और सुगंधित फसलों की खेती तथा उनके प्रसंस्करण एवं व्यापार की अपार संभावनाएँ हैं।
हरियाणा Switch to English
आईएमटी खरखौदा
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि ‘मारुति’ हरियाणा में अपना तीसरा संयंत्र स्थापित कर रही है। इसके लिये एमएसआईएल ने आईएमटी खरखौदा में 800 एकड़ भूमि की खरीद की है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ‘मारुति’ ने 1983 में गुडगाँव (अब गुरुग्राम) में अपना पहला कार संयंत्र स्थापित करने के बाद मानेसर में एक अन्य विनिर्माण सुविधा और रोहतक में एक अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करके हरियाणा में अपनी विनिर्माण सुविधाओं का लगातार विस्तार किया है।
- आईएमटी खरखौदा सोनीपत स्थित विश्वस्तरीय आधारभूत अवसंरचना के साथ एक एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप है, जो लगभग 3,217 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जा रही है।
- यह रणनीतिक रूप से पश्चिमी परिधीय (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेसवे और राज्यीय राजमार्ग-18 के साथ लगती दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित है।
- यह हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा विकसित किये गए/ किये जा रहे औद्योगिक मॉडल टाउनशिप में से एक है।
- गौरतलब है कि एक विशेष स्थान पर 1500 एकड़ क्षेत्र से ऊपर विकसित एक औद्योगिक संपत्ति (Industrial Estate) को एक औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) के रूप में परिभाषित किया गया है।
झारखंड Switch to English
झारखंड राज्य कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2022 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड विधानसभा द्वारा पारित ‘झारखंड राज्य कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022’ को इसके हिन्दी और अंग्रेज़ी संस्करणों में अंतर के कारण वापस कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- यह राज्य सरकार द्वारा पारित पाँचवा विधेयक है, जिसे राज्यपाल द्वारा विधेयकों के हिन्दी और अंग्रेज़ी संस्करणों में अंतर के कारण सरकार को वापस कर दिया गया है।
- इस विधेयक के माध्यम से देश में पहली बार झारखंड सरकार प्राइवेट बाज़ार समिति कैंपस के कॉन्सेप्ट को ज़मीन पर लागू करने जा रही है।
- कृषि बाज़ार समितियों में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत या निर्वाचित जन-प्रतिनिधि को अध्यक्ष बनाया जाएगा।
- इस विधेयक में खरीदारों से दो प्रतिशत कृषि बाज़ार टैक्स लेने की व्यवस्था की गई है, जबकि तुरंत नष्ट होने वाली कृषि उपज पर यह टैक्स एक प्रतिशत होगा।
- राज्य में कृषि विपणन में व्यापक सुधार एवं पारदर्शिता के उद्देश्य से ‘एक देश एक बाज़ार’ की परिकल्पना को साकार करने हेतु राज्य के कृषकों को आधुनिक विपणन व्यवस्था के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
- कृषि बाज़ार टैक्स से प्राप्त राजस्व से ग्रामीण हाट-बाज़ारों के आधुनिकीकरण के साथ नए बाज़ारों की स्थापना की जाएगी, ताकि किसानों को प्रत्येक 10 किमी. पर बाज़ार उपलब्ध हो सके।
छत्तीसगढ़ Switch to English
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्रों में ‘अंग्रेज़ी’ में अधिसूचित जाति को मान्य किया जाएगा
चर्चा में क्यों?
17 मई, 2022 को प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्रों में ‘अंग्रेज़ी’में अधिसूचित जाति को मान्य किये जाने के संबंध में राज्य शासन द्वारा सभी ज़िला कलेक्टरों को इस आशय का पत्र जारी कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 1 मई, 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘अंग्रेज़ी’में अधिसूचित जाति को मान्य करने तथा जाति प्रमाण-पत्रों में अंग्रेज़ी में ही अधिसूचित जाति का उल्लेख करने का निर्णय लिया गया था।
- इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को मात्रात्मक त्रुटि के कारण जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में हो रही कठिनाईयों को दूर करना है।
- सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम, 2013 के अधीन बने नियमों के तहत निर्धारित प्रारूप में सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण-पत्र) जारी किये जाते हैं।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के विभिन्न समुदायों में हिन्दी में उच्चारणगत विभेद के कारण कतिपय जातियों के जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो पा रहे हैं।
- पत्र में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के 24 सितंबर, 2013 के संदर्भित परिपत्र में उल्लेख है कि विशेष परिस्थिति में किसी आवेदक को अंग्रेज़ी में जारी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र की आवश्यकता पड़ सकती है। अत: सक्षम अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि आवेदक द्वारा यदि भारत सरकार के द्वारा निर्धारित प्रारूप अनुसार अथवा अंग्रेज़ी में सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र जारी करने की मांग की जाती है तो समुचित जाँच एवं प्रक्रिया अपनाने के उपरांत उसे इस प्रारूप में स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र जारी किया जाए।
- इस परिपत्र में दिये गए निर्देश के अनुक्रम में स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिये हिन्दी, अंग्रेज़ी में अधिसूचित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जाति नामों की सूची प्रकाशित की गई है।
- इस प्रकाशित सूची में अंग्रेज़ी उच्चारण में किसी भी प्रकार की भ्रांति या विवाद नहीं है, अत: राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों को जारी किये जाने वाले जाति प्रमाण-पत्रों में ‘अंग्रेज़ी’में अधिसूचित जाति का उल्लेख किया जाए।
Switch to English