उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रदेश में खुलेगी ओपन जेल
चर्चा में क्यों
15 जून, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि जेलों को ‘सुधार गृह’के रूप में स्थापित किया जाए। साथ ही, उन्होंने ओपन जेल की स्थापना के लिये विधिवत प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपन जेल की स्थापना उपयोगी हो सकती है। वर्तमान में लखनऊ में एक सेमी ओपन जेल संचालित है। ओपन जेल की स्थापना के लिये विधिवत प्रस्ताव तैयार करें।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलों में मोबाइल के इस्तेमाल पर कड़ी सजा का नियम बनाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कुख्यात आतंकियों और शातिर अपराधियों की गहन निगरानी के लिये हाई सिक्योरिटी बैरक बनाने के निर्देश दिये हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए प्रिजन एक्ट तैयार करके लागू किया जाए। वर्तमान में जेल अधिनियम 1894 और कैदी अधिनियम 1900 आज़ादी के पूर्व से प्रचलन में हैं। भविष्य के दृष्टिगत नया अधिनियम लागू करने की आवश्यकता है।
- उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में मॉडल प्रिजन अधिनियम 2023 तैयार किया है। यह कैदियों के सुधार तथा पुनर्वास की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है। इसके अनुरूप प्रदेश का नया प्रिजन एक्ट तैयार किया जाए।
- कैबिनेट ने विगत दिनों नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है। कैदियों का सुरक्षा मूल्यांकन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, कैदियों के प्रति व्यवहार में बदलाव एवं महिला कैदियों व ट्रांसजेंडर आदि के लिये अलग आवास का प्रावधान जैसी व्यवस्था लागू की जाए।
- उन्होंने कहा कि जेल में अच्छे आचरण को प्रोत्साहित करने के लिये कैदियों को कानूनी सहायता, पेरोल और समय से पहले रिहाई का लाभ मिलना चाहिये। नए एक्ट में इसका प्राविधान हो।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदियों के प्रवेश एवं निकास ई-प्रिजन के माध्यम से कराए जा रहे हैं। प्रिजनर्स इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम, विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम, ई-अभिरक्षा प्रमाण-पत्र, पुलिस इंटेलीजेंस सिस्टम भी लागू है। जेलों में 4200 से अधिक सीसीटीवी लगे हैं, जिनकी निगरानी मुख्यालय में स्थापित वीडियोवॉल से की जाती है। उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरों को वीडियोवॉल से एंटीग्रेट कर मॉनीटरिंग की जाए।
बिहार Switch to English
पटना में एक साथ स्मार्ट सिटी की 10 नयी योजनाओं को मिली मंजूरी
चर्चा में क्यों
13 जून, 2023 को नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव सह पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के चेयरमैन अरुनीष चावला की अध्यक्षता में हुई पटना स्मार्ट सिटी की 26वीं निदेशक मंडल की बैठक में पटना स्मार्ट सिटी की 10 नयी योजनाओं को मंजूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि एबीडी एरिया में आने वाले पुलों और फ्लाइओवर के नीचे आने वाले क्षेत्र का गैबियन और ग्रीन बेल्ट का विकास किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस कार्य को वन विभाग के द्वारा कराया जाएगा।
- बैठक में पटना स्मार्ट सिटी को सेल्फ सस्टेनेबल बनाने के लिये आईसीसीसी के विभिन्न कंपोनेंट्स का रेवेन्यू मॉडल बनाने के लिये प्रस्तावित आरएफपी और एनआईटी को प्रकशित करने की स्वीकृति दी गई। आईसीसीसी के कंपोनेंट्स जैसे वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले (वीएमडी), पीएएस (पब्लिक एड्रेसल सिस्टम) ओएफसी को रेवेन्यू मॉडल के अनुरूप दिये जाने को मंजूरी मिली है।
- द्वितीय गंगा रिवर बेसिन प्रोजेक्ट के तहत मिले परफॉर्मेंस बेस्ड इंसेंटिव से ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के ऑटोमेशन को मंजूरी मिली और पंपिंग स्टेशन के आईसीसीसी से एकीकृत किये के जाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई।
- स्मार्ट सिटी की इन 10 नयी योजनाओं को मिली मंजूरी–
- मीठापुर इलाके में कॉमन फैसिलिटी का विकास
- पटना स्मार्ट सिटी के एबीडी क्षेत्र की ड्रोन टेक्नोलॉजी माध्यम से थ्री डी मैपिंग कर आइट्रिपलसी से एकीकरण
- पटना जंक्शन के समीप शहरी यातायात को ट्रैफिक इंजीनियरिंग से सुविधायुत्त सुगम बनाना
- पटना जंक्शन के समीप बन रहे मल्टी मॉडल हब के लिये 30 इ-बस/सीएनजी बस का क्रय
- घर-घर कचरा उठाव के लिये आवश्यकतानुसार सीएनजी वाहनों का क्रय
- पटना शहर के स्ट्रीट लाइट के स्वचालन के लिये उसका आईट्रिपलसी से एकीकरण
- मल्टी मॉडल हब, मौर्या लोक एवं अन्य स्थानों के लिये थ्रीडी एलइडी डिस्प्ले का अधिष्ठापन
- पटना स्मार्ट सिटी के एबीडी में आने वाले फ्लाईओवर का सौंदर्यीकरण एवं इल्लुमिनेशन
- मौर्यालोक परिसर का पब्लिक हैप्पनिंग प्लेस की तर्ज पर पुनर्विकास
- गंगा पथ पर स्ट्रीट वेंडिंग ज़ोन एवं उससे जुड़ी सुविधाओं का विकास
राजस्थान Switch to English
पवन ऊर्जा के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान प्रथम पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों
15 जून, 2023 को केंद्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राजस्थान को पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वोत्कृष्ट कार्य किये जाने हेतु प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- ‘ग्लोबल विंड डे’(15 जून) के अवसर पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तत्वावधान में नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
- राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा भास्कर ए.सावंत ने केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव बी.एस.भल्ला से यह सम्मान प्राप्त किया।
