उत्तर प्रदेश Switch to English
गोरखपुर में ज्ञान डेयरी की दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद परियोजना का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
16 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर के गीडा में ज्ञान डेयरी की दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद परियोजना का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डेयरी उद्योग से जुड़ी 5 महिलाओं को सम्मानित भी किया।
प्रमुख बिंदु
- सी.पी. मिल्क एंड फूड प्रोडक्ट्स प्रा.लि. के रूप में ज्ञान डेयरी का यह डेयरी प्लांट लगाया जा रहा है। 20067 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विस्तृत इस परियोजना की लागत 114 करोड़ रुपए है।
- इससे 1 लाख पशुपालक परिवारों को प्रत्यक्ष रूप से जुड़ने का लाभ प्राप्त होगा। इससे प्रत्यक्ष रूप से 300 लोगों को नौकरी मिलेगी। 1500 अन्य लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार से जुड़ेंगे।
- इस दूध से विभिन्न प्रोडक्ट्स बनेंगे, जिससे 1 लाख परिवार प्रत्यक्ष रूप से रोज़गार से जुड़ेंगे। इसके साथ-साथ गाय, भैंस के लिये ज़रूरी पौष्टिक आहार हेतु किसानों के फसल अवशेष, भूसा, गन्ना, सरसों आदि की भी बिक्री होगी और उन्हें उचित दाम प्राप्त होगा।
- गोरखपुर एवं बस्ती मंडल में इस परियोजना के तहत दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा।
- जनपद गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीरनगर और सिद्धार्थनगर में 5000 दुग्ध कलेक्शन सेंटर की स्थापना होगी। इससे 1800 लोगों को प्रत्यक्ष एव अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार प्राप्त होगा।
- इस परियोजना में प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध की खपत की जाएगी। इसमें से 3 लाख लीटर दूध की पैकेजिंग की जाएगी और 2 लाख लीटर दूध से विभिन्न दुग्ध उत्पाद तैयार किये जाएंगे। इसके लिये 1 लाख किसानों, पशुपालकों से दुग्ध आपूर्ति हेतु अनुबंध किया जाएगा।
बिहार Switch to English
मनेर (पटना) की शिप्रा को मिला मिसेज यूनिवर्स क्रिएटिविटी खिताब
चर्चा में क्यों?
16 अक्तूबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के मनेर (पटना) की शिप्रा सिंह ने फिलीपींस के मनीला में आयोजित ‘46वें मिसेज यूनिवर्स’में मिसेज यूनिवर्स क्रिएटिविटी का खिताब जाता है।
प्रमुख बिंदु
- यह प्रतियोगिता एक अक्तूबर से शुरू हुई थी और आठ अक्तूबर को उन्हें इस खिताब से नवाजा गया था।
- 91 देशों की प्रतिभागियों में भारत का प्रतिनिधित्व कर शिप्रा सिंह ने यह खिताब हासिल किया है।
- इससे पहले अप्रैल में ‘द इंटरनेशनल ग्लैमर प्रोजेक्ट’में वह दूसरी रनरअप रहीं थीं। इसी आधार पर उन्हें प्रतियोगिता में जगह मिली थी।
- जिस भारतीय परिधान को पहन शिप्रा सिंह रैंप पर उतरीं, उसे उन्होंने खुद डिजाइन किया था।
मध्य प्रदेश Switch to English
आईआईएसईआर के वैज्ञानिकों ने चुंबकीय छिद्रपूर्ण कार्बन नैनोकणों का उत्पादन किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल (आईआईएसईआर) के शोधकर्त्ताओं ने सफलतापूर्वक चुंबकीय नैनोकणों का उत्पादन किया है, जो मानव बाल की चौड़ाई से लगभग एक लाख गुना छोटे कण हैं।
प्रमुख बिंदु
- इन नैनोकणों को कई अनुप्रयोगों के लिये विकसित किया गया है, जैसे- समुद्री जल से गर्मी और प्रकाश-प्रेरित नमक को हटाना, रंगों और डीसिंग और एंटी-आइसिंग प्रक्रियाओं से दूषित अपशिष्ट जल से पीने योग्य पानी निकालना।
- दुनिया की प्राथमिक वैश्विक चुनौतियों में से एक अपशिष्ट जल और समुद्री जल जैसे स्रोतों से स्वच्छ और उपयोग योग्य ताजा जल प्राप्त करना है। ऐसा अनुमान है कि दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी जल्द ही पानी की कमी की समस्या वाले क्षेत्रों में रहेगी।
- विदित है कि अलवणीकरण, एक ऐसी प्रक्रिया, जो लगभग 40% तटीय समुदायों के लिये स्थानीय जल स्रोत प्रदान कर सकती है। समुद्री जल से उपयोग योग्य पानी का उत्पादन करने वाली अलवणीकरण विधियों में आमतौर पर ऐसी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं, जिनमें बहुत अधिक हीट की आवश्यकता होती है, जैसे- आसवन या रिवर्स ऑस्मोसिस जैसी झिल्ली-आधारित तकनीकें।
