जीआई महोत्सव का शुभारंभ | उत्तर प्रदेश | 17 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
16 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की ओर से आयोजित छहदिवसीय जीआई महोत्सव का उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- छहदिवसीय जीआई महोत्सव में प्रदर्शनी में 11 राज्यों के जीआई उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है तथा जीआई मान्यताप्राप्त उत्पादों के 100 स्टॉल लगाए गए हैं।
- केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जीआई महोत्सव का उद्देश्य लोकल उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है। जीआई उत्पाद मानव केंद्रित विकास का अद्भुत नमूना है तथा भारत को विकसित देश बनाने के लिये मानव केंद्रित विकास होना चाहिये।
- ज्ञातव्य है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में काशी को सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है।
- पद्मश्री रजनीकांत ने बताया कि जीआई उत्पादों का पंजीकरण किया जा चुका है। बनारस की ठंडई को जीआई के 1000वें उत्पाद के रूप में पंजीकृत कराया जाएगा।
- जीआई उत्सव में गोरखपुर का टेराकोटा, गाज़ीपुर की वॉल हैंगिंग, चंदौली का काला चावल, बनारस की तिरंगा बर्फी, ग्लास बिड्स, बनारसी जरदोजी व वुडेन से लेकर वेयर एंड ट्वॉय, सिद्धार्थ नगर का काला नमक चावल, कन्नौज का इत्र, गया का स्टोन क्राफ्ट, भागलपुर की साड़ियाँ, फिरोज़ाबाद का ग्लास मोजैक, फर्रुखाबाद के प्रिंट दुपट्टे का स्टॉल लगाया गया है।
- महोबा का देसावरी व बिहार का मगही पान, मधुबनी की पेंटिंग, राजस्थान की सोजत मेहँदी, कश्मीर की पश्मीना शॉल, झारखंड की कोहबर चित्रकला भी आकर्षण का केंद्र रहे।