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स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Nov 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में नई पर्यटन नीति-2022 को मिली मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता से हुई कैबिनेट बैठक में राज्य की नई पर्यटन नीति-2022 को मंज़ूरी मिली।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य की नई पर्यटन नीति में होटल इंडस्ट्री के लिये निवेश आधारित सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। 10 करोड़ रुपए तक के निवेश पर 2 करोड़ रुपए और 500 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर 40 करोड़ रुपए तक सब्सिडी दी जाएगी। इसमें होटलों को उद्योग का दर्जा मिलेगा तथा पानी, बिजली संपत्ति कर, सीवरेज टैक्स की दरें भी व्यवसायिक की जगह औद्योगिक होंगी।
  • नई पर्यटन नीति के अंतर्गत भगवान राम से जुड़े सभी स्थलों को रामायण सर्किट, भगवान कृष्ण से जुड़े धार्मिक स्थलों को कृष्ण सर्किट के तौर पर विकसित किया जाएगा। जिन नए पर्यटन गंतव्यों का विकास किया जाएगा, इसमें रामायण सर्किट प्रमुख होगा।
  • रामायण सर्किट में अयोध्या, चित्रकूट, बिठूर समेत अन्य धार्मिक स्थल शामिल होंगे। इन स्थलों को भगवान राम एवं माता सीता के प्रतीकों के तौर पर देखा जाता है।
  • इसी तरह कृष्ण सर्किट में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, बरसाना, नंदगाँव, बलदेव से लेकर अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा तथा बुद्धिस्ट सर्किट में कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, कौशांबी, श्रावस्ती, रामग्राम समेत अन्य स्थल शामिल होंगे।
  • नई नीति में महाभारत सर्किट और शक्ति पीठ सर्किट की भी परिकल्पना की गई है, जिसमें हस्तिनापुर, कांपिल्य, एछत्र, बरनावा, मथुरा, कौशांबी, गोंडा, लाक्षागृह जैसे स्थानों को चुना गया है। शक्तिपीठ सर्किट के अंतर्गत विंधयवासिनी देवी, अष्टभुजा से लेते हुए देवीपाटन, नैमिषारण्य, माँ ललित देवी, माँ ज्वाला देवी, शाकुंभरी देवी सहारनपुर से शिवानी देवी चित्रकूट और शीतला माता मऊ का विस्तार होगा।
  • कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने बताया कि पर्यटन से जुड़ी कई गतिविधियों को जो अभी तक पर्यटन की श्रेणी में नहीं आती थीं, उन्हें भी शामिल किया गया है। इनमें बजट होटल, हैरिटेज होटल, स्टार होटल, हैरिटेज, होमस्टे, इको टूरिज़्म की इकाइयाँ कारवाँ टूरिज़्म युनिट, पिलग्रिम डॉर्मेट्री, धर्मशालाएँ, वेलनेस रिसार्ट, ऑल वेदर सीजनल कैंप, जलाशय झील, वेलनेस टूरिज़्म, एडवेंचर टूरिज़्म जैसी कुल 22 एक्टिविटीज को नई नीति में स्थान मिला है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 को मंज़ूरी दी गई, जिसमें सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिये कई अहम प्रावधान किये गए हैं। यह नीति पाँच वर्ष तक लागू रहेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के क्रियान्वयन के लिये उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीनेडा) को नोडल एजेंसी नामित किया गया है।
  • इस नीति के अंतर्गत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिये सरकारी उपक्रमों को एक रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से ग्राम पंचायत व राजस्व भूमि दी जाएगी। निजी क्षेत्र में सोलर पार्क की स्थापना के लिये 15 हज़ार रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्ष के लिये पट्टे पर दी जाएगी।
  • राज्य सरकार ने अगले पाँच वर्ष में सौर ऊर्जा से 22 हज़ार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। सोलर पार्क से 14,000 मेगावाट, सोलर रूफटॉप आवासीय से 4500 मेगावाट, सोलर रूफटॉप अनावासीय से 1500 मेगावाट तथा पीएम कुसुम योजना के तहत 2000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
  • उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने निजी आवासों पर नेट मीटरिंग व्यवस्था के साथ ग्रिड संयोजित सोलर सिस्टम की स्थापना पर केंद्रीय वित्तीय सहायता के अलावा राज्य सरकार की ओर से 15 हज़ार रुपए प्रति किलोवॉट, अधिकतम 30,000 रुपए प्रति उपभोक्ता के राज्य अनुदान की अनुमन्यता को भी स्वीकृति दी है।
  • सरकारी और शिक्षण संस्थानों के भवनों पर नेट मीटरिंग के साथ सोलर रूफटॉप अनुमन्य किया गया है। पीएम कुसुम योजना के तहत भी किसानों के लिये सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
  • कैबिनेट ने सौर ऊर्जा इकाइयों की स्थापना के लिये खरीदी अथवा लीज पर ली जाने वाली जमीन देय स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत छूट देने के साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से 10 वर्ष के लिये छूट प्रदान किये जाने की अनुमति दी है।
  • सौर प्लांट को पर्यावरण अनापत्ति प्राप्त करने से छूट प्रदान करने, ग्रिड संयोजित सोलर पीवी परियोजनाओं को प्रदूषण नियंत्रण नियम के तहत स्थापना और संचालन की सहमति व एनओसी प्राप्त करने से छूट देने का निर्णय किया गया है।
  • इस नीति के क्रियान्वयन के लिये उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीनेडा) को नोडल एजेंसी नामित किया गया है।
  • इस नीति के अनुसार पाँच मेगावाट अथवा उससे अधिक क्षमता के स्टोरेज सिस्टम के साथ स्थापित सोलर पार्कों को ढाई करोड़ रुपए प्रति मेगावाट की दर से सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • इस नीति के तहत अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के 16 नगर निगमों तथा नोएडा को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • इसके तहत संबंधित शहर की पारंपरिक ऊर्जा की अनुमानित कुल मांग की न्यूनतम 10 प्रतिशत बिजली शहर क्षेत्र में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से पूरी की जाएगी।
  • इसके लिये नीति के अंतर्गत 2011 की नगर निगम क्षेत्र की जनगणना के अनुसार 100 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से राज्य सरकार द्वारा नगर निगमों/नोएडा सिटी को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता दी जाएगी।
  • सौर ऊर्जा संयंत्रों की रख-रखाव के लिये अतिरिक्त जनशक्ति का सृजन किया जाएगा। इसके लिये 30,000 युवकों को सौर ऊर्जा संयंत्रों के अनुरक्षण का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें ‘सूर्य मित्र’का नाम दिया जाएगा। इस तरह इन ‘सूर्य मित्रों’के लिये रोज़गार भी सृजित होगा।

