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स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Oct 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

जीआई महोत्सव का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की ओर से आयोजित छहदिवसीय जीआई महोत्सव का उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • छहदिवसीय जीआई महोत्सव में प्रदर्शनी में 11 राज्यों के जीआई उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है तथा जीआई मान्यताप्राप्त उत्पादों के 100 स्टॉल लगाए गए हैं।
  • केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जीआई महोत्सव का उद्देश्य लोकल उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है। जीआई उत्पाद मानव केंद्रित विकास का अद्भुत नमूना है तथा भारत को विकसित देश बनाने के लिये मानव केंद्रित विकास होना चाहिये।
  • ज्ञातव्य है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में काशी को सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है।
  • पद्मश्री रजनीकांत ने बताया कि जीआई उत्पादों का पंजीकरण किया जा चुका है। बनारस की ठंडई को जीआई के 1000वें उत्पाद के रूप में पंजीकृत कराया जाएगा।
  • जीआई उत्सव में गोरखपुर का टेराकोटा, गाज़ीपुर की वॉल हैंगिंग, चंदौली का काला चावल, बनारस की तिरंगा बर्फी, ग्लास बिड्स, बनारसी जरदोजी व वुडेन से लेकर वेयर एंड ट्वॉय, सिद्धार्थ नगर का काला नमक चावल, कन्नौज का इत्र, गया का स्टोन क्राफ्ट, भागलपुर की साड़ियाँ, फिरोज़ाबाद का ग्लास मोजैक, फर्रुखाबाद के प्रिंट दुपट्टे का स्टॉल लगाया गया है।
  • महोबा का देसावरी व बिहार का मगही पान, मधुबनी की पेंटिंग, राजस्थान की सोजत मेहँदी, कश्मीर की पश्मीना शॉल, झारखंड की कोहबर चित्रकला भी आकर्षण का केंद्र रहे।

बिहार Switch to English

बिहार के सभी ज़िलों में खुलेंगे 50-50 बेड के बालिका रक्षा गृह

चर्चा में क्यों?

15 अक्टूबर, 2022 को बिहार राज्य के समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी ज़िलों में एक-एक बालिका रक्षा गृह खोला जाएगा। समाज कल्याण विभाग ने इस संबंध में ज़िलों में ज़मीन चिह्नित करने के लिये सभी डीएम को पत्र भेजा है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि पूर्व से पटना में एक रक्षा गृह का संचालन हो रहा है। नए रक्षा गृह में एक साथ 50 लड़कियों के रहने की व्यवस्था की जाएगी। सभी ज़िलों में खुलने वाले गृह के लिये जगह का भी चयन शुरू किया गया है, ताकि निर्माण का काम जल्द शुरू होकर, अगले एक साल में इसे पूरा कर लिया जाए।
  • विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सभी बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों से बातचीत कर उनके द्वारा बताई गई परेशानियों के समाधान के आधार पर ही अधिकारियों ने ब्योरा तैयार कर विभाग को सौंप दिया है, जिसके बाद सभी ज़िलों में रक्षा गृह शुरू करने का निर्णय लिया गया।
  • जानकारी के मुताबिक होम में दो तरह की लड़कियों को रखा जाता है, जिसमें एक ऐसी लड़कियाँ होती हैं, जो बिल्कुल अकेली हैं और उनका कोई परिवार नहीं है। वहीं, दूसरी वैसी लड़कियाँ, जो किसी तरह से घर से भागी हुई या खोई हुई होती हैं। इन दोनों का रहन-सहन बिल्कुल अलग होता है।
  • इस परिप्रेक्ष्य में विभाग के स्तर पर प्रस्ताव तैयार हो गया है, जिस पर विभागीय मंत्री की भी सहमति मिल गई है। इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जाएगा और वहाँ से अनुमति मिलने के बाद दिसंबर से इसको लेकर काम शुरू हो जाएगा।

