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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Jul 2023
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शत-प्रतिशत जन्म एवं मृत्यु निबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु अभियान का शुभारंभ एवं ‘झारखंड ए स्टैटिस्टिकल प्रोफाइल 2022’ का विमोचन

चर्चा में क्यों? 

14 जुलाई 2023 को झारखंड के वित्तमंत्री डॉ.रामेश्वर उराँव ने प्रोजेक्ट भवन, राँची में जन्म-मृत्यु निबंधन के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने एवं निबंधन से संबंधित व्यापक जन-जागरूकता पैदा करने के तहत विशेष अभियान का शुभारंभ किया तथा अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, झारखंड के द्वारा निर्मित ‘झारखंड ए स्टैटिस्टिकल प्रोफाईल 2022’ का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • यह अभियान 14 जुलाई, 2023 से 14 अगस्त, 2023 तक चलेगा।
  • इस विशेष जागरूकता अभियान के दौरान राज्य के सभी 4962 जन्म-मृत्यु निबंधन इकाइयों में पोस्टर, बैनर आदि लगाकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि शत-प्रतिशत निबंधन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। 
  • इस कार्य में सभी घोषित सूचकों यथा आंगनबाड़ी सेविका, सहिया तथा स्कूलों के प्रधानाध्यापक को जन्म सूचना प्रपत्र -1 एवं मृत्यु सूचना प्रपत्र -2 भरकर संबंधित निबंधक (जन्म-मृत्यु) को उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। 
  • सूचकों से प्राप्त सूचना प्रपत्र की जाँच कर सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर निबंधक जन्म एवं मृत्यु का निबंधन करना सुनिश्चित करेंगे, तत्पश्चात संबंधित व्यक्ति को जन्म/मृत्यु प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायेंगे। 
  • अभियान का प्रचार-प्रसार चलित वाहनों के द्वारा भी किया जाएगा। 
  • सभी महत्त्वपूर्ण स्थलों पर बैनर, पोस्टर के अतिरिक्त डिजिटल स्क्रीन पर जन्म-मृत्यु निबंधन से संबंधित सूचना एवं जानकारी प्रसारित की जाएगी। 
  • ORGI, New Delhi के निर्देश के आलोक में जन्म एवं मृत्यु का शत-प्रतिशत निबंधन कराना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
  • उल्लेखनीय है कि इस तरह का विशेष अभियान राज्य में पहली बार आयोजित किया जा रहा है, ताकि सभी आम जन जन्म- मृत्यु निबंधन के महत्त्व एवं उससे प्राप्त होने वाले लाभ से अवगत हो सकें। 
  • जन्म-मृत्यु निबंधन कराना बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसके नहीं होने से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई ऐसे लोग हैं, जिनकी जन्म तिथि अंदाज पर उनके स्कूल आदि में दर्ज हो गया। वही उनका जन्म प्रमाण-पत्र हो गया। इससे उनके 60 वर्ष पूर्ण होने से पहले ही उन्हें स्कूल जन्म प्रमाण-पत्र के आधार पर रिटायरमेंट मिल गया।  
  • वहीं कई जगह ऐसे भी उदाहरण मिल जाते हैं कि छोटे एवं बड़े भाई बहन दोनों का जन्म का दिवस एक ही है। सरकार द्वारा इन सभी तरह की समस्याओं के निराकरण हेतु इस अभियान को चलाया जा रहा है।  
  • जन्म के साथ-साथ मृत्यु का भी निबंधन कराना बहुत महत्वपूर्ण है। यह पूर्वजों की संपत्ति प्राप्त करने, कोर्ट कचहरी के मामले में महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ के रूप में काम आता है। साथ ही मृत्यु प्रमाण-पत्र का बैंक एवं एलआईसी की पॉलिसी में भी महती भूमिका है। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान का मुख्य लक्ष्य यही है कि लोगों को जागरूक किया जाए, ताकि इसके लक्ष्य की प्राप्ति हो सके। 
  • शिक्षा विभाग के सचिव के रविकुमार ने बताया कि सभी स्कूलों में बच्चों के जन्म का निबंधन इस अभियान के माध्यम से होगा। राज्य में हर साल करीब 6 लाख छोटे बच्चों का नामांकन होता है। सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को इस संबंध में निर्देशित किया गया है।   
  • चुनाव आयोग भी 31 जुलाई से मतदाता पुनरीक्षण अभियान चला रहा है। ऐसे में जन्म एवं मृत्यु निबंधन अभियान से आयोग भी समन्वय स्थापित कर मतदाता सूची अपग्रेड कर सकेगा।  
  • यूनिसेफ की राज्य प्रमुख कनीनिका मित्र ने बताया कि जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य है। इसके लिये 1969 में कानून बनाया गया था। जन्म का पंजीकरण हर बच्चे का अधिकार है। यह एक कानूनी दस्तावेज़ होता है। पूरे राज्य में इस अभियान से लोगों को लाभ होगा और सरकार के पास राज्य की जनसंख्या के बारे में एक पुख्ता जानकारी उपलब्ध रहेगी।  
  • इस अवसर पर माननीय वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, झारखंड के द्वारा निर्मित ‘झारखंड ए स्टैटिस्टिकल प्रोफाईल 2022’ का विमोचन किया।  
    • इस पुस्तक के विषय में जानकारी देते हुए निदेशक सह अपर मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म - मृत्यु) राजीव रंजन ने बताया कि इस पुस्तक में वित्तीय वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 के आंकड़ों को शामिल किया गया है।  
    • इस पुस्तक में अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा कृषि सांख्यिकी, जीवनांक,  राज्य की आय, कृषि श्रमिकों की दैनिक मजदूरी एवं औद्योगिक सांख्यिकी से संबंधित आँकड़ों को शामिल किया गया है।   
    • इसके अतिरिक्त इस पुस्तक में विभिन्न विभागों यथा स्वास्थ्य, ऊर्जा, पथ, खान, पशुपालन, जल संसाधान, शिक्षा, ग्रामीण कार्य, यातायात, ग्रामीण विकास, पर्यटन, पेयजल एवं स्वच्छता, समाजिक सुरक्षा, वन, सहकारिता, पंचायती राज, वाणिज्य कर, खाद्य आपूर्ति, रोज़गार एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित आँकड़ों को शामिल किया गया है।   
    • निदेशालय के द्वारा प्रयास किया गया है कि इस पुस्तक में सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति से संबंधित आँकड़ों को शामिल किया जाए। 
    • इस पुस्तक में 28 चैप्टर हैं, जिसमें विभिन्न विभागों के आँकड़े प्रकाशित किये गए हैं। यह पुस्तक योजना बनाने वाले, शोधकर्त्ता, आर्थिक एवं वित्तीय नीति निर्धारकों, प्रशासकों एवं अर्थशास्त्रियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगी।