राजस्थान Switch to English

डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय का शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के जयपुर ज़िले के बगरू के दहमीकलां में डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया। यह विश्वविद्यालय 387 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य सभी विधि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिया जाना है। विश्वविद्यालय के स्थायी परिसर बन जाने से शिक्षकों और विद्यार्थियों को बेहतर वातावरण मिल सकेगा और इस विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों के विद्यार्थी वकालत और न्यायिक क्षेत्रों में जाकर समाज को बेहतर सेवाएँ देंगे और पीड़ित को न्याय दिलाने में अग्रणी रहेंगे।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था स्थापित होने पर ही पीड़ित को सम्मान के साथ न्याय मिल सकेगा। इसी क्रम में प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष स्थापित किये गए तथा एफआईआर अनिवार्य की गई है। अब फरियादी सम्मान के साथ थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।
  • उल्लेखनीय है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण बगरू के दहमीकलां में कुल 26 एकड़ के क्षेत्रफल में किया जायेगा। प्रथम चरण के कार्यों के लिये कुल 119.21 करोड़ रुपए फरवरी, 2022 में स्वीकृत किये गए थे।
  • प्रथम चरण में इस परिसर में प्रशासनिक भवन, दो एकेडमिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस, गर्ल्स हॉस्टल, बॉयज हॉस्टल, डाईनिंग हॉल, फैकल्टी एवं नॉन टीचिंग ब्लॉक, हेल्थ केयर एवं अन्य सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं।
  • उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि विधि शिक्षा के क्षेत्र में 23 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और 1650 से अधिक विधि महाविद्यालय हैं। देश में तमिलनाडु और कर्नाटक के बाद राजस्थान में ऐसा विश्वविद्यालय स्थापित हुआ जिससे प्रदेश के सभी विधि महाविद्यालय जुड़े हुए हैं।
  • विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश के 84 विधि महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हो चुके हैं तथा 28 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों का पंजीकरण हो चुका है और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है।      

