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स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Aug 2023
  • 2 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

आगरा में इनर रिंग रोड के किनारे बनेगा विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर

चर्चा में क्यों?

16 अगस्त, 2023 को आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने बताया कि आगरा में इनर रिंग रोड स्थित एत्मादपुर मदरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 140 करोड़ रुपए की लागत से विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर बनेगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • चर्चित गौड़ ने बताया कि 7.4418 हेक्टेयर में आकार लेने वाले इस कन्वेंशन सेंटर की डीपीआर के लिये सैद्धांतिक मंज़ूरी मिल गई है। लखनऊ में अपर मुख्य सचिव शहरी आवास नितिन रमेश गोकर्ण के समक्ष एडीए ने प्रजेंटेशन दिया। 
  • आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि एत्मादपुर मदरा में 7.4418 हेक्टेयर भूमि पर एडीए भूमि अर्जन कर चुका है। कन्वेंशन सेंटर की डीपीआर के लिये प्रस्ताव भेजा था। इसकी स्वीकृति मिल गई है। अब इसे तैयार करने की कार्ययोजना पर काम होगा।
  • इस कन्वेंशन सेंटर में भव्य ऑडिटोरियम, मीटिंग व कॉन्फ्रेंस हॉल, स्टेज के अलावा होटल भी होंगे, जहाँ पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ मिलेंगी।

बिहार Switch to English

बिहार से जुड़ी दो रेल परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली

चर्चा में क्यों?  

16 अगस्त, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने केंद्र सरकार के शत-प्रतिशत वित्तपोषण से रेल मंत्रालय की लगभग 32,500 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली कुल 7 परियोजनाओं को मंज़ूरी प्रदान की, जिसमें बिहार की 2 परियोजनाएँ भी शामिल हैं।  

प्रमुख बिंदु   

  • इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़-भाड़ में कमी आएगी, जिससे भारतीय रेल के अति व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढाँचागत विकास संभव हो सकेगा। 
  • 9 राज्यों, अर्थात् उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 ज़िलों को कवर करने वाली इन परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किमी. की वृद्धि होगी। इसके अलावा राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ मानव दिवसों का रोज़गार उपलब्ध हो सकेगा। 
  • ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना-पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई के लिये आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप अतिरिक्त 200 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) माल की ढुलाई होगी। पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का माध्यम होने के कारण, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद करेगा। 
  • उत्तर प्रदेश में मौजूदा गोरखपुर छावनी (वाल्मीकि नगर सिंगल लाइन सेक्शन) का 89.264 किमी. और बिहार (पश्चिमी चंपारण) के 6.676 किमी. का दोहरीकरण किया जाएगा।  
  • इसी रूट पर गंडक नदी पर 854 मीटर लंबी पुल भी बनाया जाएगा। 12 स्टेशनों वाला यह ट्रैक नेपाल सीमा के पास से होकर गुज़रेगा। इस ट्रैक के दोहरीकरण के बाद इस रूट पर 15 अतिरिक्त मालगाड़ियाँ चलाई जा सकेंगी।  
  • सोन नगर-अंडाल मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना की लंबाई 375 किमी. होगी। यह लुधियाना-सोननगर रेलखंड का विस्तार है, जिसके अंतर्गत बिहार (गया, औरंगाबाद) में 132.57 किमी, झारखंड (धनबाद, गिरिडीह, हज़ारीबाग, कोडरमा) में 201.608 किमी. और पश्चिम बंगाल (पश्चिम बर्धमान) में 40.35 किमी. लाइन शामिल हैं।   
  • ये परियोजनाएँ मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिये पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो समेकित आयोजना से संभव हो सका है। इनकी बदौलत लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिये निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी। 
  • ये परियोजनाएँ प्रधानमंत्री के नए भारत के विज़न के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में मल्टी-टास्किंग कार्यबल बनाकर क्षेत्र के लोगों को ‘आत्मनिर्भर’बनाएंगी और उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसरों में वृद्धि करेंगी।


राजस्थान Switch to English

प्रदेश में बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट की पाँचवीं बैठक में 24,681 करोड़ रुपए निवेश के 7 प्रस्ताव मंज़ूर

चर्चा में क्यों? 

