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ग्लेशियर पिघलने से अलकनंदा के जलस्तर में एकाएक वृद्धि
चर्चा में क्यों?
16 मई, 2022 को चमोली ज़िले में अलकनंदा नदी के जलागम क्षेत्र के ग्लेशियर पिघलने से नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया, जिससे ज़िले में एक नई आपदा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट जारी कर लोगों को घाटों से हटाने के साथ ही एसडीआरएफ की टीम घाटों पर तैनात की गई है।
- गौरतलब है कि गत वर्ष फरवरी में उत्तराखंड के चमोली ज़िले के तपोवन-रैनी क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने से धौली गंगा और अलकनंदा नदियों में बड़े पैमाने पर फ्लैश फ्लड (Flash Flood) की घटना देखी गई थी, जिससे ऋषिगंगा बिजली परियोजना को काफी नुकसान पहुँचा था।
- अलकनंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि के लिये सतोपंथ तथा अलकापुरी बांक में ग्लेशियरों का तेज़ी से पिघलना उत्तरदाई है।
- अलकनंदा गंगा की दो मुख्य धाराओं में से एक है। दरअसल अलकनंदा और भागीरथी नदी देवप्रयाग में मिलने के बाद संयुक्त रूप से गंगा के नाम से जानी जाती हैं।
- अलकनंदा सतोपंथ ग्लेशियर से निकलती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में धौलीगंगा, नंदाकिनी, पिंडर आदि शामिल हैं।
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