मध्य प्रदेश Switch to English

राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश में दो परियोजनाओं का किया वर्चुअल शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रातापानी-औबेदुल्लागंज-इटारसी फोरलेन परियोजना (एनएच-46) और रक्षा मंत्रालय के ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में मेक्सिमम माइक्रोवाइल कंटेनमेंट लेबोरेटरी (बीएसएल 4) का वर्चुअल शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • करीब 300 करोड़ रुपए लागत की यह लैब कोविड-19 जैसी चुनौतियों का सामना करने में सहयोग करेगी। यहाँ महत्त्वपूर्ण अनुसंधान हो सकेंगे।
  • यह परियोजना भारतमाला परियोजना में एनएच-46 (पुराना एनएच-69) औबेदुल्लागंज से बैतूल इंटर कॉरिडोर मार्ग का एक हिस्सा ही है, जो भोपाल से नागपुर को कनेक्टिविटी देता है।
  • इस मार्ग का 38 किमी. का खंड रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य में आता है एवं रातापानी खंड भोपाल-नागपुर कॉरिडोर का भाग है।
  • इस परियोजना में वन्य-जीव और पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय शामिल हैं। वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में पशु अंडरपास के प्रावधानों से वन्य-प्राणियों को आवागमन में आसानी होगी।
  • इस परियोजना की कुल लंबाई 38 किमी. है। इसके निर्माण पर 417 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत आएगी। परियोजना का निर्माण कार्य 18 माह की अवधि में पूर्ण किया जाएगा।
  • इस मार्ग को चौड़ा करने से वन्य-प्राणियों के आवागमन/आवास पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिये 5 बड़े पशु अंडरपास (100 मी., 420 मी., 1226 मी., 65 मी. एवं 65 मी.) एवं 2 छोटे पशु अंडरपास (10 मी. एवं 10 मी.) अधो-संरचनाएँ बनाई जाएंगी। इस परियोजना में एक माइनर ब्रिज एवं 2 व्हीकल अंडरपास का निर्माण भी किया जाना है।
  • इस परियोजना का प्रमुख लाभ भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल और नागपुर की बेहतर कनेक्टिविटी होगी। साथ ही, भारी यातायात से सड़क उपयोगकर्त्ताओं को सुविधा प्राप्त होगी।
  • रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य और सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व तक बेहतर आवागमन से पर्यटन क्षेत्र को बढावा एवं रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी। इससे जहाँ समय और ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं सड़क उपयोगकर्त्ता की सुरक्षा में भी सुधार होगा। परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र के लोगों की तीव्र सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का कार्य हो सकेगा। 

मध्य प्रदेश Switch to English

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन में शामिल हुई

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मध्य प्रदेश के लालपुर, शहडोल में राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन में शामिल हुईं, जहाँ उन्होंने मध्य प्रदेश की संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना पुस्तिका का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय वर्गों के कल्याण के लिये जिन प्रकल्पों को प्रारंभ किया गया है, वे सभी राष्ट्रीय महत्त्व के हैं। अनुसूचित क्षेत्रों के लिये बनाए गए नए नियम जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तीकरण एवं जनजातीय वर्ग को उनके अधिकार दिलाने में प्रभावी होंगे।
  • इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पेसा अधिनियम नियमावली की प्रथम प्रति सौंपी।
  • विदित है कि बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज से मध्य प्रदेश में लागू किये गए पेसा एक्ट के नए नियम जनजातीय वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगे। इन नियमों के लागू होने से ग्राम सभाएँ बहुत अधिक शक्तिशाली हो जांगी।
  • पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार जल, ज़मीन और जंगल का प्रबंधन, छोटे-मोटे विवादों का निराकरण, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, आँगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण, विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग आदि कार्य ग्राम सभा के हाथ में होंगे।
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार प्रत्येक वर्ष पटवारी को गाँव, ज़मीन का नक्शा, खसरा नकल, गाँव में लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। गड़बड़ी होने पर ग्राम सभा को उसे ठीक करने का अधिकार होगा।
  • किसी योजना के लिये ज़मीन लेने के लिये ग्राम सभा की सहमति आवश्यक होगी। कोई भी व्यक्ति छल-कपट, धर्मांतरण आदि कर गाँव वालों की ज़मीन नहीं हड़प पाएंगा। यदि ऐसा होता है तो ग्राम सभा को उसे वापस करवाने का अधिकार होगा।
  • रेत खदान, गिटी-पत्थर के ठेके देना है या नहीं, यह भी ग्राम सभा तय करेगी। इन्हें पहले जनजातीय समाज सहकारी समिति को दिया जाएगा। तालाबों का प्रबंधन, उनमें मत्स्याखेट, सिंघाड़ा उगाने की सहमति ग्राम सभा देगी। ग्राम सभा ही सौ एकड़ सिंचाई तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण करेगी।
  • पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार जनजातीय क्षेत्र में मनरेगा के पैसे से कौन सा कार्य कराया जाए, यह ग्राम सभा ही तय करेगी। कार्य का मास्टर रोल भी ग्राम सभा देखेगी। यदि ग्राम से मज़दूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गाँव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी।
  • जनजातीय क्षेत्रों में सिर्फ लाइसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे पाएंगे। इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी। अधिक ब्याज लेने पर कार्यवाही होगी। हितग्राही मूलक योजना में पहले किसे लाभ मिले, यह प्राथमिकता ग्राम सभा तय करेगी। बिना ग्राम सभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा कर सकेगी। छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा।
  • जनजातीय क्षेत्र में किसी थाने में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी। स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आँगनवाड़ी केंद्र, आश्रम शालाएँ, छात्रावास आदि के निरीक्षण का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा। मेला एवं बाज़ार का प्रबंधन भी ग्राम सभा करेगी।
  • नए नियमों को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने के लिये पेसा कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे।   

हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने पहली बार यूएनएफसीसीसी- सीओपी में की भागीदारी

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को एक सरकारी प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पहली बार विश्व मंच पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) के 27वें सत्र में हिस्सा लिया। यह शिखर सम्मेलन, 6-18 नवंबर 2022 तक मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित हो रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • हरियाणा के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल इस सम्मेलन में भाग लेने के लिये शर्म-अल-शेख के दौरे पर है।
  • मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित सीओपी-27 में राज्य सरकार की ओर से ‘मिशन लाइफ’- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट - ‘पर्यावरण के लिये जीवन शैली’को लागू करने के लिये की जा रही विभिन्न पहलों पर तैयार कार्य योजना को प्रस्तुत किया गया, जिसमें विभिन्न देशों, संयुक्त राष्ट्र संगठनों, सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिभागियों तथा युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
  • विदित है कि ‘मिशन लाइफ’को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा अक्टूबर 2022 में गुजरात में दिया गया था।
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जिनके पास पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पोर्टफोलियो भी है, के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने पर्यावरण अनुकूलन कई पहल शुरू करने के साथ-साथ प्रदेश में ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिये ठोस कदम उठाए हैं। इसके अलावा, वन एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल के नेतृत्व में पौधरोपण और हरियाली अभियान में छात्रों व युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि यूएनएफसीसीसी रियो कन्वेंशन में से एक है और 190 से अधिक सदस्य देश जलवायु परिवर्तन पर विचार करने के लिये चुनौतियों और रोड मैप पर विचार-विमर्श करने के लिये सीओपी-27 में भाग ले रहे हैं।
  • प्रवक्ता ने बताया कि सीओपी-27 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूके के ग्लासगो में सीओपी-26 के दौरान भारत के जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्य योजना और प्रतिबद्धताओं के पाँच अमृत तत्त्वों (पंचामृत) पर हरियाणा द्वारा दी जा रही पहलों को प्रस्तुत किया गया। विशेष इवेंट में हरियाणा सरकार की उन पहलों को दिखाया गया है, जो जलवायु लक्ष्यों और 2070 तक जलवायु तटस्थता के लिये भारत की प्रतिबद्धता का समर्थन करती है।
  • हरियाणा ने एग्रोफोरेस्ट्री और ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट (टीओएफ) को बढ़ावा देने में बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। वन क्षेत्र के तहत केवल 5 प्रतिशत के साथ वन की कमी वाला राज्य होने के बावजूद, हरियाणा का देश के प्लाईवुड उत्पादन में गैर-वन क्षेत्रों से प्राप्त कृषि आधारित लकड़ी का लगभग 50 प्रतिशत का योगदान है।
  • हरियाणा यूएसएआईडी समर्थित टीओएफआई (ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट्स इन इंडिया) कार्यक्रम का भी हिस्सा है, जिसे भारत के सात राज्यों में लागू किया जाना है। टीओएफआई कार्यक्रम 420 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर सीक्वेस्ट्रेशन में योगदान देगा और टीओएफ के तहत 8 मिलियन हेक्टेयर नई भूमि को कवर करेगा।
  • सीओपी-27 के दौरान आयोजित विशेष इवेंट में विषयगत क्षेत्रों- जल, वायु, पृथ्वी, जंगल, ऊर्जा और अपशिष्ट से प्रयोग करने योग्य उत्पाद (वेस्ट टू वेल्थ) संरक्षण के लिये प्रक्रियाओं एवं प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान पर केंद्रित छह अंतर्विषयक केंद्रों की स्थापना के माध्यम से जलवायु कार्रवाई का प्रदर्शन किया जा रहा है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा के साइबर पुलिस स्टेशन में अब टैक्नोक्रेटस को रखा जाएगा

