बिहार Switch to English
पटना में मनाया जाएगा 13वाँ फिल्मोत्सव
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को छज्जूबाग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ साहित्यकार यादवेंद्र, फिल्मोत्सव की संयोजक प्रीति प्रभा और हिरावल के संयोजक संतोष झा ने बताया कि 13वाँ पटना फिल्मोत्सव 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक पटना में मनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- कालिदास रंगालय में आयोजित होने वाले इस फिल्मोत्सव में एक दर्जन फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिन्हें दर्शक नि:शुल्क देख सकेंगे।
- फिल्मोत्सव में मुंबई, केरल, कोलकाता, दिल्ली, अलीगढ़ और राँची से कुल आठ फिल्मकार अपनी फिल्मों के साथ आ रहे हैं। एक सेक्शन स्थानीय युवा फिल्मकारों का भी होगा।
- 13वें फिल्मोत्सव का उद्घाटन हिन्दी के वरिष्ठ कवि और आईआईटी, हैदराबाद में प्रोफेसर हरजिंदर सिंह लाल्टू करेंगे। पहले दिन दो साहित्यिक कृतियों पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिनमें संवदिया (फणीश्वर नाथ रेणु) और लौट रही है बेला एक्का (अरुण प्रकाश) शामिल हैं। फिल्म के प्रदर्शन के बाद उपस्थित निर्देशकों के साथ दर्शकों के संवाद का भी सत्र होगा।
- फिल्मोत्सव में दिखाई जानेवाली आखिरी फिल्म ‘‘मट्टो की साइकिल’ होगी। जाने-माने फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है। इस फिल्म का प्रीमियर बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हुआ था। इसके निर्देशक मो. गनी भी फिल्मोत्सव में शिरकत करेंगे।
बिहार Switch to English
बिहार के सरकारी अस्पतालों में अब 611 प्रकार की दवाएँ मुफ्त में मिलेगी, बिहार सरकार ने जारी की गाइड लाइन
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को बिहार सरकार ने सरकारी अस्पतालों में दवाओं के वितरण को लेकर नया गाइडलाइन जारी किया है। नये नियम के मुताबिक अब सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को 611 प्रकार की दवाएँ मुफ्त में मिलेंगी।
प्रमुख बिंदु
- नयी-नयी बीमारियाँ सामने आने के बाद सरकार ने सरकारी अस्पतालों में दवाओं के वितरण को लेकर नया गाइडलाइन जारी किया है। इसके तहत अब मरीजों को निजी दुकानों से दवा नहीं खरीदनी पड़ेगी।
- सरकार की ओर से जारी नये संकल्प में मेडिकल कॉलेज से लेकर ज़िला अस्पताल व स्वास्थ्य उपकेंद्र तक के अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी में कुल 611 प्रकार की दवाओं के वितरण करने का निर्णय लिया गया है।
- बिहार के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी-
- मेडिकल कॉलेज: ओपीडी-356, आईपीडी-256
- ज़िला अस्पताल: ओपीडी-287, आईपीडी-169
- अनुमंडलीय अस्पताल: ओपीडी-212, आईपीडी-101
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र: ओपीडी-212, आईपीडी-97
- रेफरल अस्पताल: ओपीडी-203, आईपीडी-98
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र: ओपीडी-201, आईपीडी-93
- शहरी पीएचसी: ओपीडी-180
- अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र: ओपीडी-140, आईपीडी-53
- हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर: ओपीडी-151
- स्वास्थ्य उपकेंद्र टेलीमेडिसीन: ओपीडी-97
- स्वास्थ्य उपकेंद्र एल1: ओपीडी-72
- स्वास्थ्य उपकेंद्र: ओपीडी-32
- मानसिक विज्ञान केंद्र कोइलवर: ओपीडी-144
राजस्थान Switch to English
सीएनजी गैस वितरण के लिये 1187 सीएनजी स्टेशन होंगे स्थापित
चर्चा में क्यों?
