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बिहार विधानमंडल में प्रबोधन कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
17 फरवरी, 2022 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानमंडल के विस्तारित भवन स्थित सेंट्रल हॉल में विधानमंडल सदस्यों के लिये आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रबोधन कार्यक्रम का विषय था- ‘लोकतंत्र की यात्रा में विधायकों का उन्मुखीकरण एवं उत्तरदायित्व’।
- बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष एवं स्थापना दिवस के अवसर पर यह कार्यक्रम संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, लोकसभा तथा बिहार विधानसभा, सचिवालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है।
- गौरतलब है कि वर्ष 2006 में पहला प्रबोधन कार्यक्रम हुआ था, जिसमें तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी मारगेट अल्वा शामिल हुई थीं। उस समय बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी थे।
- वर्ष 2011 के दूसरे प्रबोधन कार्यक्रम में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली शामिल हुए थे। तीसरे प्रबोधन कार्यक्रम में संसदीय मामले के विशेषज्ञ जे.सी. मल्होत्रा शामिल हुए थे।
- विदित है कि 22 मार्च, 1912 को बंगाल से बिहार और उड़ीसा अलग हुए तथा 1920 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। 7 फरवरी, 1921 को विधानमंडल की पहली बैठक हुई थी। विधानमंडल भवन के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हाल ही में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
- अक्तूबर 2021, में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शामिल हुए थे। उन्होंने बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया था और बोधगया से लाए गए पवित्र बोधिवृक्ष के शिशु पौधे का रोपण किया था।
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