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने गृह एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य के साइबर पुलिस स्टेशन में अब टैक्नोक्रेटस को रखा जाएगा ताकि साइबर अपराध पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।

प्रमुख बिंदु 

  • अनिल विज ने बताया कि राज्य के हर ज़िले में कम से कम एक साइबर से संबंधित टैक्नोक्रेट रखने के लिये अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर टैक्नोक्रेटस को रखा जाए। इसके अलावा, आगामी 30 नंवबर तक पुलिस पब्लिक कमेटियों का गठन किया जाएगा, जिसमें कमेटियों में शहर के चुनिंदा व मौजिज, जिसमें विभिन्न संस्थाओं, संगठनों के लोगों को भी शामिल किया जाएगा।
  • बैठक के दौरान हरियाणा पुलिस नियमों के संबंध में भी चर्चा की गई और मंत्री को अवगत करवाया गया कि इस संबंध में एक कमेटी का गठन किया गया है जो इन नियमों की जाँच पर कार्यवाही कर रही है तथा इन नियमों को आगामी 31 दिसंबर, 2022 तक आगामी कार्यवाही के लिये सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
  • बैठक में विज ने कहा कि अंबाला और करनाल रेंज में कार्यरत पुलिस कर्मियों के पदोन्नति के संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और वरिष्ठता को मदेनज़र रखते हुए पुलिस कर्मियों की पदोन्नति की जाएगी, जिसके लिये आज उन्होंने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का निर्देश दिये हैं।
  • हरियाणा को अपराध मुक्त व सुरक्षित राज्य बनाने की दिशा में गृह मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के कार्य में तेजी लाई जाए।
  • अनिल विज ने बताया कि हरियाणा में अब शस्त्र लाईसेंस के लिये नए स्मार्ट कार्ड जारी किये जाएंगे।
  • उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे राज्य के सभी ज़िलों के पुलिस अधीक्षकों व पुलिस आयुक्तों को निर्देश जारी करें कि वे प्रतिदिन सुबह 11 बजे से 12 तक जनता की समस्याओं का निराकरण करें जिससे बहुत से मामलों का निराकरण उनके स्तर पर ही हो जाएगा।

झारखंड Switch to English

प्रभात खबर के पत्रकार नागेश्वर को मिला ‘जनजातीय गौरव सम्मान’

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के प्रभात खबर अखबार के पत्रकार नागेश्वर को भगवान बिरसा मुंडा की 147वीं जयंती की पूर्व संध्या पर झारखंड इंटेलेक्चुअल फोरम एवं प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के सौजन्य से मुंबई के नरीमन प्वाइंट पर स्थित यशवंत राव सेंटर में आयोजित समारोह में ‘जनजातीय गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस कार्यक्रम में झारखंड के सबसे ज्यादा प्रसारित हिन्दी दैनिक प्रभात खबर के बारे में विस्तार से बताया गया। आयोजकों ने कहा कि प्रभात खबर झारखंड में तो नंबर वन अखबार है ही, उसने कई राज्यों में भी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
  • विदित है कि आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत को सामने लाने का कार्य विरसा मुंडा ने किया था। आदिवासी धरोहर और उनके राष्ट्र निर्माण में योगदान को हर साल उनकी जयंती पर याद किया जाता है। पिछले साल 2021 में केंद्र सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
  • समारोह के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा झारखंड के क्रांतिकारी महानायक थे। महाराष्ट्र में झारखंडी मूल के लोगों को उनकी गाथा से अवगत कराकर महाराष्ट्र में झारखंड के लोगों को संगठित करने का प्रयास किया गया है। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

कचरा प्रबंधन में दुर्ग निगम को मिला देश में प्रथम स्थान

चर्चा में क्यों?

