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‘ईट स्मार्ट सिटी चैलेंज’प्रतियोगिता में देश के शीर्ष 11 में प्रदेश के 4 शहर का चयन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एफएसएसएआई की ‘ईट स्मार्ट सिटी चैलेंज’प्रतियोगिता में देश के शीर्ष 11 में प्रदेश के 4 शहर- इंदौर, उज्जैन, सागर और जबलपुर चयनित हुए हैं। प्रतियोगिता में देश के 180 और प्रदेश के 9 ज़िलों ने भाग लिया था। इन शहरों को एफएसएसएआई द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- खाद्य सुरक्षा पारितंत्र को मज़बूत करने और आम नागरिकों में गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों के उपभोग की संस्कृति को विकसित करने के लिये ‘ईट समार्ट सिटी चैलेंज’प्रतियोगिता हुई।
- इसमें खाद्य सुरक्षा से जुड़ी विविध गतिविधियों में रेग्यूलेटरी नमूना संग्रहण, खाद्य लाइसेंसों एवं पंजीयन में बढ़ोतरी, सार्वजनिक स्थलों पर खाद्य सुरक्षा को प्रोत्साहित करना, सोशल मीडिया से आम नागरिकों को खाद्य सुरक्षा की जानकारी देना, क्लीन स्ट्रीट फूड हब, क्लीन वेजीटेबल मार्केट, भोग, ईट राइट स्कूल, ईट राइट कैंपस, हाईजीन रेटिंग आदि शामिल रहीं।
- प्रदेश में खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्यप्रद एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिये खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध ‘मिलावट से मुक्ति’अभियान चलाया जा रहा है।
- प्रदेश में खाद्य पदार्थों की जाँच के लिये 15 चलित प्रयोगशाला संचालित हैं। चलित प्रयोगशाला से मात्र 10 रुपए में आम नागरिक अपने खाद्य पदार्थ की जाँच करा सकते हैं। जाँच क्षमता बढ़ाने के लिये इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में आधुनिक प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जा रहा है।
- देश में प्रथम सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाले प्रदेश के संस्थानों में ईट राइट कैंपस प्राप्त करने वाला प्रथम एयरपोर्ट- राजा भोज एयरपोर्ट भोपाल है। ‘भोग’(BHOG) प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाला प्रथम मंदिर- महाकाल मंदिर, उज्जैन और ‘भोग’(BHOG) प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाली प्रथम मस्जिद/दरगाह- दरगाह-ए-हकीमी, बुरहानपुर है।
- ईट राइट स्कूल प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाला प्रथम स्कूल- सन्मति हायर सेकेंडरी स्कूल, इंदौर, ईट राइट कैंपस प्राप्त करने वाला प्रथम इनकम टैक्स ऑफिस- भोपाल एवं ईट राइट कैंपस प्राप्त करने वाला प्रथम मूक बधिर संस्थान- शासकीय मूक बधिर विद्यालय, रीवा है।
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कॉलेजों को मिलेगा दो वर्ष का प्रोविजनल एक्रीडिटेशन
चर्चा में क्यों?
16 मार्च, 2022 को आयुक्त, उच्च शिक्षा दीपक सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने कॉलेजों की मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब जिन महाविद्यालयों ने स्थापना के एक वर्ष पूर्ण कर लिये हैं, उन्हें प्रोविजनल एक्रीडिटेशन मिलेगा।
प्रमुख बिंदु
- दीपक सिंह ने यह बात सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रोविजनल एक्रीडिटेशन प्रशिक्षण पर एकदिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।
- उन्होंने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के ओवरऑल परफॉरमेंस के मूल्यांकन के बाद नैक (NAAC) एक्रीडिटेशन मिलता है। नए स्थापित कॉलेजों के लिये पैक (PAC) एक अच्छी पहल है।
- उन्होंने प्रशिक्षण में आए हुए भोपाल एवं सागर संभाग के महाविद्यालयों के प्राचार्य और प्राध्यापकों को अपने-अपने महाविद्यालय को नैक मूल्यांकन के लिये तैयार करने का निर्देश दिया। प्रशिक्षण में 55 महाविद्यालयों के 110 प्राचार्य और प्राध्यापक शामिल हुए।
- उल्लेखनीय है कि प्रोविजनल एक्रीडिटेशन का प्रशिक्षण भोपाल, उज्जैन, जबलपुर तथा ग्वालियर में दिया जा रहा है।
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