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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Jan 2023
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उत्तराखंड के दो स्टार्टअप को मिला राष्ट्रीय अवॉर्ड

चर्चा में क्यों?

16 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा उत्तराखंड के दो स्टार्टअप को राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिंगतरा एयरो स्पेस और इंडीजीनियस इनर्जी स्टार्टअप कंपनी को उत्कृष्ट कार्य करने के लिये राष्ट्रीय स्टार्टअप अवॉर्ड प्रदान किया है।
  • विदित है कि वर्ष 2018 में राहुल रावत और अनिरूद्ध शर्मा ने अंतरिक्ष मौसम की निगरानी के आइडिया पर स्टार्टअप बनाने का फैसला लिया। अपने आइडिया को कारोबार में बदलने के लिये दिगंतरा एयरो स्पेस स्टार्टअप कंपनी बनाई।
  • पिछले वर्ष जून 2022 में दिगंतरा एयरो स्पेस ने अंतरिक्ष मौसम की निगरानी के लिये इसरो के सहयोग से एक उपग्रह लॉन्च किया है। यह उपग्रह अंतरिक्ष में रेडिएशन में होने वाले बदलाव की जानकारी देगा।
  • दिगंतरा एयरो स्पेस कंपनी के सह संस्थापक व मुख्य परिचालन अधिकारी राहुल रावत ने बताया कि जिस तरह धरती पर मौसम बदलाव की जानकारी मिल रही है, उसी तरह अंतरिक्ष में रेडिएशन के कारण मौसम में बदलाव हो रहा है। एक ऐसा सैटेलाइट तैयार किया गया है, जिससे अंतरिक्ष में होने वाले मौसम बदलाव की सही जानकारी मिल सकती है।
  • इलेक्ट्रिक इनर्जी के प्रो. योगेश शर्मा ने बताया कि इंडीजीनियस इनर्जी स्टार्टअप इलेक्ट्कि बैटरी बनाने का काम कर रही है। आने वाले समय में विद्युत चलित वाहनों का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। इंडीजीनियस इनर्जी ने बैटरी की स्टोरेज बढ़ाने की तकनीक विकसित की है।

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चारधाम यात्रा मार्ग पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना

चर्चा में क्यों?

17 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि आगामी चारधाम यात्रा तक गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिये यात्रा मार्ग पर ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना में सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि इस योजना के तहत प्रति 30 किमी. की दूरी पर एक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर लगभग 100 से अधिक स्टेशन स्थापित किये जाने हैं।
  • चारधाम में से दो धाम गंगोत्री व यमुनोत्री वाले उत्तरकाशी जनपद में योजना के तहत करीब 34 स्टेशन स्थापित किये जाएंगे। इनमें चिन्यालीसौड़, धरासू, ब्रह्मखाल, बड़कोट, यमुनोत्री, स्यानाचट्टी, जानकीचट्टी, धौंतरी व उत्तरकाशी शहर आदि में जगहें चिह्नित कर ली गई हैं।
  • परियोजना से जुड़ी प्रोजेक्ट मैनेजर मून बनर्जी ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर करीब 62 जगहें चिह्नित की गई हैं।
  • उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर लगने वाले चार्जिंग स्टेशन पर एक बार में तीन इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज किये जा सकेंगे। इनमें दो फास्ट और एक स्लो चार्जर होगा। न्यूनतम दरों पर चार्जिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सरकार की ओर से दरें निर्धारित की जाएंगी।
  • उत्तरकाशी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मुकेश सैनी ने बताया कि राज्य सरकार की यह एक महत्त्वपूर्ण योजना है। इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित होने से ई-वाहन मालिक व चालकों को मदद मिलेगी। साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
  • सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि आपदा से जोशीमठ क्षेत्र में काम प्रभावित हो सकता है, लेकिन अन्य जगहों पर लक्ष्य अनुरूप तय समय पर चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।

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जोशीमठ आपदा प्रभावितों को बसाने के लिये चार स्थान चिह्नित

चर्चा में क्यों?

17 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ आपदा प्रभावितों को पुनर्वासित करने के लिये चार स्थानों पर भूमि का चयन कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में लोगों को अच्छे घर बनाकर दिये जाने के प्रति विश्वास दिलाने के लिये पहले कोटी फार्म में स्थित उद्यान विभाग की भूमि पर तीन डेमोस्ट्रेशन भवन बनाए जाएंगे। इसमें वन, टू और थ्री बीएचके के प्री-फेब्रीकेटिड मॉडल भवन बनेंगे।
  • किसको कितने कमरों का घर दिया जाएगा, यह बाद में तय किया जाएग। हालाँकि इसके लिये लोगों की भवनों की नापझोख पहले ही कर ली गई है। इसके लिये सीबीआरआई रुड़की को 21 जनवरी तक मॉडल भवन बनाने को कहा गया है।
  • उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावितों को बसाने के लिये पाँच स्थानों पर भूमि का चयन किया गया था। इनमें से जीएसआई की रिपोर्ट के आधार पर चार स्थानों को उपयुक्त पाया गया है। इनमें कोटी फार्म, एचआरडीआई की भूमि, पीपलकोटी और ढाक गांव में भूमि शामिल है।
  • डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि स्थानीय प्रशासन की ओर से लोगों से बात की जाएगी, यदि उन्हें यह भवन पसंद आते हैं तो उनके लिये और भवन बनाए जाएंगे। सीबीआरआई की ओर से निर्माण एजेंसियाँ पहले से तय हैं, उनकी दरें भी तय हैं। सीबीआरआई की ओर से इसके लिये 400 रुपए वर्गफुट रेट तय है। इन भवनों की लाइफ 25 से 30 साल होती है।
  • चिह्नित चार स्थान ये हैं-
    • कोटी फार्म: जोशीमठ से लगभग 12 किमी दूर कोटी फार्म के लिये औली से सड़क कटती है। यहाँ राजस्व की भूमि उपलब्ध है।
    • ढाक गांव: मलारी रोड पर स्थित ढाक गांव जोशीमठ से करीब 12 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ राजस्व की भूमि उपलब्ध है।
    • पीपलकोटी: जोशीमठ से करीब 36 किमी दूर पीपलकोटी में भी सरकारी ज़मीन उलब्ध है।
    • एचआरडीआई की भूमि: जोशीमठ से करीब नौ किमी दूर जड़ी-बूटी शोध संस्थान
      (एचआरडीआई) की भूमि है। 

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