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परिवार पहचान-पत्र
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी विभागाध्यक्षों को 1 नवंबर, 2021 तक अपने-अपने विभागों की योजनाओं और सेवाओं को परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) से जोड़ने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- अंत्योदय की भावना से शुरू की गई पीपीपी राज्य सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य पात्र परिवारों को सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ सुनिश्चित कराना है।
- हर परिवार का परिवार पहचान-पत्र बनाने के लिये इस तरह की योजना बनाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। अभी तक इस प्रकार की योजना न तो देश में शुरू की गई है और न ही विदेश में।
- पीपीपी योजना के लाभों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी को महाविद्यालयों में प्रवेश से जोड़ने के बाद छात्रों के डाटा का स्वत:सत्यापन किया गया। इसके साथ ही अब छात्रों को अपने सत्यापन कार्य के लिये इधर-उधर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
- पहले लाभार्थियों के सत्यापन की कोई व्यवस्था नहीं थी, अब पीपीपी के जरिये सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी तरह पारदर्शिता आएगी।
- पीपीपी के आने से यह जानना आसान हो जाएगा कि कौन-सा व्यक्ति किस योजना का लाभ लेने के योग्य है और किसे इन योजनाओं का लाभ नहीं मिला है।
- इस योजना के प्रारंभ होने से अब सरकारी योजनाओं का लाभ भी स्मार्ट कार्ड के ज़रिये मिलेगा। स्मार्ट कार्ड को पीपीपी से जोड़ा जाएगा।
- प्रारंभ में आयुष्मान भारत, सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना और पेंशन योजना को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा जा रहा है।
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