छत्तीसगढ़ Switch to English
‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ का आठवाँ चरण शुरू
चर्चा में क्यों
15 जून, 2023 को प्रदेश में ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ का आठवाँ चरण शुरू हुआ। इसके साथ ही राज्य में ‘सघन कुष्ठ रोग अभियान’ और ‘राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान’ भी शुरू हुआ।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मलेरिया के मामलों को निम्नतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्रदेश में लगातार इस अभियान को चलाया जा रहा है।
- बस्तर संभाग के सभी सातों ज़िलों सहित प्रदेश के कुल 23 ज़िलों में 15 जून से 10 जुलाई (25 दिनों) तक यह अभियान संचालित किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा करीब 22 लाख लोगों की मलेरिया जाँच की जाएगी।
- प्रदेश के सभी 33 ज़िलों के 146 विकासखंडों में ‘राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान’ व ‘सघन कुष्ठ खोज अभियान’ भी संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। इस दौरान कुष्ठ के संदेहास्पद रोगियों की पहचान कर जाँच व उपचार किया जाएगा। अभियान के दौरान नेत्र रोगियों की पहचान कर समुचित इलाज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आठवें चरण में प्रदेश के लगभग 22 लाख लोगों की मलेरिया जाँच का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये प्रदेश भर में 2854 टीमों का गठन किया गया है। मलेरिया से ज्यादा प्रभावित बस्तर संभाग में 1539 और अन्य 16 ज़िलों में 1315 टीमें बनाई गई हैं।
- अभियान के दौरान 274 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 904 उप स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत मलेरिया की जाँच व उपचार के लिये दल सक्रिय रहेंगे। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम और मितानिनें घर-घर जाकर मलेरिया की जाँच करेंगी।
- सर्वे दलों द्वारा मलेरिया से बचाव के लिये लोगों को जागरूक कर उन्हें मच्छरदानी के नियमित उपयोग के लिये प्रेरित किया जाएगा। इस दौरान गाँवों में घरों के आसपास जमा पानी और नालियों में बीटीआई व जले हुए तेल का छिड़काव भी किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी घरों में कुष्ठ और नेत्र रोगों के संभावित मरीजों की भी जानकारी लेंगी।
- उल्लेखनीय है कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले सात चरणों में कुल एक करोड़ 41 लाख मलेरिया जाँच की गई हैं। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए एक लाख 49 हज़ार मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराया गया।
- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हज़ार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हज़ार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हज़ार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हज़ार, पाँचवें चरण में 14 लाख 36 हज़ार, छठवें चरण में 43 लाख 61 हज़ार और सातवें चरण में नौ लाख 34 हज़ार लोगों की मलेरिया जाँच की है।
- इस दौरान पहले चरण में पॉजिटिव पाए गए 64 हज़ार 646, दूसरे चरण में 30 हज़ार 076, तीसरे चरण में 16 हज़ार 148, चौथे चरण में 11 हज़ार 363, पाँचवे चरण में 11 हज़ार 321, छठवें चरण में 7479 एवं सातवें चरण में 7974 मलेरिया पीड़ितों का तत्काल उपचार किया गया।
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