16 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में हुई विनिधान बोर्ड (बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट) की पाँचवी बैठक में राज्य में 24 हज़ार 681 करोड़ रुपए के निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये 7 परियोजनाओं को कस्टमाइज्ड पैकेज देने की मंज़ूरी दी।  

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में मंज़ूर प्रस्तावों से 10 हज़ार से अधिक लोगों के लिये रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।  
  • बैठक में उद्यमों को पैकेज, रियायत, छूट तथा अन्य सुविधाओं के संबंध में आए प्रस्तावों को बोर्ड द्वारा मंज़ूरी दी गई। अनुमोदित प्रस्तावों में प्रमुख रूप से सोलर सेल एवं मॉड्यूल्स, ऑटो कॉम्पोनेंट्स, जूस एवं डेयरी उत्पाद, सीमेंट क्षेत्रों से संबंधित हैं। 
  • उल्लेखनीय है कि वन स्टॉप शॉप प्रणाली के अंतर्गत निवेश प्रस्तावों को त्वरित स्वीकृति एवं अनुमति प्रदान करने के उद्देश्य से गठित इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं, जबकि उद्योग मंत्री इसके उपाध्यक्ष हैं।  
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिये राज्य सरकार द्वारा गत साढ़े चार वर्षों में कई महत्त्वपूर्ण नीतियाँ एवं कार्यक्रम लागू किये गए हैं।  
  • राजस्थान में एमएसएमई नीति, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स-2019), रिप्स 2022, राजस्थान इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पॉलिसी-2019, वन स्टॉप शॉप प्रणाली एवं सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्यमियों एवं निवेशकों को कई तरह की सुविधाएँ दी जा रही हैं। इससे प्रदेश में निवेश एवं रोज़गार में वृद्धि हुई है।  
  • उन्होंने कहा कि मिशन 2030 के तहत राजस्थान को अग्रणी राज्यों में शामिल करने का संकल्प राज्य सरकार द्वारा लिया गया है एवं औद्योगिक विकास एवं निवेश में वृद्धि की इसमें अहम भूमिका है। वर्ष 2030 तक राज्य की जीडीपी को करीब ढाई गुना बढ़ाकर 35.71 लाख करोड़ रुपए तक ले जाने का राज्य सरकार का लक्ष्य है।
  • विदित है कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश की जीडीपी करीब 9 लाख 11 हज़ार करोड़ रुपए थी, जोकि वर्तमान में करीब 14.14 लाख करोड़ रुपए हो गई है। 
  • ज्ञातव्य है कि राज्य में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं। इसके लिये सोलर पार्क लगाए जा रहे हैं। सोलर पार्क में लगने वाले कॉम्पोनेंट्स की उत्पादन इकाइयाँ भी राज्य में लगाए जाने की संभावनाएँ तलाशी जानी चाहिये। इससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी, रोज़गार बढ़ेंगे तथा सोलर पार्क लगाने वाली इकाईयों को सुगमता से मॉड्यूल्स व कॉम्पोनेंट्स उपलब्ध हो सकेंगे।  
  • बैठक में इन प्रस्तावों को दी गई मंज़ूरी: 
    • कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना: इसमें 1.65 एमटीपीए क्लिंकर, 2.2 एमटीपीए सीमेंट एवं 35 मेगावाट कैप्टिव सोलर संयंत्र शामिल होगा। इसकी निवेश राशि 1715 करोड़ रुपए है। इसके अंतर्गत रोज़गार 825 व्यक्तियों को मिलेगा। इसके लिये स्थान का चयन सिरोही ज़िले के पिंडवाडा में किया गया है। 
    • हिंदुस्तान ज़िंक फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना: इसमें 0.51 एमटीपीए फर्टिलाइजर कॉम्प्लेक्स [डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), एवं एनपीके] होगा। इसकी निवेश राशि 1655 करोड़ रुपए है। इसके अंतर्गत 820 व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। इसके लिये स्थान का चयन चित्तौड़गढ़ ज़िले के गंगरार में किया गया है। 
    • वारी एनर्जीज लिमिटेड की परियोजना: इसमें इन्गट, वेफर, सोलर सेल एवं सोलर मॉड्यूल्स (12 गीगावाट क्षमता दो चरणों में) होंगे। इसकी निवेश राशि 15,750 करोड़ रुपए है। इसके अंतर्गत 3800 व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। इसके लिये स्थान का चयन जोधपुर ज़िले के कांकाणी औद्योगिक क्षेत्र में किया गया है। 
    • जेएसडब्ल्यू रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की परियोजना: इसमें इन्गट, वेफर, सोलर सेल एवं सोलर मॉड्यूल्स (1 गीगावाट क्षमता) शामिल होंगे। इसकी निवेश राशि 1674 करोड़ रुपए है। इसके अंतर्गत 1880 व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। इसके लिये स्थान का चयन बाड़मेर में किया गया है। 
    • बैक्सी ग्रुप की परियोजना: इसमें ऑटो कॉम्पोनेंट्स शामिल होंगे। इसकी निवेश राशि 1005 करोड़ रुपए है। इसके अंतर्गत 2000 व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। इसके लिये स्थान का चयन भिवाड़ी एवं नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र में किया गया है। 
    • कन्धारी ग्लोबल बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना: इसमें कोका-कोला ब्रांड के जूस, डेयरी उत्पादों हेतु एक इन्टीग्रेटेड अल्ट्रा मेगा फैसिलिटी शामिल होगी। इसकी निवेश राशि 1010 करोड़ रुपए है। इसके अंतर्गत 805 व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। इसके लिये स्थान का चयन बूंदी ज़िले में किया गया है। 
    • श्री सीमेंट लिमिटेड की परियोजना: यह 3 एमटीपीए क्लिंकर, 4.4 एमटीपीए सीमेंट प्लांट की एकीकृत परियोजना है। इसमें निवेश राशि 1872 करोड़ रुपए की है। इसके अंतर्गत 500 व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। इसके लिये स्थान का चयन ब्यावर ज़िले के जैतारण में किया गया है।


