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‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ की पहली किस्त के लिये राशि जारी
चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ के तहत लाभार्थियों को पहली किस्त के लिये राशि जारी कर दी।
प्रमुख बिंदु
- ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ के तहत 2023-24 के प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों को पहली किस्त जारी किया गया है। पहली किस्त के रूप में चार-चार लाख रुपए भेजे गए।
- विदित हो कि बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा राज्य में नए उद्यमों को बढ़ावा देने के लिये बिहार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना शुरू की गई है। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री उद्यमी अनुदान योजना है।
- इस योजना के तहत उद्योग के लिये लोगों को सरकार की ओर से 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जिस पर 50% सब्सिडी भी दी जाती है। साथ ही ट्रेनिंग के लिये 25 हज़ार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाती है। लोगों को सात साल में ऋण चुकाना होता है।
- ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ के तहत पहली किस्त में 4 लाख रुपए, दूसरी किस्त में 4 लाख रुपए और तीसरी किस्त में 2 लाख रुपए दिये जाते हैं।
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विभागीय योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुँचाने में मधुबनी अव्वल और नालंदा सबसे नीचे
चर्चा में क्यों?
15 नवंबर, 2023 को श्रम संसाधन विभाग ने राज्य भर में ज़िलों की रैंकिंग जारी की है। इसमें विभागीय योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुँचाने में मधुबनी ज़िला अव्वल जबकि नालंदा ज़िला सबसे निचले पायदान पर है।
प्रमुख बिंदु
- श्रम संसाधन विभाग की इस रैंकिंग में दूसरे नंबर पर दरभंगा और तीसरे नंबर पर समस्तीपुर ज़िला है।
- ज़िलों की क्रमवार रैंकिंग है- मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, भभुआ, शेखपुरा, पूर्णिया, सारण, जमुई, बेगूसराय, औरंगाबाद, बक्सर, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, शिवहर, अरवल, वैशाली, रोहतास, किशनगंज, मुंगेर, सीवान, जहानाबाद, नवादा, अररिया, सुपौल, पश्चिम चंपारण, कटिहार, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, गया, सहरसा, पटना, भागलपुर, भोजपुर, लखीसराय, बांका, नालंदा।
- विभाग की ओर पिछले तीन माह से ज़िलों की मासिक रैंकिंग बनाई जा रही है, लेकिन पहली बार अक्तूबर में रैंकिंग को पब्लिक डोमेन में डाला गया है। अब विभाग ने निर्णय लिया है कि लगातार, जिस ज़िले की रैंकिंग खराब होगी, उस ज़िले के श्रम अधिकारियों से स्पष्टीकरण माँगा जाएगा।
- अधिकारियों के मुताबिक विभाग की योजनाओं के नौ मानकों पर ज़िलों का चयन किया गया है।
- लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के लिये 20 अंक
- भवन निर्माण से संबंधित गतिविधियों के लिये 15 अंक
- भवन निर्माण से संबंधित सभी मज़दूरों के कार्य ऑनलाइन निबटाने के लिये 15 अंक
- असंगठित क्षेत्र के कामगारों से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 10 अंक
- बाल श्रम से संबंधित गतिविधियों के लिये 10 अंक
- श्रम प्रवर्तन कार्यालय पर निगरानी के लिये 10 अंक
- कर वसूली के लिये 10 अंक
- विमुक्त बाल श्रमिकों के पुनर्स्थापन के लिये 5 अंक
- प्रवासी कामगारों के लिये 5 अंक
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