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मुख्यमंत्री ने 61 पत्रकारों को श्रमवीर सम्मान से किया सम्मानित
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस के कॉन्क्लेव हॉल में आयोजित श्रमवीर सम्मान 2022-23 समारोह में जांजगीर-चांपा ज़िले के ग्राम पिहरीद में राहुल साहू के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रिकॉर्ड 109 घंटे जीवंत कवरेज करने वाले 61 पत्रकारों को श्रमवीर सम्मान से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम का आयोजन भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व वेब मीडिया का राष्ट्रीय संगठन) की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा किया गया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिलाने के लिये जल्द पहल की जाएगी। पत्रकारों की इस मांग का अध्ययन कर शीघ्र उचित निर्णय लिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र या बजट सत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून लाया जाएगा।
- वर्तमान में मरीज़ों के इलाज के लिये सहायता उपलब्ध कराने हेतु राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाएँ संचालित की जा रही हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जांजगीर-चांपा के पिहरीद गाँव में बालक राहुल साहू के बोरवेल में गिरने की घटना के समय शासन-प्रशासन के साथ सभी लोगों (पत्रकार, व्यवसायी, समाजसेवी) ने, जिससे जो बन पड़ा सहायता की। 109 घंटे लंबे समय तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल का सकुशल लौट आना देश में इकलौता उदाहरण है।
- इस लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पत्रकारों ने अनेक कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करते हुए पल-पल की सकारात्मक रिपोर्ट़िग की और पूरे प्रदेश, देश और दुनिया तक सूचना पहुँचाई।
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मुख्यमंत्री ने आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ पर जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी का किया शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
15 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के कचहरी चौक स्थित टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ पर आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- यह प्रदर्शनी देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारियों की स्मृति में आयोजित की गई है।
- इस प्रदर्शनी में आज़ादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारियों का योगदान, अमर क्रांतिकारियों के महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनकी जीवन यात्रा, जंगल सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन एवं स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में उनके योगदानों को प्रदर्शित किया गया है।
- छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह, छत्तीसगढ़ के मंगल पांडे कहे जाने वाले हनुमान सिंह, शहीद वीर गुंडाधुर, श्री बिरसा मुंडा, वीर सुरेंद्र साय, ठाकुर प्यारे लाल सिंह, श्री ई. राघवेंद्र राव, डॉ. खूबचंद बघेल, श्री यतियतन लाल, बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव, बैरिस्टर छेदीलाल, पं. माधवराव सप्रे, श्री परसराम सोनी, श्री रामप्रसाद पोटाई, महंत लक्ष्मी नारायण दास, श्री बिसाहू दास महंत, श्री धनीराम वर्मा, श्री वामनराव बलिराम लाखे, सेठ शिवदास डागा, पंडित रविशंकर शुक्ल, रायपुर की प्रथम महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राधा बाई सहित छत्तीसगढ़ के अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को सचित्र प्रदर्शित किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास से जुड़ी जानकारी भी सचित्र प्रदर्शित की गई है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को यह जानना बेहद ज़रूरी है कि छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। यह प्रदर्शनी आज की पीढ़ी को इससे अवगत कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
- गौरतलब है कि 15 से 21 अगस्त तक कचहरी चौक स्थित टाउन हॉल में यह प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। हमर तिरंगा अभियान पर केंद्रित फिल्म का प्रदर्शन भी प्रदर्शनी स्थल पर किया जा रहा है।
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राज्य के 422 स्कूलों में लागू होगी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना
चर्चा में क्यों?
15 अगस्त, 2022 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के विद्यार्थियों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिये आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व राज्य के 422 स्कूलों में ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना’ लागू किये जाने की घोषणा की, जिसमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना’ से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है। विगत वर्ष राज्य सरकार ने 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़ाकर 279 स्कूलों तक पहुँच चुकी है। इनमें से 32 स्कूल हिन्दी माध्यम के हैं तथा 247 स्कूलों में हिन्दी के साथ अंग्रेज़ी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है।
- इस वर्ष 2 लाख 52 हज़ार 600 बच्चों ने इन स्कूलों में प्रवेश लिया है, जिनमें 1 लाख 3 हज़ार बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम तथा 1 लाख 49 हज़ार 600 बच्चे हिन्दी माध्यम के हैं।
- इस योजना की सफलता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अधिक-से-अधिक स्कूलों को इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व 422 स्कूलों में यह योजना लागू होगी, जिनमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे और इनमें दंतेवाड़ा ज़िले के शत-प्रतिशत शासकीय हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल होंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।
- बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने के लिये राज्य सरकार ने हिन्दी के अलावा 16 स्थानीय भाषाओं में तथा 4 पड़ोसी राज्यों की भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित कराई हैं।
- ‘नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना’ के तहत कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक सभी शासकीय-अशासकीय शालाओं तथा कक्षा आठवीं तक मदरसों के बच्चों को लगभग 52 लाख पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जा रही हैं।
- नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली 1 लाख 55 हज़ार छात्राओं को इस वर्ष नि:शुल्क साइकिल देने का लक्ष्य रखा गया है।
- स्कूली शिक्षा को रोज़गारमूलक बनाने के लिये उसका आईटीआई के साथ समन्वय किया गया है, ताकि स्कूली शिक्षा और आईटीआई प्रशिक्षित होने का प्रमाण-पत्र एक साथ प्राप्त हो सके। इस योजना के तहत 114 हायर सेकेंडरी स्कूलों को जोड़ा जा चुका है।
- उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये 1 हज़ार 459 सहायक प्राध्यापकों, क्रीड़ा अधिकारियों और ग्रंथपालों की नियुक्ति की गई है। अतिथि व्याख्याताओं का मानदेय बढ़ाया गया है। सभी ज़िलों में कन्या महाविद्यालय खोलने के क्रम में मुंगेली ज़िले में नया कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किया गया है।
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