 


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‘मुख्यमंत्री सारथी योजना’ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों? 

15 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आर्यभट्ट सभागार, राँची विश्वविद्यालय में विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण देकर रोज़गार एवं स्वरोज़गार से जोड़ने हेतु ‘मुख्यमंत्री सारथी योजना’ का शुभारंभ किया।  

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य है- राज्य के युवा अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभा को निखार कर स्वावलंबन का मार्ग बिरसा केंद्र (Block Level Institute for Rural Skill Acquisition) के माध्यम से प्रशस्त कर सकें।  
  • इस योजना के प्रथम चरण (2023- 24) में राज्य के 80 प्रखंडों में योजना का शुभारंभ हुआ है। आगामी दिनों में राज्य के सभी प्रखंडों में बिरसा योजना संचालित किया जाएगा।  
  • मुख्यमंत्री सारथी योजना का लाभ सभी वर्ग के युवा नि:शुल्क ले सकेंगे। इसके लिये सरकार द्वारा पात्रता तय की गई है। सामान्य श्रेणी के 18-35 वर्ष के युवक/युवतियों एवं आरक्षित श्रेणी (ST/SC/OBC) के 50 वर्ष तक के पुरुष/महिलाओं के लिये प्रखंड स्तर पर कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।  
  • प्रशिक्षण के बाद सफल युवक/युवतियों को तीन माह के अंदर नियोजन नहीं होने की स्थिति में रोज़गार प्रोत्साहन भत्ता के रूप में युवकों को 1000 रुपए और युवतियों/दिव्यांग/परलैंगिक को प्रतिमाह 1500 रुपए अधिकतम एक वर्ष के लिये Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से दी जाएगी। 
  • इसके साथ ही, गैरआवासीय प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों को उनके घर से प्रशिक्षण केंद्र तक आने-जाने के लिये प्रतिमाह 1000/- डीबीटी के माध्यम से भेजे जाने का प्रावधान है।

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झारखंड की तीरंदाज रीता सवैयां का वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के लिये इंडिया टीम में चयन

चर्चा में क्यों?

15 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के पश्चिम सिंहभूम ज़िले के चाईबासा के सिकुरसाई के तुरतुंग तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र की रीता सवैयां का चयन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स (विश्व विश्वविद्यालय खेलों) के लिये भारतीय टीम में हुआ है। 

प्रमुख बिंदु  

  • रीता सावैयां 28 जुलाई से 8 अगस्त तक चीन के चेंगदू शहर में आयोजित होने वाले वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारतीय तीरंदाजी टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी। 
  • विदित है कि भुवनेश्वर के किट यूनिवर्सिटी में 14-15 जून को आयोजित सेलेक्शन ट्रायल में रीता ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम में अपनी जगह पक्की की थी।  
  • रीता सवैयां दूसरी बार किसी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी। मार्च 2018 में वह बांग्लादेश (ढाका) में आयोजित तीसरे एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण पदक दिला चुकी है।  
  • रीता सवैयां पश्चिम सिंहभूम ज़िले के तांतनगर प्रखंड की छोटा कोयता गाँव की रहने वाली हैं। 
  • वर्तमान में रीता हरियाणा के सोनीपत नेशनल सेंटर ऑफ एक्सलेंस में अभ्यास कर रहीं हैं। साथ ही वह गुरुकाशी यूनिवर्सिटी तलवंडी (बठिंडा) पंजाब में पढ़ती हैं।  


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