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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 May 2023
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पेराई सत्र 2023-24 के लिये गन्ने के सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी

चर्चा में क्यों?

15 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा पेराई सत्र 2023-24 के लिये गन्ने की सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • गन्ना आपूर्ति नीति के आधार पर ही प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की पर्चियों के जारी करने सहित गन्ना आपूर्ति के लिये विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिये हैं।
  • संजय भूसरेड्डी ने बताया कि इस वर्ष की आपूर्ति नीति में प्रति कृषक गन्ना सट्टे की सीमा सीमांत कृषक (1 हेक्टेयर तक) के लिये अधिकतम 850 कुंतल से बढ़ाकर 900 कुंतल, लघु कृषक (2 हेक्टेयर तक) के लिये 1,700 कुंतल से बढ़ाकर 1,800 कुंतल तथा सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) के लिये 4,250 कुंतल से बढ़ाकर 4,500 कुंतल की गई है।
  • उपज बढ़ोतरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमांत, लघु एवं सामान्य कृषक के लिये क्रमश : 1,350 कुंतल से बढ़ाकर 1,400 कुंतल, 2,700 कुंतल से बढ़ाकर 2,800 कुंतल तथा 6,750 कुंतल से बढ़ाकर 7,000 कुंतल निर्धारित की गई है।
  • राज्य में छोटे किसानों को बड़ी राहत देते हुए अब 60 कुंतल की जगह 72 कुंतल तक के सट्टा धारक गन्ना किसानों को छोटे कृषक की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। इससे इन सट्टा धारकों को 45 दिन के अंदर गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिल सकेगी।
  • इस वर्ष की सट्टा आपूर्ति में भूमि क्रय-विक्रय के प्रकरणों में बेसिक कोटा हस्तांतरण, ड्रिप विधि से सिंचाई करने वाले कृषकों को सट्टे में प्राथमिकता, सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके विधिक उत्तराधिकारियों को गन्ना आपूर्ति में प्राथमिकता, उत्तम गन्ना कृषकों को उपज बढ़ोतरी हेतु नि:शुल्क प्रार्थना-पत्र देने की सुविधा एवं सट्टाधारक सदस्य कृषक की मृत्यु पेराई सत्र के दौरान होने पर सट्टा चालू रखे जाने संबंधी अन्य प्राविधान भी प्रमुख हैं।
  • आपूर्तिकर्त्ता किसानों की अधिकतम गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिये गत दो वर्ष, तीन वर्ष एवं पाँच वर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति में से अधिकतम औसत गन्ना आपूर्ति को पेराई सत्र 2023-24 के लिये बेसिक कोटा माने जाने के निर्देश दिये गए हैं। इससे न केवल कृषकों की गन्ना आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी बल्कि चीनी मिलों को भी अधिक गन्ना प्राप्त हो सकेगा।
  • इसके अलावा, जो कृषक पेराई सत्र 2022-23 में नये सदस्य बने हैं तथा एक वर्ष ही गन्ना आपूर्ति किये हैं, उनके एक वर्ष की गन्ना आपूर्ति को ही बेसिक कोटा माना जाएगा। अंतिम कैलेंडर स्मार्ट गन्ना किसान (ई.आर.पी.) की वेबसाइट caneup.in एवं मोबाईल ऐप E Ganna पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। कृषकों के लिये अतिरिक्त टर्मिनल लगाकर पूछ-ताछ केंद्र स्थापित किया जाएगा।
  • राज्य में सैनिकों, अद्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके विधिक उत्तराधिकारियों को सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर गन्ना आपूर्ति में 20 प्रतिशत की प्राथमिकता दी जाएगी।
  • इस वर्ष की आपूर्ति नीति में पेराई सत्र के मध्य यदि किसी गन्ना आपूर्ति कृषक का डबल बांड (दोहरा सट्टा) प्रकाश में आता है, तो ऐसे प्रकरण को केन इंप्लीमेंटेशन कमेटी की बैठक में रखकर संबंधित कृषक की गन्ना आपूर्ति/गन्ना मूल्य भुगतान पर रोक लगाए जाने की कार्यवाही की जाएगी।
  • इस व्यवस्था से गन्ना माफियाओं द्वारा अनियमित आपूर्ति अब संभव नहीं हो सकेगी।
  • गन्ना समितियों के 30 सितंबर, 2023 तक बने सदस्य ही आगामी सत्र में ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा पाएंगे। कृषकवार व ग्रामवार सर्वे सट्टा सूचियों का प्रदर्शन 20 जुलाई से 30 अगस्त, 2023 तक किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश के गाँवों में इस साल बनेंगे 6458 खेल मैदान

चर्चा में क्यों?

17 मई, 2023 को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिये राज्य सरकार द्वारा खेलकूद से संबंधित आधारभूत ढाँचे को मजबूत करने के क्रम में मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 6458 खेल मैदान बनाए जाएंगे।  

प्रमुख बिंदु  

  • मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6458 खेल मैदान बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।  
  • मनरेगा खेल मैदानों को मनरेगा पार्क के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। यहाँ पर बुजुर्गों के घूमने-टहलने के साथ-साथ बच्चों के मनोरंजन हेतु झूले और किशोरों के लिये ओपेन जिम भी बनेंगे।  
  • विदित है कि प्रदेश में 2017-18 से 2022-23 तक 5 सालों में 23,576 खेल मैदान व मनरेगा पार्क बनाए गए हैं। इनके निर्माण पर 852 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

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