15 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस व पेट्रोलियम, डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राज्य में कार्यरत सभी 14 संस्थाओं के प्रतिनिधियों की समीक्षा बैठक में बताया कि सीएनजी गैस वितरण के लिये 1187 स्टेशन स्थापित किये जाएंगे, वहीं 37824 इंच किमी. पाईपलाइन बिछाई जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बैठक में बताया कि सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत 8 साल में 96 लाख पाईपलाइन से घरेलू गैस कनेक्शन उपलब्ध करा दिये जाएंगे।
- उन्होंने राज्य की 33 ज़िलों में कार्यरत 14 गैस कंपनियों को तय समय सीमा में पाईपलाइन से गैस वितरण व्यवस्था और सीएनजी वितरण व्यवस्था को प्रभावी करने के निर्देश दिये।
- उन्होंने बताया कि जयपुर के कालवाड़ रोड़, झोटवाड़ा, विद्याधर नगर और महेंद्र सेज में 10 हजार कनेक्शन मार्च 2023 तक जारी कर दिये जाएंगे।
- एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में इस समय पाईपलाइन से एक लाख 877 घरेलू गैस कनेक्शन जारी किये जा चुके हैं। वहीं 221 सीएनजी स्टेशन की स्थापना के साथ ही 7767 इंच किमी. पाईपलाइन बिछाने का काम हो चुका है।
- डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, भरतपुर, सिरोही, जालौर, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, अलवर, जयपुर, धौलपुर, कोटा, रावतभाटा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, बूंदी, अजमेर, पाली, जयसमंद में कार्य आरंभ हो चुका है।
- एमडी आरएसजीएल रणवीर सिंह ने बताया कि राज्य में बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में एजएपी, अलवर (भिवाड़ी को छोड़कर), जयपुर (कोटा शहर को छोड़कर) बारां और चित्तौड़गढ़ (केवल रावतभाटा) में टोरेंट, भीलवाड़ा, बूंदी, रावतभाटा को छोड़कर चित्तौड़गढ़, उदयपुर और प्रतापगढ़ में अडानी गैस, धौलपुर में एस्सेल, अजमेर, पाली, राजसमंद में इंद्रप्रस्थ गैस, जालौर, सिरोही, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, में गुजरात गैस, कोटा में राजस्थान गैस, भरतपुर में गैल गैस, भिवाड़ी में हरियाणा गैस, बीकानेर, चुरु, में दिनेश इंजीनियरिंग, झुंझुनूं, सीकर, नागौर में इंडियन ऑयल, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर व टोंक में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, गंगानगर व हनुमानगढ़ में भारत पेट्रोलियम, झालावाड़ में मेघा इंजीनियिंरंग द्वारा आधारभूत संरचना, व पाईप लाइन से गैस वितरण और सीएनजी का कार्य किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुक्ता महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने लॉन्च किया मुक्ता ब्रांड घी
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित बुंदेलखंड की 18 हज़ार 500 से अधिक महिला डेयरी किसानों की दुग्ध उत्पादक कंपनी मुक्ता ने अपना ब्रांड ‘मुक्ता घी’विधिवत लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश की महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी की यह बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश की 4 दुग्ध उत्पादक कंपनियाँ प्रतिदिन 2 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन करती हैं, जिनमें अकेली मुक्ता कंपनी एक लाख लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन कर रही है। कंपनी का वार्षिक टर्न-ओवर 65 करोड़ रुपए से अधिक है।
- इस अवसर पर मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एल.एम. बेलवाल ने कहा कि यह एक प्रेरणादायक स्टार्ट-अप है, जो महिलाओं के सशक्तीकरण का प्रतीक है।
- मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश में 4 लाख 12 हज़ार स्व-सहायता समूह गठित हैं, जिनसे 46 लाख ग्रामीण महिलाओं का आजीविका संवर्धन किया जा रहा है।
