उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के पहले तैरते सोलर संयंत्र से विद्युत उत्पादन शुरू
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के औरैया ज़िले के दिबियापुर में एनटीपीसी में कई चरणों में हुई जाँच के बाद 20 मेगावाट के तैरते सोलर संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। इससे एनटीपीसी औरैया संयंत्र की कुल क्षमता बढ़कर 704 मेगावाट हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक संजय बाल्यान ने बताया कि यह तैरता सोलर संयंत्र प्रदेश में पहला है। एनटीपीसी अब तक चार प्रदेशों- तेलंगाना के रामागुंडम, केरल के कायमकुलम, गुजरात के कवास और आंध्र प्रदेश के सेमाद्री में जलाशय पर तैरते सोलर संयंत्र लगा चुकी है।
- गौरतलब है कि औरैया में फ्लोटिंग सोलर संयंत्र के लिये एनटीपीसी ने सितंबर 2019 में निविदा आमंत्रित की थी। निविदा पाने वाली कंपनी ने जून 2020 में सोलर संयंत्र का काम शुरू किया था। अगस्त 2022 में सोलर प्लांट लगकर तैयार हो गया। इसके बाद टेस्टिंग और कमीशनिंग का काम पूरा किया गया।
- दिबियापुर स्थित एनटीपीसी में 500 वाट क्षमता के सोलर पैनलों का प्रयोग किया गया है। फ्लोटिंग सोलर संयंत्र की कुल लागत लगभग 90 करोड़ रुपए है।
- एनटीपीसी संयंत्र परिसर में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से 20 मेगावाट क्षमता का ज़मीन पर सोलर संयंत्र लगाया गया। ज़मीन पर लगे सोलर प्लांट में 330 वाट के सोलर पैनल मॉड्यूल लगाए गए हैं। इस संयंत्र से व्यावसायिक बिजली उत्पादन तीन चरणों में (पहले चरण में 10 नवंबर, 2020 को आठ मेगावाट, 4 दिसंबर, 2020 को सात मेगावाट एवं 20 फरवरी, 2021 को पाँच मेगावाट) ग्रिड से जोड़कर शुरू किया जा चुका है।
- अब दिबियापुर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र से व्यावसायिक बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। इससे सोलर संयत्र की उत्पादन क्षमता बढ़कर 40 मेगावाट हो गई है। एनटीपीसी औरैया में गैस और नेफ्था से चलने वाला 664 मेगावाट का बिजली उत्पादन संयंत्र भी लगा है। इस प्रकार एनटीपीसी औरैया संयंत्र की कुल क्षमता बढ़कर 704 मेगावाट हो गई है।
- एनटीपीसी अधिकारियों के अनुसार गैस और नेफ्था आधारित संयंत्रों से उत्पादित बिजली पाँच रुपए से लेकर 20 रुपए प्रति यूनिट पड़ती है। सोलर से उत्पादित बिजली 3.02 रुपए प्रति यूनिट पड़ेगी।
राजस्थान Switch to English
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने राजस्थान सरकार पर लगाया 3,000 करोड़ रुपए का जुर्माना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने राजस्थान सरकार पर 3,000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने के लिये लगाया गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि प्रदेश के जयपुर, नीमराना, भिवाड़ी, अलवर, भीलवाड़ा और पाली सहित कुछ अन्य ज़िलों में सीमेंट और अन्य फैक्ट्रियाँ हैं। यहाँ से निकलने वाले पानी से नदियाँ प्रदूषित हो रही हैं। इसके अलावा प्रदेश के शहरों से निकलने वाले ठोस कचरे का भी सही से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इसी के चलते एनजीटी ने प्रदेश सरकार पर जुर्माना लगाया है।
- न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रदूषण नहीं रोक पाने के लिये दोषी ठहराया। पीठ ने कहा कि भविष्य में होने वाले नुकसान को रोकने के लिये अनुपालन सुनिश्चित करने के अलावा सरकार को पिछले उल्लंघनों के लिये मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिये।
- पीठ ने ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन को दो मदों में बाँटा, जिस पर 3000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना देने के लिये एनजीटी ने राजस्थान सरकार को दो महीने का समय दिया है। इस दौरान सरकार को यह राशि एक अलग बैंक खाते में जमा करनी होगी। आदेश का पालन नहीं करने पर और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
