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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Jan 2023
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अलीगढ़ को मिला ट्रांसपोर्ट नगर

चर्चा में क्यों?

17 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के हैबिटेट सेंटर में आयोजित जनपद स्तरीय इन्वेस्टर्स समिट में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, सांसद सतीश गौतम, विधायक राजकुमार सहयोगी द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर का विधिवत् शुभारंभ किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • अलीगढ़ के डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि 28 साल के लंबे इंतजार के बाद अलीगढ़ को ट्रांसपोर्ट नगर मिल पाया है।
  • अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में 18 फरवरी से 17 मार्च के बीच भूखंड आवंटन के लिये पंजीकरण होगा। इसमें कुल 1803 भूखंड हैं। भूखंड के लिये 16 हज़ार रुपए प्रति वर्गमीटर जमीन की दर रखी गई है। इसमें लॉटरी सिस्टम से यहाँ ट्रांसपोर्टर ही नहीं सामान्य व्यक्ति भी जमीन ले सकेगा।
  • ट्रांसपोर्ट नगर में 608 भूखंड 200 वर्गमीटर, 439 भूखंड 72 वर्गमीटर, 204 भूखंड 162 वर्गमीटर, 231 भूखंड 375 वर्गमीटर के हैं। पहले चरण में ट्रांसपोर्टर, ट्रक ऑपरेटर्स, मिस्त्री दुकान, स्पेयर पार्ट्स, गोदाम, ढ़ाबा, रेस्तराँ, होटल, गेस्ट हाउस के लिये दिये जाएंगे।
  • ट्रांसपोर्ट नगर में कार्यालय, फायर, पार्क, सीएनजी पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिये चार्जिंग प्वाइंट, सामुदायिक शौचालयों की सुविधाएँ होंगी। 

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उत्तर प्रदेश में एससीआर बनाने पर काम शुरू

चर्चा में क्यों?

17 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के आवास विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि राज्य में एनसीआर की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बनाने पर काम शुरू हो गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • आवास विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के गठन की दिशा में बाराबंकी में सबसे पहले विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा। बाराबंकी एससीआर का हिस्सा है।
  • उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर एससीआर बनाया जा रहा है। लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात ज़िले इसके हिस्सा होंगे।
  • प्रस्ताव मिलने के बाद मुख्यमंत्री के समक्ष इसका प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि बाराबंकी ज़िला राजधानी से सटा हुआ है। इसलिये इसके आसपास के क्षेत्रों में तेजी से अवैध कालोनियाँ बस रही हैं। बिल्डर यहाँ औने-पौने दामों पर ज़मीन लेकर आवासीय और व्यावसायिक योजनाएँ ला रहे हैं। बाराबंकी में अभी तक विकास प्राधिकरण न होने की वजह से न तो इन कॉलोनियों का नक्शा पास कराया जा रहा है और न ही इस पर रोक लग पा रही है।   

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