- प्रदेश में 88 किसान उत्पादक कंपनियाँ भी बनाई गई हैं, जिनके एक लाख 79 हजार सदस्य प्रमुख रूप से कृषि आधारित गतिविधियाँ कर रहे हैं। इन कंपनियों का वर्ष 2022-23 में नवंबर माह तक 529 करोड़ रुपए टर्न ओवर हो चुका है। गत वर्ष अकेली मुक्ता महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी ने 65 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार किया, जिसमें 85 प्रतिशत बिक्री से आय का भुगतान सदस्यों को दूध के रूप में किया गया।
- कंपनी द्वारा प्रत्येक गाँव में दूध की खरीदी के लिये उन्नत स्व-चलित दूध संग्रहण प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें दूध बेचने वाले सदस्य दूध की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जाँच स्वयं कर सकते हैं। उन्हें मुद्रित पावती पर्ची भी मिलती है और उनके मोबाइल पर बेचे गए दूध का पूरा विवरण आ जाता है।
- कंपनी का मोबाइल एप दूध के लेन-देन की जानकारी देता है। कंपनी पशुओं में दूध की उत्पादकता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिये कृत्रिम गर्भाधान, खनिज मिश्रण, फर्टिलिटी केंप, अवेयरनेस जैसे कार्य कर रही है।
- उल्लेखनीय है कि मुक्ता कंपनी ने इंडिया डेयरी अवार्ड-2021 में डेयरी एक्सटेंशन पुरस्कार भी प्राप्त किया है। कंपनी ने 4 साल की अल्प अवधि में यह सफलता पाई है। आगामी 2 वर्ष में प्रदेश में दुग्ध उत्पादक कंपनियों से 5 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य है।
झारखंड Switch to English
गोड्डा के अडाणी पावर प्लांट से रोशन होगा बांग्लादेश, 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को झारखंड के गोड्डा में बने देश के अब तक के सबसे उत्कृष्ट थर्मल पावर प्लांट में से एक अडाणी पावर प्लांट से पहले चरण में 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। पहले चरण में 800 मेगावाट का उत्पादन कर बांग्लादेश को बिजली पहुँचाया गया। इस पावर प्लांट से झारखंड सरकार को 25 प्रतिशत बिजली मिलेगी।
प्रमुख बिंदु
- दो यूनिट वाले अडाणी पावर प्लांट के पहले फेज में 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन का ट्रायल दिसंबर में हो जाने के बाद बांग्लादेश को तय तिथि 16 दिसंबर को पावर ट्रांसमिट किया गया। दूसरे यूनिट के अप्रैल तक चालू होने की बात बताई जा रही है। उस समय कंपनी की ओर से कुल 1600 मेगावाट का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
- बांग्लादेश तक बिजली पहुँचाने के लिये गोड्डा से मुर्शिदाबाद तक 105 किमी. ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण भी अडानी ने करवाया है। इसके अलावा पानी की ज़रुरत को पूरा करने के लिये साहिबगंज से गोड्डा तक वाटर पाइपलाइन बिछाई गई है।
- गौरतलब है कि भारत सरकार और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते के तहत यह पावर प्लांट बनाया गया है। यह अल्ट्रा सुपर थर्मल पावर प्लांट है। इस पावर प्लांट के निर्माण पर कुल 15000 करोड़ रुपए की लागत आई है।
- अडाणी पावर प्लांट का काम साल 2016 में भूमि अधिग्रहण के साथ शुरू हुआ। मोतिया और आसपास के कई गाँव एवं मौजा की करीब 650 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया गया। इसके बाद 2018 में कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू किया।
- इस प्लांट में नवीन तकनीक का प्रयोग किया गया है। देश भर में लगे अब तक के लेटेस्ट चिमनी जिसकी ऊँचाई 275 मीटर है, यहाँ बनाया गया है। वहीं, पावर उत्पादन के साथ पर्यावरण की रक्षा के लिये इको फ्रेंडली एफडीजी एवं एससीआर केमिकल रिएक्शन का इस्तेमाल का यंत्र लगाया गया है।
