मध्य प्रदेश Switch to English
बकरी दूध विक्रय का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने जनजातीय गौरव दिवस से बड़वानी के राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान बकरी दूध विक्रय का प्रदेश में शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- बकरी दूध विक्रय की शुरुआत जबलपुर और इंदौर के जनजाति बहुल ज़िलों से एकत्र दूध से की गई है। इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, बड़वानी और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट ज़िलों की जनजातियों से 50 से 70 रुपए प्रति किलो की दर से बकरी का दूध इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है।
- गौरतलब है कि बकरी का दूध पौरिुटक खनिज तत्त्वों से भरपूर होता है। कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, तांबा, ज़िंक आदि का उत्तम स्रोत होने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
- इसमें वसा के कण अन्य दूध की तुलना में छोटे होने से जल्दी एवं आसानी से पच जाता है। दैनिक अनुसंशित मूल्य का 33 प्रतिशत कैल्शियम शरीर को प्रदाय कर हडिड्यों के घनत्व को बढ़ाता है।
- बकरी के दूध में मध्यम श्रेणी का फैटी एसिड होने से यह शरीर को अधिक ऊर्जा देने के बावजूद चर्बी के रूप में जमा नहीं होता। इससे वज़न नियंत्रित रहता है। आँतों के विकार और कोरोनरी रोग के इलाज में भी सहायक है।
- बकरी का दूध शरीर में अच्छे कोलेस्टॉल के स्तर को बढ़ाकर खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता।
- बकरी का दूध चयापचय (मेटाबॉलिक) एजेंट होने से कॉपर और आयरन को भी मेटाबोलास कर सकता है। पाचन और कब्ज की समस्या तथा सूजन दूर करने में भी सहायक है। बकरी के दूध में उपलब्ध वसा एवं ट्राइग्लिसराइड्स मानव त्वचा में निखार लाते हैं। त्वचा को नर्म एवं स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूद विटामिन-A चेहरे के कील-मुँहासे को दूर कर रंग में निखार लाता है।
- बकरी का दूध रक्त में प्लेटलेट्स को नियंत्रित कर डेंगू से सुरक्षा करता है। लेक्टोज इन्टोलरेंट लोगों के लिये बकरी का दूध एक अच्छा विकल्प है। जिन लोगों को दुग्ध शर्करा से एलर्जी है, उनके लिये बकरी का दूध अच्छा विकल्प है। बकरी के दूध में अधिकतर A&2 (Casien) नामक प्रोटीन होता है, जो एलर्जिक नहीं होता और कोलाइटिस, चिड़चिड़ापन एवं आंतों के सिंड्रोम आदि से सुरक्षा प्रदान करता है। बकरी का दूध अस्थिक्षय को भी रोकता है।
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मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के शिक्षित युवाओं को स्व-रोज़गार से जोड़ने के लिये ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना’शुरू करने की मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के 18 से 40 वर्ष अवस्था तक के न्यूनतम 12वीं कक्षा पास युवाओं को प्राप्त होगा।
- इस योजना में विनिर्माण इकाई के लिये एक लाख से 50 लाख रुपए तक की परियोजनाएँ तथा सेवा इकाई अथवा खुदरा व्यवसाय के लिये एक लाख से 25 लाख रुपए तक की परियोजनाएँ मान्य की जाएगी।
- राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में वितरित ऋण पर तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज़ अनुदान तथा ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर से हितग्राही को अधिकतम 7 वर्षों तक दिया जाएगा।
- इस योजना का क्रियान्वयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से उद्योग, सेवा या व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को बैंकों के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त होगा। साथ ही बैंक ऋण के लिये कोई कोलेट्रल सिक्यूरिटी भी नहीं देनी पड़ेगी।
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