प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Jul 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

ASI ने भोजशाला सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) ने विवादित भोजशाला-कमाल-मौला मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को सौंपी।

मुख्य बिंदु:

  • सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में परमार वंश/काल (9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच) की मध्यकालीन संरचना के अवशेष हैं। इस स्थल का निर्माण और विकास राजा भोज ने धार ज़िले में किया था।
  • लगभग 98 दिनों तक चले सर्वेक्षण में लगभग 1700 अवशेष और अन्य साक्ष्य सामने आए।
    • खोजी गई नक्काशी में विविध प्रकार की छवियाँ शामिल थीं, जिनमें देवताओं की अपवित्र मूर्तियाँ, कलाकृतियाँ और अन्य अवशेष (मानव एवं पशु आकृतियाँ) शामिल थीं।
    • रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजशाला की मौजूदा संरचना मूलतः एक मंदिर थी तथा यह साहित्यिक और शैक्षिक गतिविधियों का केंद्र भी थी।
  • हिंदू समुदाय भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानते है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते है।

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI)

  • संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत के पुरातात्त्विक अनुसंधान और संरक्षण के लिये प्रमुख संगठन है।
  • यह 3650 से अधिक प्राचीन स्मारकों, पुरातात्त्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्त्व के अवशेषों का प्रबंधन करता है।
  • इसकी गतिविधियों में पुरातात्त्विक अवशेषों का सर्वेक्षण, पुरातात्त्विक स्थलों की खोज और उत्खनन, संरक्षित स्मारकों का संरक्षण एवं रखरखाव आदि शामिल हैं।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1861 में ASI के पहले महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा की गई थी। अलेक्जेंडर कनिंघम को “भारतीय पुरातत्त्व का जनक” भी कहा जाता है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2