16 नवबंर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के दुर्ग नगर निगम ने कचरे के बेहतर प्रबंधन में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, इसके लिये नगर निगम को सीआईआई थ्रीआर अवार्ड-2022 से नवाजा गया है।

प्रमुख बिंदु

  • सीआईआई थ्रीआर अवार्ड 30 नवबंर को दिल्ली में प्रदान किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि सीआईआई यानि कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (भारतीय उद्योग परिसंघ) की स्थापना 1895 में हुई। यह भारत की एक गैर सरकारी, गैर लाभ, उद्योग नेतृत्व तथा उद्योग प्रबंधित संगठन है। यह भारत की औद्योगिक विकास प्रक्रिया में एक भूमिका निभाता है।
  • दुर्ग निगम को यह पुरस्कार शहर में उत्पादित कचरे के बेहतर प्रबंधन, पुनर्चक्रण व निष्पादन के क्षेत्र में मिला है।
  • उल्लेखनीय है कि नगर निगम 3 आर-रिड्यूज, रिसाइकिल व रियूज के सिद्धांत के तहत सॉलिड वेस्ट मेजेनमेंट में बेहतर कार्य कर रहा है।
  • इस नगर निगम में घरों में ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण के माध्यम से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग किया जाता है।
  • विदित है कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिये छत्तीसगढ़ के अलावा पूरे भारत के नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायतों ने हिस्सा लिया था।

उत्तराखंड Switch to English

बर्ड वॉचिंग ट्रैल के रूप में विकसित होगा एबट माउंट क्षेत्र

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को चंपावत ज़िला के पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि ज़िले के एबट माउंट क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों के विस्तार के लिये क्षेत्र को बर्ड वॉचिंग ट्रैल के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन विकास विभाग की ओर से इसके लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर मंज़ूरी के लिये शासन को भेजा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • अरविंद गौड़ ने बताया कि बर्ड वॉचिंग ट्रैल के लिये पूर्व में पर्यटन सचिव की ओर से निर्देश जारी किये जाने के बाद विभाग ने कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम के माध्यम से डीपीआर शासन को भेजी है जिसे जल्द मंज़ूरी मिलने की उम्मीद है।
  • एबट माउंट में प्रस्तावित बर्ड वॉचिंग ट्रैल के लिये पर्यटन विभाग की भूमि का सीमांकन करने के साथ ही सुरक्षा के लिये चहारदीवारी का निर्माण किया जाएगा। पर्यटन विभाग की ओर से चहारदीवारी के निर्माण का प्रस्ताव भी राजस्व विभाग के माध्यम से शासन को भेजा है।
  • एबट माउंट में पर्यटकों की सुविधा के लिये पर्यटन विभाग की ओर से आठ ईको हट्स का निर्माण किया गया है। वहीं अब एबट माउंट में पर्यटकों के लिये हेलिपोर्ट का निर्माण भी किया जाएगा।
  • एबटमाउंट में प्रस्तावित हेलिपोर्ट के जरिये बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों को हवाई सेवा का लाभ मिलेगा वहीं हेलिपोर्ट का प्रयोग आपदा के समय में राहत और बचाव कार्य के लिये भी किया जा सकेगा। 

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उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पर कैबिनेट की मुहर

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पर मुहर लग गई।

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में 26 प्रस्ताव आए, जिनमें से 25 पर मुहर लग गई। इनमें उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण का कानून सख्त बना दिया गया है।
  • उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के तहत अब उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण कराने वालों को दस साल तक की सजा होगी।
  • उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति का जबरन धर्मांतरण करने पर एक से पाँच साल की सजा और 25 हज़ार रुपए जुर्माना है, जबकि उत्तराखंड में ऐसा करने पर दो से सात साल की सजा होगी और 25 हज़ार जुर्माना होगा।
  • प्रदेश में सामूहिक धर्मांतरण के मामले में अब तीन से दस साल तक की सजा होगी, पहले अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान था। साथ ही पीड़ितों को कोर्ट के माध्यम से पाँच लाख रुपए की प्रतिपूर्ति भी मिल सकेगी।
  • मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में धर्मांतरण का कानून अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। पहले यह असंज्ञेय अपराध था। अब सरकार इसे विधानसभा पटल पर रखेगी।

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