राजस्थान Switch to English

भूपेन हजारिका समर्पण समाज गौरव सम्मान-2022

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान की समर्पण संस्था द्वारा जयपुर में आयोजित समर्पण समाज गौरव सम्मान समारोह में सिक्किम के पूर्व राज्यपाल जस्टिस एस. एन. भार्गव ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक पन्नालाल मेघवाल को ‘भूपेन हजारिका समर्पण समाज गौरव सम्मान-2022’ से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक पन्नालाल मेघवाल को कला एवं संस्कृति क्षेत्र में उल्लेखनीय लेखन कार्य के लिये इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।
  • संस्थापक अध्यक्ष डॉ. दौलतराम माल्या ने बताया कि पन्नालाल मेघवाल की कला एवं संस्कृति में बारह पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं तथा राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में 500 से अधिक आलेख प्रकाशित हुए हैं।
  • उन्होंने बताया कि उनकी पुस्तकों एवं आलेखों से देश-विदेश के सुधि पाठक, कला एवं संस्कृति प्रेमी, शोधार्थी एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थी अध्ययन करके लाभान्वित हो रहे हैं।
  • डॉ. दौलतराम माल्या ने बताया कि मेघवाल की कला एवं संस्कृति में राजस्थान के मांड गीत, राजस्थान शिल्प सौंदर्य प्रतिमान, राजस्थान के लोकगीत, राजस्थान के दुर्ग, राजस्थान लोकाभिव्यक्ति के आयाम, दी फोक डांसेज ऑफ राजस्थान, राजस्थान के प्रचलित लोक नृत्य, राजस्थान हस्तशिल्प कलाएँ, दी हैंडीक्राफ्ट्स ऑफ राजस्थान, राजस्थान कथौड़ी जनजाति, राजस्थान कला एवं संस्कृति के विविध आयाम और राजस्थान कथौड़ी जनजाति कला एवं परंपरा पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

केंद्रीय गृह मंत्री ने किया ‘गाथा स्वराज की’ प्रदर्शनी का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने मध्य प्रदेश दौरे के दौरान ग्वालियर के जयविलास पैलेस स्थित म्यूजियम में ‘गाथा स्वराज की’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • ‘गाथा स्वराज की’गैलरी को मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज और सिंधिया साम्राज्य के संस्थापक महादजी सिंधिया को समर्पित किया गया है। प्रदर्शनी में देश के प्रमुख मराठा शासक सिंधिया, गायकवाड़, होल्कर, नेवालकर, भोंसले और पंवार जैसी तीस मराठा रियासतों का उल्लेख किया गया है।
  • मराठा गैलरी में तैयार की गई मराठा क्षत्राणियों के स्टैंड में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई को भी मराठा क्षत्राणी के रूप में स्थान दिया गया है। इसमें वीरांगना झाँसी की रानी के अलावा सिंधिया रियासत की महारानी रहीं वैजाबाई से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक के सुंदर और भावनात्मक पोट्रेट लगाए गए हैं।
  • जयविलास महल भव्यता और सुंदरता का अनुपम उदाहरण है। सिंधिया खानदान के इतिहास का वर्णन करने वाले इस महल के ही एक हिस्से में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रहते हैं तो वहीं इसके दूसरे हिस्से को भव्य संग्रहालय में बदल दिया गया है।
  • गौरतलब है कि यह महल तकरीबन 40 एकड़ (12 लाख स्क्वायर फीट) में फैला हुआ है। ग्वालियर रियासत के महाराज जयाजीराव सिंधिया ने इस खूबसूरत महल को साल 1874 में बनवाया था, जो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के दादा थे। फ्राँसीसी आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने इस महल को डिज़ाइन किया था।
  • जयविलास में चार सौ कमरे हैं। 1874 में जयविलास के निर्माण में एक करोड़ रुपए खर्च हुए थे। विदेशी कारीगरों की मदद से जयविलास महल को बनाने में 12 साल का समय लगा था। जयविलास पैलेस में साल 1964 में म्यूजियम शुरू हुआ।
  • महल की दूसरी मंजिल पर बने दरबार हॉल को जयविलास महल की शान कहा जाता है। हॉल की दीवारों और छत को पूरी तरह सोने-हीरे-जवाहरात से सजाया गया है। इस पर दुनिया का सबसे ज़्यादा वज़नी (3500 किग्रा.) झूमर लगाया गया है।
  • जयविलास पैलेस इटली की टस्कन और कोरिंथियन शैली में बना न केवल भारत, बल्कि दुनिया के चुनिंदा महलों में से एक है। दिवंगत राजमाता विजयाराजे सिंधिया द्वारा अपने पति महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की स्मृति में महल में एक म्यूजियम का निर्माण कराया गया था, जिसमें सिंधिया राज परिवार की गाथा कहते हुए उनके परिवार से जुड़े सामानों को संरक्षित किया गया है। यह म्यूजियम दुनिया के गिने-चुने शाही म्यूजियमों में से एक है, जिसे देखने देश-दुनिया से हज़ारों दर्शक हर वर्ष ग्वालियर पहुँचते हैं।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में अब भीमराव अंबेडकर भवन के नाम से जानी जाएंगी चौपालें