100 प्रतिशत वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर जोड़ने वाला प्रदेश का पहला ज़िला बना बुरहानपुर
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2022 को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनपुम राजन ने बताया कि बुरहानपुर वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर को शत-प्रतिशत जोड़ने वाला प्रदेश का पहला ज़िला बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि नर्मदापुरम ज़िले की पिपरिया विधानसभा ने भी 100 प्रतिशत मतदाताओं के पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ने का कार्य पूरा कर लिया है।
- गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 1 अगस्त से आधार संग्रहण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 21 लाख 82 हज़ार 400 मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर को जोड़ लिया गया है।
- बुरहानपुर ज़िले की दोनों विधानसभा में 555715 और नर्मदापुरम ज़िले की पिपरिया विधानसभा में 212073 मतदाताओं की संख्या है, जिसमें शत-प्रतिशत मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर जोड़ दिये गए हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
स्कूल शिक्षा विभाग का ज़िला रिपोर्ट कार्ड जारी
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ज़िलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित करने के निर्देश अनुसार सत्र 2022-23 में कक्षा पहली से आठवीं तक के लिये ज़िलों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस. ने बताया कि ज़िला रिपोर्ट कार्ड के अनुसार छतरपुर ज़िले को पहला, बालाघाट को दूसरा और छिंदवाड़ा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
- इसी तरह संभाग अनुसार ग्रेडिंग में सागर संभाग को पहला, जबलपुर संभाग को दूसरा और नर्मदापुरम को तीसरा स्थान मिला है।
- संचालक धनराजू एस. ने बताया कि विगत रैंकिंग की तुलना में निवाड़ी ज़िले ने 31 पायदान की छलांग लगाते हुए 10वाँ स्थान प्राप्त किया है। गुना ने पिछली रैंकिंग 51 में सुधार करते हुए इस बार 22वीं रैंक प्राप्त की है।
- रिपोर्ट में प्राथमिकता के आधार पर अनेक कार्य-बिंदु निर्धारित किये गए हैं। रिपोर्ट में मुख्यत: बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियाँ, शिक्षकों का शैक्षणिक उन्नयन, समानता, अधोसंरचना एवं भौतिक सुविधाएँ और सुशासन प्रक्रियाएँ आदि को 6 मुख्य भागों में बाँटा गया है।
- रैकिंग में कुल 32 सूचकांक सम्मिलित हैं। प्रत्घ्येक तिमाही की प्राथमिकता के अनुसार सम-सामायिक रुप से परिवर्तन किये जाते रहेंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना आरंभ
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाल देख-रेख संस्थाओं को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बालक एवं बालिकाओं को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग (आफ्टरकेयर) देकर समाज में पुनर्स्थापित करने और 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों, जो अपने संबंधियों अथवा संरक्षकों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, को आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना’आरंभ कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के क्रियान्वयन के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
- आफ्टरकेयर के संदर्भ में बाल देखरेख संस्था में निर्मुत्ति दिनांक के वर्ष को सम्मिलित करते हुए निरंतर 5 वर्ष तक निवासरत बच्चे पात्र होंगे।