मध्य प्रदेश Switch to English

सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियाँ सर्वाधिक कम करने में नर्मदापुरम् वृत्त प्रथम

चर्चा में क्यों?

16 अगस्त, 2023 को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के नर्मदापुरम् वृत्त को कंपनी कार्यक्षेत्र में सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों (एटीएंडसी) में सर्वाधिक कमी करने पर प्रशस्ति-पत्र एवं पदक से पुरस्कृत किया गया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • यह पुरस्कार कंपनी मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में नर्मदापुरम् वृत्त के महाप्रबंधक बी.बी.एस.परिहार को कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा द्वारा प्रदान किया गया। 
  • गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रतिवर्ष कंपनी कार्यक्षेत्र में एलटी श्रेणी में सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों में सर्वाधिक कमी करने वाले वृत्त/संभाग को पुरस्कृत किया जाता है।  
  • इसी अनुक्रम में संचारण संधारण वृत्त नर्मदापुरम् द्वारा विशेष प्रयासों से गत वर्ष 2021-22 में एटीएंडसी हानि 23.18 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2022-23 में 18.65 प्रतिशत कम कर कंपनी कार्यक्षेत्र में सर्वाधिक कमी लगभग 4.53 प्रतिशत कर प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है।  
  • इसी प्रकार सोहागपुर संभाग द्वारा विशेष प्रयासों से गत वर्ष 2021-22 में एटीएंडसी हानि 27.42 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2022-23 में 17.77 प्रतिशत कम कर सर्वाधिक कमी लगभग 9.64 प्रतिशत कर कंपनी कार्यक्षेत्र के समस्त संभागों में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा के नए DGP बने शत्रुजीत कपूर

चर्चा में क्यों?

