मध्य प्रदेश Switch to English
राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश में दो परियोजनाओं का किया वर्चुअल शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
15 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रातापानी-औबेदुल्लागंज-इटारसी फोरलेन परियोजना (एनएच-46) और रक्षा मंत्रालय के ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में मेक्सिमम माइक्रोवाइल कंटेनमेंट लेबोरेटरी (बीएसएल 4) का वर्चुअल शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- करीब 300 करोड़ रुपए लागत की यह लैब कोविड-19 जैसी चुनौतियों का सामना करने में सहयोग करेगी। यहाँ महत्त्वपूर्ण अनुसंधान हो सकेंगे।
- यह परियोजना भारतमाला परियोजना में एनएच-46 (पुराना एनएच-69) औबेदुल्लागंज से बैतूल इंटर कॉरिडोर मार्ग का एक हिस्सा ही है, जो भोपाल से नागपुर को कनेक्टिविटी देता है।
- इस मार्ग का 38 किमी. का खंड रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य में आता है एवं रातापानी खंड भोपाल-नागपुर कॉरिडोर का भाग है।
- इस परियोजना में वन्य-जीव और पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय शामिल हैं। वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में पशु अंडरपास के प्रावधानों से वन्य-प्राणियों को आवागमन में आसानी होगी।
- इस परियोजना की कुल लंबाई 38 किमी. है। इसके निर्माण पर 417 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत आएगी। परियोजना का निर्माण कार्य 18 माह की अवधि में पूर्ण किया जाएगा।
- इस मार्ग को चौड़ा करने से वन्य-प्राणियों के आवागमन/आवास पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिये 5 बड़े पशु अंडरपास (100 मी., 420 मी., 1226 मी., 65 मी. एवं 65 मी.) एवं 2 छोटे पशु अंडरपास (10 मी. एवं 10 मी.) अधो-संरचनाएँ बनाई जाएंगी। इस परियोजना में एक माइनर ब्रिज एवं 2 व्हीकल अंडरपास का निर्माण भी किया जाना है।
- इस परियोजना का प्रमुख लाभ भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल और नागपुर की बेहतर कनेक्टिविटी होगी। साथ ही, भारी यातायात से सड़क उपयोगकर्त्ताओं को सुविधा प्राप्त होगी।
- रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य और सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व तक बेहतर आवागमन से पर्यटन क्षेत्र को बढावा एवं रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी। इससे जहाँ समय और ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं सड़क उपयोगकर्त्ता की सुरक्षा में भी सुधार होगा। परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र के लोगों की तीव्र सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का कार्य हो सकेगा।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन में शामिल हुई
चर्चा में क्यों?
15 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मध्य प्रदेश के लालपुर, शहडोल में राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन में शामिल हुईं, जहाँ उन्होंने मध्य प्रदेश की संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना पुस्तिका का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय वर्गों के कल्याण के लिये जिन प्रकल्पों को प्रारंभ किया गया है, वे सभी राष्ट्रीय महत्त्व के हैं। अनुसूचित क्षेत्रों के लिये बनाए गए नए नियम जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तीकरण एवं जनजातीय वर्ग को उनके अधिकार दिलाने में प्रभावी होंगे।
- इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पेसा अधिनियम नियमावली की प्रथम प्रति सौंपी।
- विदित है कि बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज से मध्य प्रदेश में लागू किये गए पेसा एक्ट के नए नियम जनजातीय वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगे। इन नियमों के लागू होने से ग्राम सभाएँ बहुत अधिक शक्तिशाली हो जांगी।
- पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार जल, ज़मीन और जंगल का प्रबंधन, छोटे-मोटे विवादों का निराकरण, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, आँगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण, विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग आदि कार्य ग्राम सभा के हाथ में होंगे।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार प्रत्येक वर्ष पटवारी को गाँव, ज़मीन का नक्शा, खसरा नकल, गाँव में लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। गड़बड़ी होने पर ग्राम सभा को उसे ठीक करने का अधिकार होगा।
- किसी योजना के लिये ज़मीन लेने के लिये ग्राम सभा की सहमति आवश्यक होगी। कोई भी व्यक्ति छल-कपट, धर्मांतरण आदि कर गाँव वालों की ज़मीन नहीं हड़प पाएंगा। यदि ऐसा होता है तो ग्राम सभा को उसे वापस करवाने का अधिकार होगा।
- रेत खदान, गिटी-पत्थर के ठेके देना है या नहीं, यह भी ग्राम सभा तय करेगी। इन्हें पहले जनजातीय समाज सहकारी समिति को दिया जाएगा। तालाबों का प्रबंधन, उनमें मत्स्याखेट, सिंघाड़ा उगाने की सहमति ग्राम सभा देगी। ग्राम सभा ही सौ एकड़ सिंचाई तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण करेगी।
- पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार जनजातीय क्षेत्र में मनरेगा के पैसे से कौन सा कार्य कराया जाए, यह ग्राम सभा ही तय करेगी। कार्य का मास्टर रोल भी ग्राम सभा देखेगी। यदि ग्राम से मज़दूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गाँव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी।
- जनजातीय क्षेत्रों में सिर्फ लाइसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे पाएंगे। इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी। अधिक ब्याज लेने पर कार्यवाही होगी। हितग्राही मूलक योजना में पहले किसे लाभ मिले, यह प्राथमिकता ग्राम सभा तय करेगी। बिना ग्राम सभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा कर सकेगी। छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा।
- जनजातीय क्षेत्र में किसी थाने में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी। स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आँगनवाड़ी केंद्र, आश्रम शालाएँ, छात्रावास आदि के निरीक्षण का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा। मेला एवं बाज़ार का प्रबंधन भी ग्राम सभा करेगी।
- नए नियमों को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने के लिये पेसा कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे।
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