नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Mar 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

राज्य सरकार डिजिटल भूमि अभिलेखों की घर-घर शुरू करेगी डिलीवरी

चर्चा में क्यों?

11 मार्च, 2022 को बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने विधानसभा में बताया कि बिहार सरकार जल्द ही राज्य में खतियान और मानचित्र सहित भूमि के डिजिटल दस्तावेज़ों को घर-घर पहुंचाएगी। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्री ने बताया कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहाँ लोगों को डिजिटल भूमि दस्तावेज़ों की डोरस्टेप डिलीवरी की सुविधा मिलेगी।
  • राज्य के गाँवों, कस्बों और शहरों का राजस्व मानचित्र अब ऑनलाइन मँगवाया जा सकता है। डाक विभाग द्वारा डिजिटल राजस्व/भूमि अभिलेखों के वितरण के लिये स्पीड पोस्ट की सुविधा प्रदान की जाएगी। 
  • उन्होंने कहा कि अब बिहार के लोगों को खतियान (कब्ज़ा निर्धारित करने के लिये भूमि की पहचान करने का एक दस्तावेज़) सहित ज़मीन से जुड़े किसी भी दस्तावेज़ के लिये सरकारी दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
  • राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने वाणिज्यिक एवं आवासीय, दोनों क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के लिये अप्रैल में एक गहन अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। यह अभियान निर्वाचन क्षेत्र औराई (मुज़फ्फरपुर) से शुरू होगा और इसे राज्य के अन्य हिस्सों में चलाया जाएगा।

बिहार Switch to English

ग्रामीण स्थानीय निकाय अनुदान राशि

चर्चा में क्यों?

11 मार्च, 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिये बिहार को 1,112.7 करोड़ रुपए की राशि जारी की। यह अनुदान सहायता वर्ष 2021-22 में बिहार राज्य को सशर्त अनुदान की दूसरी किस्त है।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके साथ ही व्यय विभाग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिये कर्नाटक को 473.9 करोड़ रुपए और पश्चिम बंगाल को 634.6 करोड़ रुपए जारी किये हैं। यह अनुदान सहायता वर्ष 2021-22 में कर्नाटक एवं पश्चिम बंगाल राज्यों को बिना शर्त अनुदान की दूसरी किस्त है।
  • 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित सशर्त अनुदान दो महत्त्वपूर्ण सेवाओं, अर्थात् स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) दर्जा को बनाए रखने और पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल के संचयन एवं जल पुनर्चक्रण को बेहतर बनाने के लिये पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को जारी किया जाता है। 
  • 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को बिना शर्त अनुदान जारी किया जाता है।
  • पंचायती राज संस्थाओं के लिये निर्धारित कुल अनुदान सहायता में से 60 प्रतिशत राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, जैसे कि पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल के संचयन और स्वच्छता (सशर्त अनुदान के रूप में संदर्भित) के लिये निर्धारित किया जाता है, जबकि 40  प्रतिशत अनुदान सहायता बिना शर्त है और स्थान विशेष की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये पंचायती राज संस्थाओं के विवेक पर इसका उपयोग किया जाता है।
  • स्थानीय निकाय अनुदान दरअसल केंद्रप्रायोजित योजनाओं के तहत स्वच्छता और पेयजल के लिये केंद्र एवं राज्य द्वारा आवंटित धन के अलावा ग्रामीण स्थानीय निकायों को अतिरिक्त धनराशि सुनिश्चित करने के लिये है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2