16 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार शत्रुजीत कपूर हरियाणा के नए DGP बन गए हैं। उन्होंने पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित पुलिस हेडक्वार्टर में पहुँचकर चार्ज संभाल। वे 2 साल तक इस पद पर बने रहेंगे।  

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि शत्रुजीत कपूर 1990 बैच के IPS हैं। उन्होंने 15 अगस्त को रिटायर हुए पीके अग्रवाल की जगह ली है। 
  • शत्रुजीत कपूर के अलावा डीजीपी पद की दौड़ में आरसी मिश्रा और मोहम्मद अकील भी थे, लेकिन राज्य सरकार की पसंद से उन्हें यह पद मिल गया है।  
  • विदित है कि 10 अगस्त को UPSC द्वारा पैनल मीटिंग में डीजीपी के लिये 3 नामों पर मुहर लगा दी गई थी, जिनमें DGP के लिये शत्रुजीत कपूर, मोहम्मद अकील और आरसी मिश्रा के नाम पर मुहर लगाई गई थी।  
  • ज्ञातव्य है कि हरियाणा के DGP पैनल में रिटायर हुए पीके अग्रवाल के बाद सबसे वरिष्ठ 1989 बैच के IPS ऑफिसर मोहम्मद अकील हैं। इनके पास फिलहाल DG जेल का चार्ज है। वह 31 दिसंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।  
  • आरसी मिश्रा दूसरे नंबर पर 1990 बैच के IPS ऑफिसर हैं। वर्तमान में उनके पास पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन की कमान है। वे जून 2024 में रिटायर होंगे।  
  • शत्रुजीत कपूर तीसरे नंबर पर वरिष्ठ 1990 बैच के IPS हैं, जो एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के DG हैं। वह 31 अक्टूबर, 2026 को सेवानिवृत्त होंगे।


झारखंड Switch to English

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य के 44 पुलिसकर्मियों को मिला राष्ट्रपति पुलिस पदक व सेवा पदक

चर्चा में क्यों?

15 अगस्त, 2023 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी राँची के मोरहाबादी में आयोजित समारोह में राज्य के 44 पुलिस अधिकारी व कर्मियों को वीरता के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक व सेवा पदक प्रदान किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • इन 44 पुलिस अधिकारियों को वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा के लिये राष्ट्रपति पदक दिया गया है।  
  • ये सभी पदक पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर राष्ट्रपति द्वारा दिये जाते थे, जिनका अब वितरण किया गया है।  
  • जिन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है :  
    • वर्ष 2021 के लिये मनीष चंद्र लाल (एसडीपीओ गुमला), सुरेश राम (इंस्पेक्टर, एसीबी), रोहित कुमार रजक (कॉन्स्टेबल, हज़ारीबाग), हीरालाल ठाकुर (कॉन्स्टेबल, हज़ारीबाग), अनिरुद्ध कुमार ओझा (कॉन्स्टेबल, हज़ारीबाग) और यशवंत महतो (कॉन्स्टेबल, हज़ारीबाग) शामिल हैं। 
    • वर्ष 2022 के लिये ऋषभ कुमार झा (वर्तमान में एसपी रेल जमशेदपुर, तत्कालीन एसडीपीओ तोरपा) और सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट अनुराग राज (तत्कालीन एएसपी अभियान, खूंटी) शामिल हैं। 
  • विशिष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक : 
    • पारस नाथ ओझा (एटीएस, राँची)  
  • सराहनीय सेवा के लिये पुलिस पदक : 
    • वर्ष 2021 के लिये साकेत कुमार सिंह (तत्कालीन आईजी अभियान झारखंड पुलिस, वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर), कैलाश प्रसाद (कॉन्स्टेबल, आईआरबी-5 गुमला), चालक कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र नाथ (एसटीएफ, राँची), कॉन्स्टेबल रामजन्म प्रसाद (जेएपीटीसी, पदमा) शामिल हैं।
    • इनके अलावा हवलदार तिल प्रसाद जायसी (जैप-1, राँची), एएसआई मनोज कुमार दास (बोकारो), एएसआई सुनील कुमार राय (लातेहार), हवलदार नंदजी यादव (एसटीएफ, राँची), डीएसपी संचामन तमांग (विशेष शाखा), इंस्पेक्टर इम्तियाज अहसन (एसीबी राँची) शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मिसल बंदोबस्त अब मोबाइल पर : रायपुर ज़िले का ऑनलाइन पोर्टल शुरू

चर्चा में क्यों?