- एससीआर नामक तकनीक के माध्यम से गैसीय प्रदूषण को रोकने का काम किया गया है। साथ ही इएसपी यानी इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रेसीप्रेटर सिस्टम का उपयोग किया गया है। इससे सूक्ष्म से सूक्ष्म कार्बन के उत्सर्जन को परिमार्जित कर प्रदूषण क्षमता को कम करता है। इस यंत्र और मशीन के इंस्टॉलेशन में कंपनी को करीब 2200 करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ा है।
- अडाणी संयंत्र में उच्च तापीय एवं क्वालिटी के बिटुमिनस कोयले का प्रयोग किया जा रहा है। यह कोयला अत्यधिक गुणवत्तापूर्ण बताया जा रहा है।
उत्तराखंड Switch to English
कृषि कार्य के दौरान मौत पर मिलेगा डेढ़ लाख मुआवज़ा
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को विधानसभा स्थित कार्यालय में उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड की 35वीं बैठक में किसानों के हित में कई फैसले लिये गए। कृषि कार्य के दौरान दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर मिलने वाली मुआवज़ा राशि को एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके अलावा दुर्घटना से दोनों हाथ या दोनों पैर या फिर एक हाथ और एक पैर से दिव्यांग होने पर मुआवज़े को 60 हज़ार से बढ़ाकर एक लाख और एक अंग से दिव्यांग होने पर मुआवज़े को 30 हज़ार से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए करने का निर्णय लिया गया।
- व्यत्तिगत दुर्घटना की पात्रता में 18 से 60 वर्ष की आयु की शर्त को समाप्त किया गया है, जिससे अब दुर्घटना होने पर सभी किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा।
- कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि बोर्ड के माध्यम से किसानों के मेधावी बच्चों के लिये छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। इस योजना में पात्रता के लिये आय सीमा दो लाख रुपए रखी गई थी। इसे बढ़ाकर तीन लाख रुपए प्रति वर्ष किया गया है।
उत्तराखंड Switch to English
रोडवेज बसों में फ्री यात्रा कर सकेंगे वीरता चक्र विजेता और वीर नारि
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को विजय दिवस पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के वीरता चक्र विजेता सैनिक और वीर नारियों को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा देने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में शहीद द्वार और स्मारकों का निर्माण कार्य अब सैनिक कल्याण विभाग के जरिये होगा। पहले यह संस्कृति विभाग के माध्यम से होता था।
- उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत माँ की रक्षा के लिये प्राणों का बलिदान दिया था। युद्ध में अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिकों को विभिन्न वीरता पदकों से नवाज़ा गया था।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य परिवारों के लिये राज्य सरकार विशेष योजनाएँ बना रही है ताकि एक सैनिक को युद्ध लड़ते समय परिवार की चिंता न हो। सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर शहीदों के आश्रितों को राज्य सरकार की नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है।
- सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड में 1727 सैनिकों और सेना के अधिकारियों को वीरता चक्र मिला है। इनमें एक परमवीर चक्र, छह अशोक चक्र, 13 महावीर चक्र, 32 कीर्ति चक्र, चार उत्तम युद्ध सेवा मेडल, 102 वीर चक्र, 188 शौर्य चक्र, 36 युद्ध सेवा मेडल, 847 सेना मेडल (वीरता), 198 मेंशन इन डिस्पैच, 70 सेना मेडल, 45 परम विशिष्ट सेवा मेडल, 56 अति विशिष्ट सेवा मेडल, 129 विशिष्ट सेवा मेडल विजेता शामिल हैं। वहीं, प्रदेश में वीर नारियों की संख्या वर्तमान में करीब 1100 है।
- गौरतलब है कि विजय दिवस भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य का प्रतीक है। इसी दिन वर्ष 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था।
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