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मुख्यमंत्री ने किया शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
16 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- शाला प्रवेश उत्सव के साथ ही प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसरों में 6 हजार 536 बालवाड़ियों को भी शुरू किया।
- मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित चार जिलों- सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में डेढ़ दशक से बंद पड़े 260 स्कूलों को फिर से शुरू किया। इन स्कूलों में 11 हजार 13 बच्चों ने प्रवेश लिया है।
- बीजापुर जिले में सबसे अधिक 158, सुकमा जिले में 97, नारायणपुर जिले में 4 और दंतेवाड़ा जिले में एक बंद स्कूल फिर से खोला जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में महात्मा गांधी के आदर्शों पर आधारित स्कूलों में लगाए जाने वाले पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
- शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान ‘पढ़ाई तुंहर दुआर’ प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया था, जिसका अच्छा उपयोग शिक्षकों, पालकों और विद्यार्थियों ने किया।
- प्रदेश में शिक्षा की अधोसंरचना और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम के स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश में 171 अंग्रेजी माध्यम और 32 हिन्दी माध्यम के स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।
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जूनियर वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश की नंबर वन वेटलिफ्टर बनी ज्ञानेश्वरी
चर्चा में क्यों?
16 जून, 2022 को हिमाचल प्रदेश में चल रहे वेटलिफ्टिंग रैंकिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजनांदगांव की वेटलिफ्टर ज्ञानेश्वरी यादव ने जूनियर वर्ग के 49 किग्रा. भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश की नंबर वन वेटलिफ्टर बन गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रतियोगिता में ज्ञानेश्वरी ने सीनियर वर्ग के 49 किग्रा. भार वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया है। इस वर्ग में उन्होंने देश की नंबर वन वेटलिफ्टर मीराबाई चानू से मुकाबला किया था और सिल्वर मेडल पदक प्राप्त किया है।
- उल्लेखनीय है कि हाल ही में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ की ज्ञानेश्वरी यादव ने 164 किग्रा. वजन उठाकर अपने पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया था।
- इससे पहले ज्ञानेश्वरी ने ग्रीस के हेराक्लिओन शहर में 1 से 10 मई, 2022 तक आयोजित जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 49 किग्रा. भार वर्ग में स्नेच, क्लीन एंड जर्क स्पर्द्धा में 156 किग्रा. वजन उठाकर 3 सिल्वर मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ की पहली महिला वेटलिफ्टर बन गई हैं, जिन्होंने विदेशी धरती पर जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल का खिताब हासिल किया है।
- गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले के नगरोटा बगवाँ के रेनबो इंटरनेशनल स्कूल में 14 से 22 जून, 2022 तक राष्ट्रीय खेलो इंडिया वेटलिफ्टिंग रैंकिंग सीनियर, जूनियर व यूथ वर्ग की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।
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बोरवेल में फँसे बच्चे के रेस्क्यू ऑपरेशन पर बनेगी डॉक्यूमेंटरी फिल्म
चर्चा में क्यों?
16 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जांजगीर-चांपा ज़िले के बोरवेल में फँसे बच्चे को निकालने के लिये चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन पर डॉक्यूमेंटरी फिल्म बननी चाहिए।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने बोरवेल में फँसे बच्चे के रेस्क्यू ऑपरेशन में उल्लेखनीय भूमिका अदा करने वाले ज़िला प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, सेना और पुलिस के जवानों सहित इस ऑपरेशन में सहयोग देने वाले लोगों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए ये बात कही।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इस डॉक्यूमेंटरी फिल्म द्वारा रेस्क्यू टीम के अनुभव को प्रदेश और देश के लोग समझ सकेंगे। यह फिल्म भविष्य में ऐसी होने वाली घटनाओं को रोकने के लिये भी सीख बनेगी।
- कार्यक्रम में रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टेक्निकल टीम, लाइट, टेंट, जनरेटर, वेल्डिंग मशीन, गैस कटर, मशीनरी लेबर प्रोवाइडर, बोरवेल कैमरा सेटअप संचालक, ड्रीलिंग, पोकलेन चलाने वाले, एसईसीएल की रेस्क्यू टीम और फूड प्रोवाइडर्स को भी सम्मानित किया गया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे राहुल साहू को बोरवेल से निकालने वाले बालक अजरूल और पूरी टीम को राज्योत्सव में आमंत्रित किया जाएगा और वहाँ पर सभी को सम्मानित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि जांजगीर-चांपा ज़िले के ग्राम पिहरीद के बोरवेल में फँसे बच्चे राहुल साहू को बचाने के लिये 104 घंटे तक चला यह देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन है।
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’जगार-2022’: सिद्धहस्त शिल्पियों को वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 के राज्यस्तरीय पुरस्कार से नवाज़ा गया
चर्चा में क्यों?