- हालाँकि, इन विधियों के लिये अक्सर महँगे उपकरण, बड़े सेटअप और पर्याप्त ऊर्जा खपत की आवश्यकता होती है। एक अधिक टिकाऊ विकल्प फोटोथर्मल (प्रकाश+ताप)--सहायक अलवणीकरण है, जो नवीकरणीय सौर ऊर्जा का उपयोग करता है।
- कुशल अलवणीकरण प्रक्रियाओं से लेकर डाई हटाने और डी-आइसिंग तक विविध अनुप्रयोगों के साथ चुंबकीय नैनोकणों का निर्माण टिकाऊ और सुलभ जल संसाधनों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है। विज्ञान में इस तरह की प्रगति एक ऐसे भविष्य की आशा प्रदान करती है, जहाँ दुनिया भर के समुदायों के लिये स्वच्छ और सुरक्षित पानी अधिक आसानी से उपलब्ध होगा।
- इस अनुसंधान का नेतृत्व आईआईएसईआर भोपाल के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शंकर चकमा ने किया।
- इस शोध समूह के निष्कर्ष प्रतिष्ठित सहकर्मी-समीक्षा पत्रिका अमेरिकन केमिकल सोसाइटी - ईएसटी इंजीनियरिंग में प्रकाशित हुए हैं।
हरियाणा Switch to English
कैथल के सांपन खेड़ी गाँव में मुख्यमंत्री ने किया मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
16 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैथल के सांपन खेड़ी गाँव में करीब 950 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले भगवान परशुराम मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- 20 एकड़ भूमि पर बनने वाले भगवान परशुराम मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य अगले ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- कैथल में मेडिकल कॉलेज बनने से ज़िले के साथ पड़ोसी ज़िलों व पंजाब के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस समय पास के ज़िला करनाल को छोड़कर अन्य किसी भी पड़ोसी ज़िले में मेडिकल कॉलेज नहीं है। सांपनखेड़ी में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के बाद जींद, कुरुक्षेत्र और पंजाब के संगरूर ज़िले के खनौरी और पातड़ा क्षेत्र के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।
- गौरतलब है कि इस समय ज़िला नागरिक अस्पताल में सुविधाओं का काफी अभाव है। यहाँ पर सबसे बड़ी समस्या डॉक्टरों का न होना है। यहाँ पर स्वीकृत 56 में से महज़ 24 पदों पर ही डॉक्टर कार्यरत् हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज़ों को बेहतर इलाज यहाँ नहीं मिल पाता है।
- ज़िले में मेडिकल कॉलेज का निर्माणकार्य पूरा होने के बाद यहाँ पर स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार होगा। मेडिकल कॉलेज में ही 500 बेड का अस्पताल बनेगा। यहाँ पर 100 एमबीबीएस सीटें मिलने के बाद ज़िले के बच्चे डॉक्टर बन पाएंगे।
- इस अस्पताल के बनने के बाद यहाँ पर एक साथ काफी संख्या में लोग अपना इलाज करवाने के लिये आ सकेंगे, जबकि मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी अस्पताल में ही अपनी बेहतर सेवाएँ देकर जनता की सेवा कर पाएंगे।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस कॉलेज और अस्पताल से हरियाणा ही नहीं, आस-पास के राज्यों को फायदा मिलेगा। इस कॉलेज के निर्माण की घोषणा करनाल में 11 दिसंबर, 2022 को हुए ब्राह्मण महाकुंभ में की गई थी।
- उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने वर्ष 2014 से पहले छह मेडिकल कॉलेज बनाए थे, जिनमें एमबीबीएस की 700 सीटें थीं, लेकिन वर्तमान में प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज हैं और 2185 एमबीबीएस की सीटें हैं। आने वाले समय में फतेहाबाद, सिरसा, चरखी दादरी, पलवल सहित आठ नए मेडिकल कालेज स्थापित किये जाएंगे और आगामी चार सालों में एमबीबीएस की सीटें पाँच गुना बढ़कर 3500 हो जाएंगी।
हरियाणा Switch to English
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नो प्रॉफिट नो लॉस के मूलमंत्र के साथ स्थापित किये जा रहे अस्पताल की आधारशिला रखी
चर्चा में क्यों?