16 अगस्त, 2023 को रायपुर ज़िला प्रशासन ने ज़िले का मिसल बंदोबस्त ऑनलाइन पोर्टल शुरू कर दिया है। इस पोर्टल से अब लोग आसानी से अपनी ज़मीनों का रिकॉर्ड मोबाईल पर ही देख सकते हैं और उसे डाउनलोड कर सकेंगे। 

प्रमुख बिंदु  

  • रायपुर ज़िला कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने बताया कि लोगों को अपनी कई दस्तावेज़ी ज़रूरतों के लिये वर्ष 1929-1945 के पुराने मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड की ज़रूरत पड़ती है और उन्हें इसके लिये कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं, परंतु अब यह रिकॉर्ड ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है। लोग इसे अब अपने मोबाइल पर ही देख और डाउनलोड कर सकते हैं। डाउनलोड किये गए दस्तावेज़ के प्रिंट भी लिये जा सकते हैं।   
  • मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड पोर्टल का लिंक https://revenue.cg.nic.in/missal/ है, जिसमें प्रदान की गई व्यवस्था में रिकॉर्ड खोजें ग्राम वार एवं रिकॉर्ड खोजें नाम वार के माध्यम से सामान्य जन अपने कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से वर्ष 1929-1945 के अपने रिकॉर्ड आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।  
  • मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड ऑनलाइन चेक करने के लिये सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइटी https://revenue.cg.nic-in/missal/ पर जाएँ। होम पेज पर आपको पूछी गई जानकारियों, जैसे- ज़िला, तहसील, राजस्व नंबर, प.ह.नं, गाँव, अभिलेख का चुनाव करें।
  • सभी पूछी गई जानकारियों को दर्ज करके खोजें पर क्लिक करने से स्क्रीन पर मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड लिस्ट खुल जाती है। खुले हुए पेज में नाम ढूंढें और उसके आगे सेलेक्ट लिखा होगा, वहाँ क्लिक करें। लाभार्थी लिस्ट को डाउनलोड भी कर सकते हैं व प्रिंट के ऑप्शन पर जाकर प्रिंटआउट भी निकाल सकते हैं।


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ देश में मत्स्य बीज उत्पादन में पाँचवें और मत्स्य उत्पादन में छठवें स्थान पर

चर्चा में क्यों? 

16 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य मछली बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है एवं पूरे देश में मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में पाँचवें स्थान तथा मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में छठवें स्थान पर है। 

