उत्तर प्रदेश के पहले तैरते सोलर संयंत्र से विद्युत उत्पादन शुरू | उत्तर प्रदेश | 17 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के औरैया ज़िले के दिबियापुर में एनटीपीसी में कई चरणों में हुई जाँच के बाद 20 मेगावाट के तैरते सोलर संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। इससे एनटीपीसी औरैया संयंत्र की कुल क्षमता बढ़कर 704 मेगावाट हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक संजय बाल्यान ने बताया कि यह तैरता सोलर संयंत्र प्रदेश में पहला है। एनटीपीसी अब तक चार प्रदेशों- तेलंगाना के रामागुंडम, केरल के कायमकुलम, गुजरात के कवास और आंध्र प्रदेश के सेमाद्री में जलाशय पर तैरते सोलर संयंत्र लगा चुकी है।
- गौरतलब है कि औरैया में फ्लोटिंग सोलर संयंत्र के लिये एनटीपीसी ने सितंबर 2019 में निविदा आमंत्रित की थी। निविदा पाने वाली कंपनी ने जून 2020 में सोलर संयंत्र का काम शुरू किया था। अगस्त 2022 में सोलर प्लांट लगकर तैयार हो गया। इसके बाद टेस्टिंग और कमीशनिंग का काम पूरा किया गया।
- दिबियापुर स्थित एनटीपीसी में 500 वाट क्षमता के सोलर पैनलों का प्रयोग किया गया है। फ्लोटिंग सोलर संयंत्र की कुल लागत लगभग 90 करोड़ रुपए है।
- एनटीपीसी संयंत्र परिसर में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से 20 मेगावाट क्षमता का ज़मीन पर सोलर संयंत्र लगाया गया। ज़मीन पर लगे सोलर प्लांट में 330 वाट के सोलर पैनल मॉड्यूल लगाए गए हैं। इस संयंत्र से व्यावसायिक बिजली उत्पादन तीन चरणों में (पहले चरण में 10 नवंबर, 2020 को आठ मेगावाट, 4 दिसंबर, 2020 को सात मेगावाट एवं 20 फरवरी, 2021 को पाँच मेगावाट) ग्रिड से जोड़कर शुरू किया जा चुका है।
- अब दिबियापुर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र से व्यावसायिक बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। इससे सोलर संयत्र की उत्पादन क्षमता बढ़कर 40 मेगावाट हो गई है। एनटीपीसी औरैया में गैस और नेफ्था से चलने वाला 664 मेगावाट का बिजली उत्पादन संयंत्र भी लगा है। इस प्रकार एनटीपीसी औरैया संयंत्र की कुल क्षमता बढ़कर 704 मेगावाट हो गई है।
- एनटीपीसी अधिकारियों के अनुसार गैस और नेफ्था आधारित संयंत्रों से उत्पादित बिजली पाँच रुपए से लेकर 20 रुपए प्रति यूनिट पड़ती है। सोलर से उत्पादित बिजली 3.02 रुपए प्रति यूनिट पड़ेगी।