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पी.के. अग्रवाल
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2021 को हरियाणा पुलिस के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक पी.के. अग्रवाल ने पंचकूला पुलिस मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर के बाद अपना पदभार संभाल लिया।
प्रमुख बिंदु
- 15 अगस्त, 2021 को हरियाणा सरकार ने पी.के. अग्रवाल को पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्त किया था। उन्हें मनोज यादव के स्थान पर डीजीपी बनाया गया है।
- हरियाणा सरकार ने संघ लोग सेवा आयोग को पाँच आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा था। इसमें आईपीएस शत्रुजीत कपूर और देशराज का नाम भी शामिल था, लेकिन यूपीएससी ने दोनों को अंतिम तीन में शामिल नहीं किया था।
- संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने वरिष्ठता का पैमाना बनाते हुए नए डीजीपी की नियुक्ति के लिये तीन नामों का पैनल हरियाणा सरकार को भेजा था, जिसमें आईपीएस पी.के. अग्रवाल, रमेश चंद्र मिश्रा और मोहम्मद अकील के नाम शामिल थे।
- 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी अग्रवाल मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। अभी तक वह डीजी स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के पद पर कार्यरत् थे। वे 30 जून, 2023 को सेवानिवृत्त होंगे।
- पी.के. अग्रवाल को 2004 में पुलिस मेडल और 2015 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
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‘परिवर्तन’ परियोजना
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम में ‘परिवर्तन’ परियोजना का उद्घाटन किया, जिसके तहत पहले चरण में 600 डीज़ल से चलने वाले तिपहिया वाहनों को ई-थ्री व्हीलर से बदला जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इस पहल के तहत गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी), गुरुग्राम क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण और यातायात पुलिस के संयुक्त प्रयासों से गुरुग्राम में डीज़ल तिपहिया वाहनों के स्थान पर ई-ऑटो रिक्शा चलेंगे।
- परिवर्तन परियोजना के तहत यह अभियान गुरुग्राम से शुरू किया गया है और 5,000 ई-वाहन चलाने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना न केवल गुरुग्राम में, बल्कि हरियाणा के अन्य महानगरों में भी शुरू की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत पुराने डीज़ल ऑटो रिक्शा को ई-ऑटो रिक्शा या ई-रिक्शा में बदला जाएगा। इसके लिये एमसीजी और ‘फेम इंडिया’से सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान किया गया है और बैंकों के माध्यम से ऋण की व्यवस्था भी की जा रही है।
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‘अपशिष्ट से ऊर्जा’ संयंत्र
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री ने गन्नौर में स्थापित ‘अपशिष्ट से ऊर्जा’संयंत्र का गुरुग्राम से डिजिटल उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- 176.87 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित इस ‘अपशिष्ट से ऊर्जा’ संयंत्र को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर तैयार किया गया है।
- इस प्लांट में सोनीपत और पानीपत ज़िले के स्थानीय निकायों से निकलने वाले कचरे का निस्तारण किया जाएगा और बिजली भी पैदा की जाएगी।
- इस परियोजना से प्रतिदिन 750 टन अपशिष्ट का निपटान होगा, साथ ही इससे 8 मेगावॉट बिजली का भी उत्पादन होगा, जो ग्रिड को दी जाएगी।
- इसका रियायतग्राही जेबीएम एनवायरो है तथा परियोजना की रियायत अवधि 22 वर्ष है। इस संयंत्र से 2035 तक प्रतिदिन 750 टन कचरे का निस्तारण किया जाएगा।
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