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'स्पिट जिहाद' के लिये उत्तराखंड सरकार के दिशानिर्देश
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने त्यौहारी सीज़न के दौरान खाद्य सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को दूर करते हुए थूकने (Spit) से होने वाली खाद्य संदूषण की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
मुख्य बिंदु
- सख्त ज़ुर्माने का प्रावधान: थूकने (Spit) या इसी तरह के अन्य अपराध करके भोजन को दूषित करने वाले अपराधियों पर 1 लाख रुपए तक का ज़ुर्माना लगाया जाएगा।
- ये दिशानिर्देश हाल ही में वायरल हुई घटनाओं के बाद जारी किये गए हैं, जिनमें मसूरी और देहरादून के वीडियो भी शामिल हैं, जहाँ लोग खाद्य पदार्थों में थूकते (Spit) हुए पकड़े गए थे, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया था।
- पुलिस सत्यापन और CCTV: होटलों और भोजनालयों को अब अपने कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है, तथा रसोईघरों में CCTV कैमरे लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
- अधिकारी खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के बारे में जनता और व्यवसायों को शिक्षित करने के लिये जागरूकता अभियान चलाएंगे।
- स्वास्थ्य विभाग की भागीदारी: स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभाग सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये भोजनालयों में आकस्मिक निरीक्षण और जाँच में पुलिस की सहायता करेंगे।
- विधिक कार्यवाही: अपराधियों पर विभिन्न कानूनी प्रावधानों के तहत आरोप लगाए जा सकते हैं, जिनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) और उत्तराखंड पुलिस अधिनियम, 2007 के तहत सार्वजनिक उपद्रव एवं खाद्य मिलावट से संबंधित धाराएँ शामिल हैं।
- धार्मिक संवेदनशीलता के प्रति शून्य सहनशीलता: यदि कृत्य धर्म या सामुदायिक सद्भाव को प्रभावित करता है, तो BNS धारा 196 (शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत अतिरिक्त आरोप लगाए जा सकते हैं।
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