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पंचकूला ज़िले में पंचायती राज प्रकोष्ठ के सम्मेलन के दौरान घोषणा किया कि राज्य की सभी चौपालों को भविष्य में डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन के नाम से जाना जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के गाँवों में पार्टीबाज़ी और जातीय तनाव को खत्म करने के लिये राज्य सरकार ने यह अहम फैसला लिया है। इसके तहत गाँवों में बनने वाली चौपालें किसी एक जाति अथवा संप्रदाय के नाम पर नहीं होंगी, बल्कि ऐसी चौपालों को भविष्य में डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन के नाम से जाना जाएगा।
  • पूर्व में जिन चौपालों के नाम अन्य नामों पर रखे गए हैं, उनके नाम में भी बदलाव होगा। यह प्रक्रिया मौजूदा पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव नतीजों के बाद लागू होगी।
  • सम्मेलन के बाद दुष्यंत चौटाला ने बताया कि काफी लोगों ने इस बात की शिकायत की है कि चौपालों के नाम किसी जाति विशेष, व्यक्ति विशेष अथवा संप्रदाय के नाम पर रखे जा रहे हैं। ऐसा करने से गाँवों में तनाव बढ़ रहा है, आपसी झगड़े हो रहे हैं। इसलिये सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी चौपालों का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन के रूप में होगा।
  • इसके लिये निर्वाचित पंचायतों को इस बारे में प्रस्ताव बनाकर देना होगा तथा पुरानी चौपालों का नाम बदलने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजना होगा।

झारखंड Switch to English

23वीं सीनियर राज्य महिला व पुरुष कुश्ती चैंपियनशिप संपन्न

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को झारखंड के गोड्डा ज़िले के गांधी मैदान में तीनदिवसीय 23वीं सीनियर राज्य महिला व पुरुष कुश्ती चैंपियनशिप संपन्न हो गई।

