राजस्थान Switch to English
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने राजस्थान सरकार पर लगाया 3,000 करोड़ रुपए का जुर्माना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने राजस्थान सरकार पर 3,000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने के लिये लगाया गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि प्रदेश के जयपुर, नीमराना, भिवाड़ी, अलवर, भीलवाड़ा और पाली सहित कुछ अन्य ज़िलों में सीमेंट और अन्य फैक्ट्रियाँ हैं। यहाँ से निकलने वाले पानी से नदियाँ प्रदूषित हो रही हैं। इसके अलावा प्रदेश के शहरों से निकलने वाले ठोस कचरे का भी सही से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इसी के चलते एनजीटी ने प्रदेश सरकार पर जुर्माना लगाया है।
- न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रदूषण नहीं रोक पाने के लिये दोषी ठहराया। पीठ ने कहा कि भविष्य में होने वाले नुकसान को रोकने के लिये अनुपालन सुनिश्चित करने के अलावा सरकार को पिछले उल्लंघनों के लिये मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिये।
- पीठ ने ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन को दो मदों में बाँटा, जिस पर 3000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना देने के लिये एनजीटी ने राजस्थान सरकार को दो महीने का समय दिया है। इस दौरान सरकार को यह राशि एक अलग बैंक खाते में जमा करनी होगी। आदेश का पालन नहीं करने पर और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
Switch to English