- राज्य के ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा जारी निवेशोन्मुखी अक्षय ऊर्जा नीतियों के कारण राजस्थान सौर ऊर्जा में तो अव्वल है ही, साथ ही वर्ष 2022-23 में देश में सर्वाधिक पवन ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित कर पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
- इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए.सावंत ने अवगत कराया कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 867 मेगावाट क्षमता की नई पवन ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित की गई जो कि अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है।
- वर्ष 2022 में प्रदेश में 4337 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित की गई थी जो कि मार्च 2023 तक बढ़कर 5204 मेगावाट हो गई।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के 34 लाख विद्यार्थियों को मिलेगी राज्य छात्रवृत्ति
चर्चा में क्यों
15 जून, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस वर्ष प्रदेश में कक्षा 6 से 10 तक पढ़ने वाले पिछड़ा वर्ग के 34 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि प्रदेश में कक्षा 6 से 10 तक पढ़ने वाले पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के शैक्षणिक सुधार के लिये पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा राज्य छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। इस वर्ष इस योजना का लाभ 34 लाख विद्यार्थियों को दिलाया जाएगा।
- विभाग ने योजना के लिये इस वर्ष बजट में 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। विभाग ने पिछले वर्ष 2022-23 में इस योजना में 222 करोड़ रुपए की राशि, राज्य छात्रवृत्ति के रूप में खर्च की थी।
- योजना में इन वर्गों के उन विद्यार्थियों को राज्य छात्रवृत्ति का फायदा दिया जाता है, जिनके अभिभावक की आय, आयकर की सीमा में नहीं आती है।
- गौरतलब है कि पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यकों के विकास में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये तीन महान व्यक्तियों के नाम पर पुरस्कार योजना संचालित की जा रही है।
- योजना में चयनित समाज सेवियों को शहीद अशफाकउल्ला खां, कैप्टन हमीद खां और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
- योजना के क्रियान्वयन के लिये विभाग ने वर्ष 2023-24 में 47 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया है।
- पुरस्कारस्वरूप चयनित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राशि सम्मानस्वरूप प्रतीक-चिन्ह के साथ भेंट की जाती है।
- राज्य शासन ने यह पुरस्कार योजना वर्ष 2011-12 से प्रारंभ की है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ का आठवाँ चरण शुरू
चर्चा में क्यों
15 जून, 2023 को प्रदेश में ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ का आठवाँ चरण शुरू हुआ। इसके साथ ही राज्य में ‘सघन कुष्ठ रोग अभियान’ और ‘राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान’ भी शुरू हुआ।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मलेरिया के मामलों को निम्नतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्रदेश में लगातार इस अभियान को चलाया जा रहा है।
- बस्तर संभाग के सभी सातों ज़िलों सहित प्रदेश के कुल 23 ज़िलों में 15 जून से 10 जुलाई (25 दिनों) तक यह अभियान संचालित किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा करीब 22 लाख लोगों की मलेरिया जाँच की जाएगी।
- प्रदेश के सभी 33 ज़िलों के 146 विकासखंडों में ‘राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान’ व ‘सघन कुष्ठ खोज अभियान’ भी संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। इस दौरान कुष्ठ के संदेहास्पद रोगियों की पहचान कर जाँच व उपचार किया जाएगा। अभियान के दौरान नेत्र रोगियों की पहचान कर समुचित इलाज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आठवें चरण में प्रदेश के लगभग 22 लाख लोगों की मलेरिया जाँच का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये प्रदेश भर में 2854 टीमों का गठन किया गया है। मलेरिया से ज्यादा प्रभावित बस्तर संभाग में 1539 और अन्य 16 ज़िलों में 1315 टीमें बनाई गई हैं।
- अभियान के दौरान 274 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 904 उप स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत मलेरिया की जाँच व उपचार के लिये दल सक्रिय रहेंगे। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम और मितानिनें घर-घर जाकर मलेरिया की जाँच करेंगी।
- सर्वे दलों द्वारा मलेरिया से बचाव के लिये लोगों को जागरूक कर उन्हें मच्छरदानी के नियमित उपयोग के लिये प्रेरित किया जाएगा। इस दौरान गाँवों में घरों के आसपास जमा पानी और नालियों में बीटीआई व जले हुए तेल का छिड़काव भी किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी घरों में कुष्ठ और नेत्र रोगों के संभावित मरीजों की भी जानकारी लेंगी।
- उल्लेखनीय है कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले सात चरणों में कुल एक करोड़ 41 लाख मलेरिया जाँच की गई हैं। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए एक लाख 49 हज़ार मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराया गया।
- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हज़ार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हज़ार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हज़ार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हज़ार, पाँचवें चरण में 14 लाख 36 हज़ार, छठवें चरण में 43 लाख 61 हज़ार और सातवें चरण में नौ लाख 34 हज़ार लोगों की मलेरिया जाँच की है।
- इस दौरान पहले चरण में पॉजिटिव पाए गए 64 हज़ार 646, दूसरे चरण में 30 हज़ार 076, तीसरे चरण में 16 हज़ार 148, चौथे चरण में 11 हज़ार 363, पाँचवे चरण में 11 हज़ार 321, छठवें चरण में 7479 एवं सातवें चरण में 7974 मलेरिया पीड़ितों का तत्काल उपचार किया गया।
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