- आफ्टरकेयर में आर्थिक सहायता, इंटर्नशिप, व्यवसायिक प्रशिक्षण, शिक्षा के लिये निर्धारित समयावधि अथवा 24 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक दी जाएगी।
- उद्योग विभाग द्वारा ज़िला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त सूची में उल्लेखित केयर लीवर्स की योग्यता के अनुसार औद्योगिक संस्थान/प्रतिष्ठान/प्रतिष्ठित संस्थाओं की पहचान कर इंटर्नशिप देकर उसी संस्था में यथासंभव रोज़गार उपलब्ध करवाया जाएगा।
- इंटर्नशिप अवधि के दौरान 5 हज़ार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो इंटर्नशिप की अवधि समाप्ति तक या एक वर्ष, जो भी कम हो, तक देय होगी। यह सहायता किसी भी दशा में एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिये नहीं होगी।
- पॉलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास आदि में शासकीय संस्थाओं में दी जाने वाली व्यावसायिक प्रशिक्षण, संबंधित विभाग के द्वारा नि:शुल्क दिये जाएंगे।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण अवधि के दौरान 5 हज़ार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो व्यावसायिक प्रशिक्षण की अवधि समाप्ति तक या दो वर्ष जो भी कम हो तक देय होगी। किंतु किसी भी दशा में 2 वर्ष से अधिक की अवधि के लिये नहीं होगी।
- NEET, JEE या CLAT में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किसी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को अध्ययन अवधि के दौरान 5 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जाएगी एवं पाठ्यक्रम अवधि तक फीस नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी।
- केयर लीवर्स की श्रेणी का निर्धारण एवं प्रत्येक श्रेणी में अध्ययन अवधि के दौरान दी जा रही आर्थिक सहायता का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा।
- स्पॉन्सरशिप मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासी परिवार के 18 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों के लिये है, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों तथा जो ‘मुख्यमंत्री कोविड 19 बाल सेवा योजना’की पात्रता में नहीं आते हैं, ऐसे बच्चे योजना में पात्र होंगे।
- स्पॉन्सरशिप के तहत पात्र पाए गए प्रत्येक बच्चे को 4 हज़ार रुपए प्रतिमाह की सहायता न्यूनतम एक वर्ष के लिये दी जाएगी। यह राशि बच्चे एवं रिश्तेदार अथवा संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी।
- बालक अथवा परिवार की आर्थिक समृद्धता में सुधार न होने की स्थिति में न्यूनतम एक वर्ष की अवधि में वृद्धि की जा सकेगी, किंतु किसी भी स्थिति में अधिकतम 18 वर्ष की आयु के बाद राशि देय नहीं होगी। प्रत्येक बच्चे का आयुष्मान कार्ड भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया जाएगा।
- योजना के सभी आवेदन बाल आशीर्वाद पोर्टल www.scps.mp.gov.in पर प्राप्त किये जा सकेंगे। आवेदन की प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। योजना का लाभ लेने के लिये ज़िला कार्यक्रम अधिकारी एवं ज़िला बाल संरक्षण अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) से संपर्क किया जा सकता है। समस्त लाभ पोर्टल से दिये जाएंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
9784.95 करोड़ का प्रथम अनुपूरक अनुमान पारित
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश विधानसभा में 95 करोड़ रुपए का प्रथम अनुपूरक अनुमान 2022-23 पारित किया गया। राजस्व मद में 6185.46 करोड़ रुपए तथा पूंजीगत मद में 3599.49 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस अनुपूरक अनुमान से अधो-संरचनात्मक विकास के कामों में तेजी आएगी। महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिये किये गए कुछ प्रमुख प्रावधान निम्नानुसार हैं -
- आँगनबाड़ी सेवाएँ हेतु 1,003 करोड़ रुपए तथा ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’हेतु 44 करोड़ रुपए।
- नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत विभिन्न सिंचाई योजना/परियोजनाओं के लिये 931 करोड़ रुपए। जल संसाधन विभाग की विभिन्न सिंचाई योजनाओं/नहरें/बांध से संबंधित निर्माण कार्य हेतु 608 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना- चतुर्थ चरण हेतु 400 करोड़ रुपए।
- न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम (ग्रामीण सड़कों सहित), मध्य प्रदेश सड़क विकास कार्यक्रम (ए.डी.बी.) योजना, मुख्य ज़िला मार्गों तथा अन्य का नवीनीकरण, उन्नतीकरण एवं डामरीकरण, वृहद पुलों का निर्माण योजना तथा अनुरक्षण और मरम्मत-साधारण मरम्मत योजना हेतु कुल 1100 करोड़ रुपए।
- ग्रामीण नल जल प्रदाय योजनाओं के संधारण के लिये 151 करोड़ रुपए।
- कक्षा 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालय छात्रवृत्ति हेतु 666 करोड़ रुपए, राज्य छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं एवं 10वीं हेतु 57 करोड़ रुपए तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्तियाँ (महाविद्यालय तथा अन्य) हेतु 50 करोड़ रुपए।
- अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को आवास सहायता हेतु 284 करोड़ रुपए। छात्रों के लिये पुस्तकें/स्टेशनरी आदि के प्रदाय योजना हेतु 41 करोड़ रुपए। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना हेतु 78 करोड़ रुपए।
- अटल गृह ज्योति योजना हेतु 750 करोड़ रुपए तथा अटल कृषि ज्योति योजना हेतु 750 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री पुलिस आवास हेतु हुडको से लिये गए ऋणों के एकमुश्त भुगतान हेतु 280 करोड़ रुपए, अनुसूचित जाति/जनजाति के थानों की स्थापना हेतु 59 करोड़ रुपए, विशेष केंद्रीय सहायता अंतर्गत बालाघाट ज़िले को सहायता हेतु 20 करोड़ रुपए।
- ऋण माफी योजना के पात्र डिफाल्टर कृषकों की ब्याज माफी समाधान योजना हेतु 350 करोड़ रुपए।
- ज़िला माइनिंग फंड योजना के लिये 300 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना हेतु 300 करोड़ रुपए।
- मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना हेतु 150 करोड़ रुपए तथा विधायक स्वेच्छा अनुदान निधि से आर्थिक सहायता हेतु 81 करोड़ रुपए।
- महिला स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त ब्याज अनुदान योजना 2018 हेतु 84 करोड़ रुपए।
- परिसमापक की परिसंपत्तियों से प्राप्त राजस्व से भुगतान योजना हेतु 60 करोड़ रुपए तथा लोक परिसंपत्ति प्रबंधन ज़िला प्रोत्साहन योजना हेतु 50 करोड़ रुपए।
- नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना तथा चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालयों के लिये 100 करोड़ रुपए। पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत फास्टट्रेक कोर्ट की स्थापना तथा विशेष न्यायालयों की स्थापना हेतु 85 करोड़ रुपए।
- दीनदयाल अंत्योदय मिशन को आर्थिक सहायता (मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना) हेतु 50 करोड़ रुपए। मुख्यमंत्री विवेकाधीन अनुदान हेतु 40 करोड़ रुपए तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं का कंप्यूटरीकरण योजना हेतु 38 करोड़ रुपए।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट-2022
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग, अखिल भारतीय शतरंज महासंघ और छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट-2022 का आयोजन 19 से 28 सितंबर तक राजधानी रायपुर में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राजधानी रायपुर में होने वाले इस टूर्नामेंट में विश्व के 15 देशों के 500 से भी ज्यादा शतरंज के दिग्गज 100 से अधिक अनुभवी मास्टर्स के मार्गदर्शन में हिस्सा लेंगे।