प्रमुख बिंदु

  • 23वीं सीनियर राज्य महिला व पुरुष कुश्ती चैंपियनशिप में राज्यभर के 22 ज़िलों से आए करीब 300 पुरुष तथा 100 महिला पहलवानों के साथ पचास से अधिक रेफरी शामिल हुए थे।
  • खेल के दौरान ओवरऑल चैंपियनशिप में फ्री स्टाइल में सर्वाधिक 100 अंक के साथ साहिबगंज ज़िला पहले स्थान पर रहा। 90 अंक के साथ बोकारो दूसरे स्थान पर तथा 65 अंक के साथ राँची तीसरे स्थान पर रहा।
  • इस चैंपियनशिप में ग्रीको रोमन में 140 अंक के साथ जेएसएसपीएस पहले स्थान पर, 120 अंक के साथ राँची दूसरे स्थान पर तथा 80 अंक के साथ बोकारो तीसरे स्थान पर रहा। वीमेन रेसलिंग में सर्वाधिक 130 अंक लेकर राँची ज़िला पहले स्थान पर, 95 अंक प्राप्त कर जेएसएसपीएस दूसरे स्थान पर तथा 55 अंकों के साथ दुमका तीसरे स्थान पर रहा।
  • 23वीं सीनियर राज्य महिला व पुरुष कुश्ती चैंपियनशिप में 43 किग्रा. में पहले स्थान पर जेएसएसपीएस राँची की रिचा, दूसरे स्थान पर लोहरदगा की साक्षी कुमारी तथा दुमका की अस्मत खातून रहीं। 46 किग्रा. में पहले स्थान पर जेएसएसपीएस राँची की चंचला कुमारी, दूसरे स्थान पर कोडरमा की नंदनी कुमारी, तीसरे स्थान पर सरायकेला की चंदना सिंह तथा चौथे स्थान पर सीता कुमारी रहीं। 50 किग्रा. में राँची की मधु तिर्की, जेएसएसपीएस की निक्की कुमारी को दूसरा व कुमारी विंदुमति को तीसरा स्थान मिला।
  • डीसी सह प्रदेश कुश्ती संघ अध्यक्ष जिशान कमर ने मेडल व प्रशस्ति-पत्र देकर इन सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘नदी तट वृक्षारोपण’ कार्यक्रम के तहत 26 नदियों के तट पर लगाए गए 15 लाख से अधिक पौधे