15 अक्तूबर, 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने टीडीआई सिटी कुंडली के एल-ब्लॉक में नो प्रॉफिट नो लॉस के मूलमंत्र के साथ स्थापित किये जा रहे समर्पण हार्ट एंड कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके मॉडल का लोकार्पण करते हुए ‘एक रुपए एक ईंट’का संदेश देने वाले महाराजा अग्रसेन की जयंती की बधाई दी।
- अस्पताल की शुरुआत 50 बिस्तरों की सुविधा से की जाएगी, जिसे निकट भविष्य में 500 बिस्तरों की सुविधा वाले अस्पताल में तब्दील किया जाएगा।
- पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि समर्पण संस्था ने जन-जन तक चिकित्सा सेवाएँ पहुँचाने की दिशा में अपने उत्तरदायित्वों की अनुकरणीय पूर्ति की है, जिसके तहत रक्तदान शिविर, कोरोना काल में लोगों को भोजन व ऑक्सीजन सिलेंडरों की मदद, मेडिसिन बैंक आदि का संचालन भी शामिल है।
- उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष कैंसर व हृदय रोग से लाखों लोग ग्रसित हो रहे हैं, जिससे बचाव के लिये जागरूकता ज़रूरी है। उचित प्राथमिक उपचार से ऐसे रोगियों के प्राणों की रक्षा की जा सकती है। यह अस्पताल भी नि:शुल्क एवं रियायती दरों पर चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करेगा।
हरियाणा Switch to English
विश्व धरोहर एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर अग्रोहा
चर्चा में क्यों?
15 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में अग्रोहा धाम के ऐतिहासिक पुरातत्त्व स्थल पर एक प्रतिष्ठित संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। साथ ही राखीगढ़ी की तर्ज़ पर अब ऐतिहासिक स्थल अग्रोहा को विकसित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचकूला में प्रथम नवरात्रि के अवसर पर माता मनसा देवी मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करने के उपरांत पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
- मनोहर लाल ने कहा कि अग्रोहा के पुरातात्त्विक स्थल को महाराजा अग्रसेन की राजधानी माना जाता है। इस स्थल के विकसित होने से न केवल आस्था का यह केंद्र विश्व में अपनी पहचान बनाएगा, बल्कि यह स्थल पर्यटन के रूप में भी विख्यात होगा।
- केंद्र सरकार ने अग्रोहा पुरातात्त्विक स्थल एवं निकटवर्ती क्षेत्र का समग्र विकास राखीगढ़ी मॉडल के अनुसार एमओयू के माध्यम से करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- उन्होंने बताया कि अग्रोहा पुरातत्त्व स्थल की खुदाई भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हरियाणा राज्य पुरातत्त्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी। खुदाई शुरू करने से पहले, राज्य सरकार द्वारा संभावित क्षेत्रों में जीपीआर सर्वेक्षण किया जाएगा। उसके बाद एएसआई और हरियाणा सरकार के बीच जॉइंट एमओयू होगा।
- विदित हो कि हरियाणा के हिसार ज़िले में केंद्रीय संरक्षित स्थल अग्रोहा में उत्खनन के संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी को अगस्त माह में पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने इच्छा जताई थी कि हरियाणा सरकार प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर अग्रोहा, तहसील आदमपुर, ज़िला हिसार में पुरातात्त्विक विरासत को उजागर करना चाहती है, ताकि राज्य के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय जुड़े।
- उन्होंने इस स्थल को हरियाणा में एक भव्य विरासत स्थल में बदलने और पुरातत्त्व स्थल संग्रहालय की स्थापना के लिये एक परियोजना शुरू करने का भी अनुरोध किया है।
- खुदाई के दौरान अग्रोहा जनपद (गणराज्य) के सिक्कों की खोज और महाभारत सहित प्राचीन साहित्य में इसका प्राचीन नाम ‘अग्रडोका’ का आना इसके गणतंत्र का मुख्यालय होने के पर्याप्त प्रमाण हैं।
- अग्रोहा शहर तक्षशिला और मथुरा के बीच प्राचीन व्यापार मार्ग पर स्थित था और इसलिये यह वाणिज्य और राजनीतिक गतिविधियों का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बना रहा। पहले की खुदाई से इस स्थल की क्षमता साबित हुई और लगभग चौथी शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी ईस्वी तक की पाँच अलग-अलग सांस्कृतिक अवधियों का पता चला है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त हरियाणा में 100 से अधिक पुरातत्त्व स्थलों की पहचान की गई है। इन्हें केंद्र व राज्य सरकार मिलकर विकसित कर रही हैं। जिस प्रकार राखीगढ़ी की विरासत को संरक्षित करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा लगभग 23 करोड़ रुपए प्रदान किये जा रहे हैं, उसी प्रकार अग्रोहा के लिये भी वित्तपोषण प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार भी पर्याप्त मात्रा में बजट उपलब्ध करवाएगी।
झारखंड Switch to English
राँची के सात वर्षीय छात्र विवान को मिला स्टार आर्टिस्ट अवॉर्ड
चर्चा में क्यों?
