छत्तीसगढ़ Switch to English
राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव, 2022
चर्चा में क्यों?
17 अप्रैल, 2022 को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि 19 अप्रैल को रायपुर के पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के साथ-साथ राज्य स्तरीय कला एवं चित्रकला तथा आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्त्वावधान में किया जाएगा।
- लोक संस्कृति के संरक्षण एवं विकास से संबंधित पद्मश्री दमयंती बेसरा, पद्मश्री हलधर नाग, पद्मश्री साकी नेती रामचंद्रा (कोया जनजाति) इसके उद्घाटन समारोह में विशेष रूप से शामिल होंगे।
- इस महोत्सव के प्रथम दिवस 19 अप्रैल को प्रथम सत्र में जनजातीय साहित्य भाषा विज्ञान एवं अनुवाद, जनजातीय साहित्य में जनजातीय अस्मिता एवं जनजातीय साहित्य में जनजातीय जीवन के चित्रण तथा जनजातीय समाजों की वाचिक परंपरा की प्रासंगिकता एवं जनजातीय साहित्य में अनेकता एवं चुनौतियों विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत किये जाएंगे।
- द्वितीय दिवस 20 अप्रैल को जनजातीय साहित्य में लिंग संबंधी मुद्दे, जनजातीय कला साहित्य, जनजातीय साहित्य में सामाजिक-सांस्कृतिक संघर्ष, जनजातीय साहित्य के मुद्दे, चुनौतियाँ एवं संभावना तथा जनजातीय विकास के मुद्दे एवं चुनौतियों पर शोध-पत्र प्रस्तुत किये जाएंगे।
- तृतीय दिवस 21 अप्रैल को पंचम सत्र में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में इनका संघर्ष, भूमिका एवं योगदान) पर शोध-पत्र प्रस्तुत किये जाएंगे।
- महोत्सव में छत्तीसगढ़ के विभिन्न नृत्य विधाओं, जैसे- शैला, सरहुल, करमा, सोंदो, कुडुक, दशहरा करमा, विवाह नृत्य, मड़ई नृत्य, गरवसिंह गेड़ी, करसाड़, मांदरी, डंडार आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही कार्यक्रम के तहत प्रख्यात कलाकारों द्वारा जनजातीय संस्कृति एवं जनजातीय महापुरुषों एवं क्रांतिवीर, गुंडाधूर, शहीद वीर नारायण सिंह पर आधारित नाट्य मंचन किया जाएगा।
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