16 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ पंडरी हाट बाज़ार परिसर में आयोजित दस दिवसीय ‘जगार-2022’ मेले में सिद्धहस्त शिल्पकारों को राज्यस्तरीय हस्तशिल्प पुरस्कार और आईआईसीडी जयपुर से उत्तीर्ण हुए बुनकर छात्रों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि 10 जून से 19 जून तक चलने वाले इस दस दिवसीय जगार मेले में छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों के शिल्पकारों एवं बुनकरों के विभिन्न उत्पाद के प्रदर्शन सह विक्रय के लिये 140 स्टॉल लगे हैं।
- राज्यस्तरीय पुरस्कार हेतु चयनित शिल्पियों में अंबालाल झारा, ढ़ोकरा शिल्पकार (रायगढ़), तिलोचनी देवांगन, तुमा शिल्पी (बस्तर), रेणु विश्वकर्मा, पेपर मेशी आर्ट शिल्पी (रायपुर), फरहारो प्रजापति, गोदना शिल्पी (सरगुजा) और प्रतिमा डहरवाल, भित्ति चित्र शिल्पी (रायपुर) को वर्ष 2019-20 का राज्यस्तरीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किया गया।
- इसी तरह जितेंद्र कुमार बैद्य, ढ़ोकरा शिल्पकार (कोंडागाँव) और चांईबाई झारा, ढ़ोकरा शिल्पी (रायगढ़), भागेलाल सोड़ी, लौह शिल्पकार (कोंडागाँव), दशरथ कश्यप, काष्ठ शिल्पकार, (बस्तर) तथा चंपा पावले, गोदना शिल्पी (सरगुजा) को वर्ष 2020-21 का राज्यस्तरीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किया गया।
- कार्यक्रम में आईआईसीडी जयपुर से उत्तीर्ण हुए छात्रों में राजेश कुमार, दीपक झोरका, मनोज कुमार तथा राजेंद्र को वर्ष 2020 (क्राफ्ट डिजाइन) हार्ड मटीरियल एप्लीकेशन में 4 वर्षीय डिप्लोमा के लिये प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
- उल्लेखनीय है कि यह जगार-2022 मेला कोरोना संक्रमण काल के कारण दो वर्षों बाद लगा है। इस मेले में हस्तशिल्प के विभिन्न उत्पादों के साथ ही हथकरघा, खादी ग्रामोद्योग, माटीकला के अनेक आकर्षक उत्पादों की प्रदर्शनी बिक्री के लिये लगाई गई है।
- इन स्टॉलों में से छत्तीसगढ़ के लिये कुल 80 स्टॉल आवंटित किये गए हैं। वहीं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर के शिल्पकार 60 स्टॉलों में अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
- जगार मेला-सह प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प बेलमेटल शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बाँस शिल्प कालीन शिल्प, शिसल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छिंद काँसा, हथकरघा वस्त्रों में कोसे की साड़ियाँ, दुपट्टा, सलवार-सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट, चादरें एवं विभिन्न प्रकार के रेडीमेड वस्त्र का प्रदर्शन सह-विक्रय किया जाएगा।
- जगार मेला-2022 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की चिकनकरी, बनारस की बनारसी साड़ी, मध्य प्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी एवं टीकमगढ़ का ब्रांस, पश्चिम बंगाल का जूटवर्क, कांथावर्क एवं बंगाली साड़ियों के अतिरिक्त पंजाब की फूलकारी, राजस्थान की मोजरी व गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार एवं जम्मू-कश्मीर सहित कुल 11 राज्यों की शिल्प कलाओं का संग्रह देखने को मिल रहा है।
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