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में चालू वर्षा ऋतु 2022 के दौरान ‘नदी तट वृक्षारोपण’ कार्यक्रम के तहत 26 विभिन्न नदियों के तट पर लगभग 15 लाख 41 हज़ार पौधों का रोपण किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • संजय शुक्ला ने बताया कि इन पौधों के रोपण से नदी तट का 1 हज़ार 400 हेक्टेयर रकबा हरीतिमा से आच्छादित और फल-फूल के पौधों से सुरभित होंगा, जो विशेष आकर्षण का केंद्र होगा।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा नदी तट रोपण का कार्य किया गया। इनका रोपण कैम्पा तथा विभागीय मद सहित ‘नदी तट वृक्षारोपण’कार्यक्रम के तहत किया गया है।
  • नदी तट रोपण कार्यक्रम के तहत चालू वर्ष के दौरान शामिल नदियों में शिवनाथ, फुलकदेई, केंदई, लीलागर, महानदी, हसदेव, आगर, रेड, मेघानाला, झींका, मोरन, सोंढूर, बांकी, गलफुला, हसदो, नेउर, केवई, खटम्बर, भैसुन, चूंदी, भवई, बनास, रांपा तथा भुलू नदी शामिल हैं।
  • प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि इनमें से बिलासपुर वृत्त के अंतर्गत बिलासपुर, मरवाही, कोरबा, धरमजयगढ़ तथा जांजगीर-चांपा वन मंडल स्थित 8 नदियों के 263 हेक्टेयर रकबा में 2 लाख 89 हज़ार पौधों का रोपण किया गया है।
  • इसी तरह कांकेर वृत्त के अंतर्गत 4 नदियों के 19 हेक्टेयर रकबा में 20 हज़ार 595 पौधे तथा रायपुर वृत्त के अंतर्गत 2 नदियों के 29 हेक्टेयर रकबा में 31 हज़ार 900 पौधों का रोपण किया गया है। इसके अलावा सरगुजा वृत्त के अंतर्गत सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया तथा मनेंद्रगढ़ वन मंडल स्थित 12 नदियों के 1 हज़ार 76 हेक्टेयर रकबा में 11 लाख 84 हज़ार पौधों का रोपण किया गया है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का हुआ शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिये उत्तराखंड ने उच्च शिक्षा में इसका शुभारंभ कर दिया है।
  • विदित है कि बाल वाटिका से प्रारंभिक शिक्षा में उत्तराखंड ने ही इसकी सबसे पहले शुरुआत की थी।
  • उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड विद्वानों की भूमि है। इस देवभूमि से नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिये अभी अनेक विचार आएंगे। अब प्रयास करने होंगे कि आने वाले समय में शत-प्रतिशत बच्चे बाल वाटिकाओं में प्रवेश करें।
  • उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मानवीय जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। शिक्षा के अलावा बच्चों के कौशल विकास, उनके व्यक्तित्व के विकास, भाषाई विकास एवं नैतिक मूल्यों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को 3 साल से फॉर्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है, जिसके तहत बाल वाटिका शुरू की गई।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किये जाने के दिशा में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से सकारात्मक कदम बढ़ाए गए हैं।
  • नई शिक्षा नीति प्रधानमंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में तैयार की गई 21वीं सदी के नवीन, आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के नए आयाम खोलने वाली नीति है, जिसे देश के ख्यातिलब्ध शिक्षाविदों द्वारा तैयार किया गया है और ये नए भारत की नई उम्मीदों नई आवश्यकताओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है।
  • राज्य के विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एनईपी 2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रवेश शुरू कर दिये गए हैं। इसके लिये नई नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किये गए हैं।
  • विभागीय मंत्री ने बताया कि नई नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्यस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया तथा साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी और कैरिकुलम डिज़ाइन समिति गठित की गई, जिनकी विभिन्न स्तर पर कई दौर की बैठकों और पब्लिक डोमेन से मिले सुझावों के उपरांत पाठ्यक्रम तैयार किया गया। इस पाठ्यक्रम को सभी विश्वविद्यालयों की बीओएस, एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्युटिव कमेटी द्वारा अप्रूव्ड किया गया है ।
  • उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत छात्र-छात्राओं को चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम का लाभ मिलेगा और अब वह अपने मनपसंद विषय एवं विश्वविद्यालय चुन सकेंगे।
  • डॉ. रावत ने बताया कि नए पाठ्यक्रम रिसर्च, इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप बेस्ड होंगे। इसमें रोबोटिक्स जैसे एडवांस कोर्स रखे गए हैं। कोकैरिकुलम कोर्स के 6 सेमेस्टरों के प्रत्येक सेमेस्टर में भारतीय ज्ञान परंपरा, कम्युनिकेशन स्किल, इन्वायरमेंट, मैनेजमेंट पैराडाइज ऑफ भगवद् गीता, योगा, विवेकानंद स्टडीज़, पर्सनली डेवलपमेंट, रामचरितमानस, ट्रेडिशनल नॉलेज, वैदिक साइंस और वैदिक गणित जैसे कोर्स भी रखे गए हैं।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने दी पृथ्वीराज नगर के लिये 747 करोड़ रुपए की पेयजल योजना को स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के पृथ्वीराज नगर के लिये पेयजल योजना के फेज-प्रथम (स्टेज द्वितीय) एवं फेज-द्वितीय के कार्यों हेतु 747.08 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि जयपुर के पृथ्वीराज नगर और इसके आस-पास के क्षेत्र को बीसलपुर बांध आधारित पेयजल परियोजना से जोड़ा जा रहा है।
  • पेयजल योजना की वित्तीय स्वीकृति के इस निर्णय से 145 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में वितरण तंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सांगानेर, विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा एवं विधानसभा क्षेत्र विद्याधर नगर का आंशिक क्षेत्र सम्मिलत होंगे।
  • इनमें जयपुर नगर निगम ग्रेटर के 10 वार्ड (पूर्ण) तथा 8 वार्ड (आंशिक) हैं। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र बगरू एवं विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा के कुल 15 ग्राम भी हैं।
  • गौरतलब है कि पहले चरण (फेज-प्रथम, स्टेज-प्रथम) में 563.93 करोड़ रुपए की लागत के कार्य शुरू हैं, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं।  
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पृथ्वीराज नगर क्षेत्र और आसपास आबादी क्षेत्र के विस्तार के तहत तथा आने वाले समय में जनता की दूरगामी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ‘बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना’ शुरू की है।

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