100 प्रतिशत वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर जोड़ने वाला प्रदेश का पहला ज़िला बना बुरहानपुर | मध्य प्रदेश | 17 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2022 को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनपुम राजन ने बताया कि बुरहानपुर वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर को शत-प्रतिशत जोड़ने वाला प्रदेश का पहला ज़िला बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि नर्मदापुरम ज़िले की पिपरिया विधानसभा ने भी 100 प्रतिशत मतदाताओं के पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ने का कार्य पूरा कर लिया है।
- गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 1 अगस्त से आधार संग्रहण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 21 लाख 82 हज़ार 400 मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर को जोड़ लिया गया है।
- बुरहानपुर ज़िले की दोनों विधानसभा में 555715 और नर्मदापुरम ज़िले की पिपरिया विधानसभा में 212073 मतदाताओं की संख्या है, जिसमें शत-प्रतिशत मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर जोड़ दिये गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग का ज़िला रिपोर्ट कार्ड जारी | मध्य प्रदेश | 17 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ज़िलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित करने के निर्देश अनुसार सत्र 2022-23 में कक्षा पहली से आठवीं तक के लिये ज़िलों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस. ने बताया कि ज़िला रिपोर्ट कार्ड के अनुसार छतरपुर ज़िले को पहला, बालाघाट को दूसरा और छिंदवाड़ा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
- इसी तरह संभाग अनुसार ग्रेडिंग में सागर संभाग को पहला, जबलपुर संभाग को दूसरा और नर्मदापुरम को तीसरा स्थान मिला है।
- संचालक धनराजू एस. ने बताया कि विगत रैंकिंग की तुलना में निवाड़ी ज़िले ने 31 पायदान की छलांग लगाते हुए 10वाँ स्थान प्राप्त किया है। गुना ने पिछली रैंकिंग 51 में सुधार करते हुए इस बार 22वीं रैंक प्राप्त की है।
- रिपोर्ट में प्राथमिकता के आधार पर अनेक कार्य-बिंदु निर्धारित किये गए हैं। रिपोर्ट में मुख्यत: बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियाँ, शिक्षकों का शैक्षणिक उन्नयन, समानता, अधोसंरचना एवं भौतिक सुविधाएँ और सुशासन प्रक्रियाएँ आदि को 6 मुख्य भागों में बाँटा गया है।
- रैकिंग में कुल 32 सूचकांक सम्मिलित हैं। प्रत्घ्येक तिमाही की प्राथमिकता के अनुसार सम-सामायिक रुप से परिवर्तन किये जाते रहेंगे।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना आरंभ | मध्य प्रदेश | 17 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाल देख-रेख संस्थाओं को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बालक एवं बालिकाओं को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग (आफ्टरकेयर) देकर समाज में पुनर्स्थापित करने और 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों, जो अपने संबंधियों अथवा संरक्षकों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, को आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना’आरंभ कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के क्रियान्वयन के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
- आफ्टरकेयर के संदर्भ में बाल देखरेख संस्था में निर्मुत्ति दिनांक के वर्ष को सम्मिलित करते हुए निरंतर 5 वर्ष तक निवासरत बच्चे पात्र होंगे।
- आफ्टरकेयर में आर्थिक सहायता, इंटर्नशिप, व्यवसायिक प्रशिक्षण, शिक्षा के लिये निर्धारित समयावधि अथवा 24 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक दी जाएगी।
- उद्योग विभाग द्वारा ज़िला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त सूची में उल्लेखित केयर लीवर्स की योग्यता के अनुसार औद्योगिक संस्थान/प्रतिष्ठान/प्रतिष्ठित संस्थाओं की पहचान कर इंटर्नशिप देकर उसी संस्था में यथासंभव रोज़गार उपलब्ध करवाया जाएगा।
- इंटर्नशिप अवधि के दौरान 5 हज़ार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो इंटर्नशिप की अवधि समाप्ति तक या एक वर्ष, जो भी कम हो, तक देय होगी। यह सहायता किसी भी दशा में एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिये नहीं होगी।
- पॉलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास आदि में शासकीय संस्थाओं में दी जाने वाली व्यावसायिक प्रशिक्षण, संबंधित विभाग के द्वारा नि:शुल्क दिये जाएंगे।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण अवधि के दौरान 5 हज़ार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो व्यावसायिक प्रशिक्षण की अवधि समाप्ति तक या दो वर्ष जो भी कम हो तक देय होगी। किंतु किसी भी दशा में 2 वर्ष से अधिक की अवधि के लिये नहीं होगी।
- NEET, JEE या CLAT में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किसी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को अध्ययन अवधि के दौरान 5 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जाएगी एवं पाठ्यक्रम अवधि तक फीस नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी।