16 अक्तूबर, 2023 को राँची के सात वर्षीय छात्र विवान शौर्या ने विश्व की प्रतिष्ठित चित्रकला प्रतियोगिता ‘पिकासो आर्ट कॉन्टेस्ट’ के क्रिएटिव ब्रिलियंस-2023 में स्टार आर्टिस्ट अवॉर्ड प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- 6 से 10 वर्ष वाले ग्रुप में सात वर्षीय विवान को 100 में से 92 अंक प्राप्त करने पर स्टार आर्टिस्ट सर्टिफिकेट ऑफ अचीवमेंट प्रदान किया गया। पिछले वर्ष भी विवान ने प्रतियोगिता में यह खिताब जीता था।
- इस वर्ष प्रतियोगिता में 38 देशों से 1100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था, जिसमें इटली, हॉन्गकॉन्ग, कनाडा, तुर्की, ऑस्ट्रिया, वियतनाम, रोमानिया, बुल्गारिया, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, श्रीलंका, बांग्लादेश एवं अन्य देश शामिल हैं।
- यह प्रतियोगिता 2014 से प्रत्येक वर्ष आयोजित की जा रही है। प्रतियोगिता के सारे मापदंडों पर नवाचार, रचनात्मकता, आकर्षण, पूर्णता, कलाकार की आयु, प्रस्तुति और कलात्मक क्षमता के आधार पर चुनाव किया जाता है।
- विदित हो कि विवान जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली का दूसरी कक्षा का छात्र है। विवान के गुरु और पिता धनंजय कुमार भी प्रख्यात चित्रकार हैं और कालाकृति स्कूल ऑफ आर्ट्स के संस्थापक हैं।
- उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के समय का सदुपयोग कर विवान ने पेंटिंग्स बनाना शुरु किया और लगभग 150 से अधिक पेंटिंग्स बनाई। इस दौरान विवान ने 21 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय राज्य और ज़िला स्तर के पुरस्कार भी जीते।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड खेल महाकुंभ 2023
चर्चा में क्यों?
16 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि हर साल अक्तूबर के पहले सप्ताह में शुरू होने वाले उत्तराखंड खेल महाकुंभ को इस बार 31 अक्तूबर से दिसंबर आखिर तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि खेल महाकुंभ के लिये स्थान चयन, मुख्य अतिथि और आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं के बारे में जल्द स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।
- चार लाख से अधिक प्रतिभागी इसमें प्रतिभाग करेंगे, जिसमें पहली बार न्याय पंचायत स्तर पर पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार राशि दी जाएगी।
- खेल महाकुंभ में ब्लॉक से राज्य स्तर तक होने वाली प्रतियोगिताओं में पुरस्कार की राशि बढ़ाई गई है। ब्लॉक स्तर पर पहले स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को पाँच सौ रुपए, दूसरे स्थान पर रहने वाले को चार सौ रुपए और तीसरे स्थान पर रहने वाले को तीन सौ रुपए की राशि दी जाएगी।
- इसके अलावा राज्य स्तर पर भी पुरस्कार की धनराशि बढ़ाई गई है। राज्य स्तर पर प्रतियोगिताओं में पहले स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को 1500 रुपए, दूसरे स्थान पर रहने वाले को एक हज़ार रुपए और तीसरे स्थान पर रहने वाले को सात सौ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी, जबकि प्रति खिलाड़ी भोजन की राशि को 225 रुपए किया गया है।
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