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गौठानों में गोबर से 2,74,313 लीटर प्राकृतिक पेंट उत्पादित
चर्चा में क्यों?
16 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिये स्थापित गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिये क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 2,74,313 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिये स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन तेजी से होने लगा है।
- क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 2,74,313 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 2,10,843 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 4 करोड़ 34 लाख 79 हज़ार रुपए की आय हुई है।
- राज्य में फिलहाल 64 प्राकृतिक पेंट की इकाईयों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 51 यूनिट स्थापित हो चुकी है, जबकि 47 इकाईयों में पेंट उत्पादन किया जा रहा है। निर्माणाधीन 13 पेंट यूनिटों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है।
- ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गौठानों में गोबर खरीदी के साथ-साथ 4 रुपए लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है।
- गौठानों में अब तक 8 लाख 57 हज़ार 88 रुपए में 2 लाख 14 हज़ार 272 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है, जिससे महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 91,630 लीटर कीट नियंत्रक ‘ब्रम्हास्त्र’ और 34,590 लीटर वृद्धिवर्धक ‘जीवामृत’ का उत्पादन किया जा चुका है, जिसका विक्रय किया जा रहा है।
- इससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य के किसानों द्वारा अब तक 88,227 लीटर जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 32,765 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत क्रय कर खेती में उपयोग किया गया है।
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