- केयर लीवर्स की श्रेणी का निर्धारण एवं प्रत्येक श्रेणी में अध्ययन अवधि के दौरान दी जा रही आर्थिक सहायता का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा।
- स्पॉन्सरशिप मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासी परिवार के 18 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों के लिये है, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों तथा जो ‘मुख्यमंत्री कोविड 19 बाल सेवा योजना’की पात्रता में नहीं आते हैं, ऐसे बच्चे योजना में पात्र होंगे।
- स्पॉन्सरशिप के तहत पात्र पाए गए प्रत्येक बच्चे को 4 हज़ार रुपए प्रतिमाह की सहायता न्यूनतम एक वर्ष के लिये दी जाएगी। यह राशि बच्चे एवं रिश्तेदार अथवा संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी।
- बालक अथवा परिवार की आर्थिक समृद्धता में सुधार न होने की स्थिति में न्यूनतम एक वर्ष की अवधि में वृद्धि की जा सकेगी, किंतु किसी भी स्थिति में अधिकतम 18 वर्ष की आयु के बाद राशि देय नहीं होगी। प्रत्येक बच्चे का आयुष्मान कार्ड भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया जाएगा।
- योजना के सभी आवेदन बाल आशीर्वाद पोर्टल www.scps.mp.gov.in पर प्राप्त किये जा सकेंगे। आवेदन की प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। योजना का लाभ लेने के लिये ज़िला कार्यक्रम अधिकारी एवं ज़िला बाल संरक्षण अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) से संपर्क किया जा सकता है। समस्त लाभ पोर्टल से दिये जाएंगे।
9784.95 करोड़ का प्रथम अनुपूरक अनुमान पारित | मध्य प्रदेश | 17 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश विधानसभा में 95 करोड़ रुपए का प्रथम अनुपूरक अनुमान 2022-23 पारित किया गया। राजस्व मद में 6185.46 करोड़ रुपए तथा पूंजीगत मद में 3599.49 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस अनुपूरक अनुमान से अधो-संरचनात्मक विकास के कामों में तेजी आएगी। महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिये किये गए कुछ प्रमुख प्रावधान निम्नानुसार हैं -
- आँगनबाड़ी सेवाएँ हेतु 1,003 करोड़ रुपए तथा ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’हेतु 44 करोड़ रुपए।
- नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत विभिन्न सिंचाई योजना/परियोजनाओं के लिये 931 करोड़ रुपए। जल संसाधन विभाग की विभिन्न सिंचाई योजनाओं/नहरें/बांध से संबंधित निर्माण कार्य हेतु 608 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना- चतुर्थ चरण हेतु 400 करोड़ रुपए।
- न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम (ग्रामीण सड़कों सहित), मध्य प्रदेश सड़क विकास कार्यक्रम (ए.डी.बी.) योजना, मुख्य ज़िला मार्गों तथा अन्य का नवीनीकरण, उन्नतीकरण एवं डामरीकरण, वृहद पुलों का निर्माण योजना तथा अनुरक्षण और मरम्मत-साधारण मरम्मत योजना हेतु कुल 1100 करोड़ रुपए।
- ग्रामीण नल जल प्रदाय योजनाओं के संधारण के लिये 151 करोड़ रुपए।
- कक्षा 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालय छात्रवृत्ति हेतु 666 करोड़ रुपए, राज्य छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं एवं 10वीं हेतु 57 करोड़ रुपए तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्तियाँ (महाविद्यालय तथा अन्य) हेतु 50 करोड़ रुपए।
- अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को आवास सहायता हेतु 284 करोड़ रुपए। छात्रों के लिये पुस्तकें/स्टेशनरी आदि के प्रदाय योजना हेतु 41 करोड़ रुपए। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना हेतु 78 करोड़ रुपए।
- अटल गृह ज्योति योजना हेतु 750 करोड़ रुपए तथा अटल कृषि ज्योति योजना हेतु 750 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री पुलिस आवास हेतु हुडको से लिये गए ऋणों के एकमुश्त भुगतान हेतु 280 करोड़ रुपए, अनुसूचित जाति/जनजाति के थानों की स्थापना हेतु 59 करोड़ रुपए, विशेष केंद्रीय सहायता अंतर्गत बालाघाट ज़िले को सहायता हेतु 20 करोड़ रुपए।
- ऋण माफी योजना के पात्र डिफाल्टर कृषकों की ब्याज माफी समाधान योजना हेतु 350 करोड़ रुपए।
- ज़िला माइनिंग फंड योजना के लिये 300 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना हेतु 300 करोड़ रुपए।
- मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना हेतु 150 करोड़ रुपए तथा विधायक स्वेच्छा अनुदान निधि से आर्थिक सहायता हेतु 81 करोड़ रुपए।
- महिला स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त ब्याज अनुदान योजना 2018 हेतु 84 करोड़ रुपए।
- परिसमापक की परिसंपत्तियों से प्राप्त राजस्व से भुगतान योजना हेतु 60 करोड़ रुपए तथा लोक परिसंपत्ति प्रबंधन ज़िला प्रोत्साहन योजना हेतु 50 करोड़ रुपए।
- नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना तथा चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालयों के लिये 100 करोड़ रुपए। पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत फास्टट्रेक कोर्ट की स्थापना तथा विशेष न्यायालयों की स्थापना हेतु 85 करोड़ रुपए।
- दीनदयाल अंत्योदय मिशन को आर्थिक सहायता (मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना) हेतु 50 करोड़ रुपए। मुख्यमंत्री विवेकाधीन अनुदान हेतु 40 करोड़ रुपए तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं का कंप्यूटरीकरण योजना हेतु 38 करोड़ रुपए।