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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Nov 2022
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बर्ड वॉचिंग ट्रैल के रूप में विकसित होगा एबट माउंट क्षेत्र

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को चंपावत ज़िला के पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि ज़िले के एबट माउंट क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों के विस्तार के लिये क्षेत्र को बर्ड वॉचिंग ट्रैल के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन विकास विभाग की ओर से इसके लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर मंज़ूरी के लिये शासन को भेजा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • अरविंद गौड़ ने बताया कि बर्ड वॉचिंग ट्रैल के लिये पूर्व में पर्यटन सचिव की ओर से निर्देश जारी किये जाने के बाद विभाग ने कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम के माध्यम से डीपीआर शासन को भेजी है जिसे जल्द मंज़ूरी मिलने की उम्मीद है।
  • एबट माउंट में प्रस्तावित बर्ड वॉचिंग ट्रैल के लिये पर्यटन विभाग की भूमि का सीमांकन करने के साथ ही सुरक्षा के लिये चहारदीवारी का निर्माण किया जाएगा। पर्यटन विभाग की ओर से चहारदीवारी के निर्माण का प्रस्ताव भी राजस्व विभाग के माध्यम से शासन को भेजा है।
  • एबट माउंट में पर्यटकों की सुविधा के लिये पर्यटन विभाग की ओर से आठ ईको हट्स का निर्माण किया गया है। वहीं अब एबट माउंट में पर्यटकों के लिये हेलिपोर्ट का निर्माण भी किया जाएगा।
  • एबटमाउंट में प्रस्तावित हेलिपोर्ट के जरिये बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों को हवाई सेवा का लाभ मिलेगा वहीं हेलिपोर्ट का प्रयोग आपदा के समय में राहत और बचाव कार्य के लिये भी किया जा सकेगा। 

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उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पर कैबिनेट की मुहर

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पर मुहर लग गई।

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में 26 प्रस्ताव आए, जिनमें से 25 पर मुहर लग गई। इनमें उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण का कानून सख्त बना दिया गया है।
  • उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के तहत अब उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण कराने वालों को दस साल तक की सजा होगी।
  • उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति का जबरन धर्मांतरण करने पर एक से पाँच साल की सजा और 25 हज़ार रुपए जुर्माना है, जबकि उत्तराखंड में ऐसा करने पर दो से सात साल की सजा होगी और 25 हज़ार जुर्माना होगा।
  • प्रदेश में सामूहिक धर्मांतरण के मामले में अब तीन से दस साल तक की सजा होगी, पहले अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान था। साथ ही पीड़ितों को कोर्ट के माध्यम से पाँच लाख रुपए की प्रतिपूर्ति भी मिल सकेगी।
  • मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में धर्मांतरण का कानून अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। पहले यह असंज्ञेय अपराध था। अब सरकार इसे विधानसभा पटल पर रखेगी।

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