- इस अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में अलग-अलग देशों के खिलाड़ी शामिल होंगे, जिनमें अब तक रसिया, उक्रेन, जॉर्जिया, यूएसए, कजाकिस्तान, मंगोलिया, पोलैंड, वियतनाम, कोलंबिया, ईरान, श्रीलंका, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे व नेपाल सहित 15 देशों के खिलाड़ियों का पंजीयन हो चुका है।
- इस टूर्नामेंट से देश, प्रदेश के रेटेड खिलाड़ियों को अपनी रेटिंग सुधारने, जीएम व आईएम नॉर्म एवं टाइटल प्राप्त करने का अवसर भी उपलब्ध होगा। अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के इस आयोजन से ना केवल छत्तीसगढ़ राज्य अपितु पूरे भारत का नाम विश्व शतरंज के मानचित्र पर अवलोकित होगा।
- इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर विजेता ट्रॉफी दी जाएगी, इसके अलावा नगद राशि भी दी जाएगी।
- यह टूर्नामेंट दो कैटेगरी मास्टर्स और चैलेंजर्स के रूप में होगा, इसमें मास्टर्स कैटेगरी में 23 लाख रुपए एवं ट्रॉफी और चैलेंजर्स कैटेगरी में 12 लाख रुपए एवं ट्रॉफी पुरस्कार-स्वरूप विजेता खिलाड़ियों को प्रदान किये जाएंगे।
- इस टूर्नामेंट से जुड़े 50 गेम्स का लाइव प्रसारण विश्व स्तर पर किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इस टूर्नामेंट को देख सकें।
- चेस टूर्नामेंट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि ऐसे आयोजन देश में बहुत कम होते हैं, इस टूर्नामेंट में विभिन्न देशों के हाई रेटेड खिलाड़ी एक प्लेटफॉर्म पर खेल का प्रदर्शन करेंगे।
- ऐसे आयोजनों के अभाव के कारण खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय उपाधि प्राप्त करने के लिये कठिनाई होती है और उन्हें यूरोपीय देशों में जाना पड़ता है। खिलाड़ियों को इस दौरान आर्थिक और मानसिक रूप से अनेकों परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं। यह आयोजन खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उभरती प्रतिभाओं को मंच देने के लिये किया जा रहा है।
- इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में शामिल होने 6 ग्रैंडमास्टर्स,17 इंटरनेशनल मास्टर्स, 2 वीमेन ग्रैंडमास्टर्स, 8 वीमेन इंटरनेशनल मास्टर्स, 5 फीडे मास्टर्स एवं 200 ईलो रेटेड खिलाड़ियों सहित कई अन्य खिलाड़ियों के आने की संभावना है।
- इस टूर्नामेंट के मास्टर्स कैटेगरी की स्पर्धा होटल ग्रेंड इंपीरिया एवं चैलेंजर्स कैटेगरी की स्पर्धा वीआईपी रोड स्थित शगुन फॉर्म में होगी। इस टूर्नामेंट में अलग-अलग राज्यों के अनुभवी निर्णायक शामिल होंगे।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में लागू होगी नई राजस्व संहिता
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने बताया कि उत्तराखंड में नई राजस्व संहिता (रेवेन्यु कोड) लागू होगी। राजस्व परिषद ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर शासन को सौंप दिया है।
प्रमुख बिंदु
- अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित विधि समिति की बैठक में इस पर विचार किया जाएगा। इसके बाद इसे कैबिनेट को भेज दिया जाएगा। कैबिनेट से पास होने के बाद यह विधानसभा में जाएगा। जहाँ से पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा।
- गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम) 1950 और भू राजस्व अधिनियम लागू हैं। इसके अलावा कुछ अन्य अधिनियम भी प्रचलन में हैं। ये सभी अधिनियम उत्तर प्रदेश से धारण किये गए हैं।
- समय-समय पर इन अधिनियमों में कुछ उप-धाराएँ जोड़ी गईं, लेकिन राज्य का पूर्ण रूप से अपना रेवेन्यु कोड नहीं बन पाया, जबकि उत्तर प्रदेश ने इन्हें समाप्त करते हुए अपना रेवेन्यु कोड वर्ष 2013 में लागू कर दिया था। अब प्रदेश में लागू सभी अधिनियम को मर्ज करते हुए अपना रेवेन्यु कोड तैयार किया जाएगा।
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