प्रमुख बिंदु  

  • छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिये जाने से मत्स्य पालकों को ब्याज मुक्त ऋण तथा अन्य सुविधाएँ मिलने से मत्स्य पालन की लागत में कमी आई है और मछुआरों की आमदनी बढ़ी है।  
  • प्रदेश में मछली पालन के लिये 2 लाख हेक्टेयर से अधिक जल क्षेत्र उपलब्ध है। मत्स्य बीज उत्पादन के लिये 86 हेचरी, 59 मत्स्य बीज प्रक्षेत्र, 647 हेक्टेयर संवर्धन पोखर उपलब्ध हैं, जहाँ उन्नत प्रजाति के 330 करोड़ मछली बीज फ्राई का उत्पादन किया जा रहा है।  
  • राज्य की आवश्यकता 143 करोड़ की है। शेष 187 करोड़ मछली बीज अन्य राज्यों को निर्यात किये जा रहे हैं।  
  • छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के समय मात्र 93 हज़ार मेट्रिक टन मत्स्य का उत्पादन होता था, वर्तमान में लगभग 6 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन होने लगा है। मत्स्य उत्पादन में यह वृद्धि साढ़े छह गुना है।  
  • मत्स्य पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर देश में बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवॉर्ड भी मिला है।   
  • राज्य के 19 सिंचाई जलाशयों एवं दो खदानों में कुल 4021 केज स्थापित किये जा चुके हैं। पंगेशियस, मोनोसेक्स तिलापिया जैसी मछलियों का पालन एवं जलाशयों में केज कल्चर के माध्यम से सीमित जल संसाधन में अधिक मत्स्य उत्पादन प्राप्त करने में सहायता प्राप्त हुई है।  
  • राज्य में ग्रामीण तालाबों में प्रति हेक्टेयर औसत मत्स्य उत्पादन 4017 कि.ग्रा. एवं सिंचाई जलाशयों में 240 कि.ग्रा. उत्पादन है, जो देश के औसत उत्पादन से अधिक है।  
  • कांकेर ज़िले के कोयलीबेड़ा विकासखंड में मछली पालन की क्लस्टर आधारित खेती विकसित हो रही है, जहाँ 3000 से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। 
  • बांगों सिंचाई डैम में एक हज़ार केज स्थापित किये गए हैं। इस डैम के डुबान क्षेत्र के विस्थापित मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों को कुछ साल पहले तक मत्स्य पालन में आमदनी के लिये खूब मेहनत करनी पड़ती थी। इसके बावजूद उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता था।  
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब इस क्षेत्र के ग्राम सतरेंगा आए तो उन्होंने मात्स्यिकी समूहों की आवश्यकताओं को समझा और मछुआ समूहों को 1000 नग केज उपलब्ध कराने की घोषणा की।  
  • मुख्यमंत्री की घोषणा उपरांत ज़िला खनिज संस्थान न्यास कोरबा एवं विभागीय सहयोग से बांगो सिंचाई जलाशय के ग्राम सतरेंगा में 100 नग, ग्राम गढ़उपरोड़ा में 100 नग तथा निउमकछार में 800 नग केज स्थापना का कार्य पूर्ण किया गया तथा बांगो सिंचाई जलाशय के आस-पास के विस्थापित मछुआ सहकारी समिति के 200 सदस्यों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये मत्स्य पालन के व्यवसाय से जोड़ा गया। परिणामस्वरूप मछुआ समूहों की आमदनी पहले की अपेक्षा बहुत बढ़ गई है और वे आत्मनिर्भरता की राह में आगे बढ़ रहे हैं।  
  • प्रत्येक हितग्राही को 5-5 नग केज आवंटित हैं, प्रत्येक केज में 5000 नग तिलापिया मोनोसेक्स/पंगेशियस मत्स्य बीज संचित कर मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है तथा प्रत्येक केज से लगभग 2000 कि.ग्रा. मत्स्य उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है।  
  • वर्ष 2022-23 में प्रत्येक हितग्राही को आवंटित केज से मत्स्य उत्पादन से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति बेहतर हो रही है।

  


उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के एसआई भगवान सिंह को मिला केंद्रीय गृहमंत्री पदक

चर्चा में क्यों?

15 अगस्त, 2023 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तराखंड पुलिस के उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर को ऑनर किलिंग करने वालों को मृत्युदंड दिलाने के लिये केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया। 

प्रमुख बिंदु  

  • उन्हें यह पदक गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन कैटेगरी में दिया गया।  
  • विदित है कि 18 मई, 2018 को हरिद्वार के खानपुर में स्वजनों के विरुद्ध जाकर शादी करने पर दो सगे भाईयों कुलदीप व अरुण और ममेरे भाई राहुल ने अपनी बहन प्रीति की कुल्हाड़ी व फावड़े से काटकर नृशंस हत्या कर दी थी।  
  • इस संबंध में मृतका के पति बृजमोहन की तहरीर पर थाना खानपुर में अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिसकी विवेचना तत्कालीन समय में थानाध्यक्ष खानपुर के पद पर तैनात उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर द्वारा की गई थी।  
  • उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर द्वारा त्वरित गति से विवेचना करते हुए अभियुक्तों के विरुद्ध 13 अगस्त, 2018 को आरोप-पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित कर दिया गया।  
  • उनके द्वारा एकत्र किये  गए साक्ष्यों, समय पर प्रस्तुत किये गवाहों, वैज्ञानिक साक्ष्य एवं ठोस पैरवी के अधार पर माननीय अपर सत्र न्यायाधीश लक्सर, हरिद्वार द्वारा अभियुक्त कुलदीप, अरुण व राहुल को धारा 302 भादवि के रेयरेस्ट ऑफ रेयर श्रेणी के अपराध के लिये मृत्युदंड एवं अर्थदंड से दंडित किया गया था।


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